विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
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एनक्यूएम समर्थित स्टार्टअप ने क्वांटम एन्क्रिप्टेड संचार और कंप्यूटिंग के लिए भारत के पहले स्वदेशी उच्च परिशुद्धता डायोड लेजर का प्रदर्शन किया

Posted On: 14 NOV 2025 3:40PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन द्वारा समर्थित तथा आईआईटी दिल्ली से जुड़े स्टार्टअप प्रेनिष्क प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित भारत का पहला स्वदेशी, उच्च-परिशुद्धता और कॉम्पैक्ट डायोड लेज़र देश की उभरती क्वांटम प्रौद्योगिकियों की क्षमता में एक महत्वपूर्ण छलांग का संकेत देता है। यह क्वांटम एन्क्रिप्टेड संचार और कंप्यूटिंग की दिशा में मार्ग प्रशस्त करता है।

उच्च-प्रदर्शन, परिशुद्धता-संचालित लेज़र को क्वांटम अनुसंधान, उच्च शिक्षा और उन्नत वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है। असाधारण बीम गुणवत्ता, उत्कृष्ट स्थिरता और दीर्घकालिक विश्वसनीयता प्रदान करते हुए, यह वैज्ञानिक और औद्योगिक प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ सहजता से एकीकृत होता है।

लेज़र का औपचारिक शुभारंभ 3 नवंबर 2025 को उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी 2025) में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय के. सूद, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

पराबैंगनी से लेकर निकट अवरक्त तक तरंगदैर्ध्य की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करने वाले संचालन की सरलता इन लेज़रों को क्वांटम प्रौद्योगिकियों का वास्तविक प्रवर्तक बनाती है। विशेष रूप से, यह लेजर वित्तीय और बैंकिंग उद्योग के लिए सुरक्षित लेनदेन, संवेदनशील ग्राहक जानकारी और महत्वपूर्ण व्यावसायिक डेटा की सुरक्षा के द्वार खोलेगा। ये परिशुद्ध लेजर फोटोनिक क्वांटम कंप्यूटरों को दवा की खोज और रासायनिक प्रक्रिया विश्लेषण जैसी पहले से गणना-अक्षम समस्याओं को हल करने में भी मदद करेंगे, जिससे समाज और पर्यावरण दोनों को लाभ होगा।

एकीकृत ड्राइवर इलेक्ट्रॉनिक्स विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में स्थिर आउटपुट शक्ति और तापमान नियंत्रित संचालन सुनिश्चित करता है। लेजर प्रणाली का छोटा आकार कम बिजली खपत के साथ उच्च दक्षता प्रदान करता है। इसका मुक्त-स्थान और वैकल्पिक फाइबर युग्मित ऑप्टिकल आउटपुट, प्लग-एंड-प्ले कॉन्फ़िगरेशन के साथ मिलकर इसे शैक्षिक और अनुसंधान प्रयोगशालाओं दोनों में एकीकरण के लिए उपयुक्त बनाता है।

तरंगदैर्घ्य और शक्ति स्थिरता के सटीक नियंत्रण को सक्षम करके, प्रेनिष्क के उच्च परिशुद्धता डायोड लेजर क्वांटम ऑप्टिकल प्रयोगों और क्वांटम अनुसंधान की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करते हैं, जिससे स्वदेशी क्वांटम-ग्रेड उपकरण विकसित करने में भारत की क्षमता मजबूत होती है।

ये लेज़र अपनी कम लागत, स्थापना में आसानी, न्यूनतम रखरखाव, कम वजन के साथ कॉम्पैक्ट डिजाइन और सुनिश्चित उपलब्धता के कारण विशिष्ट हैं। प्रदर्शन, दक्षता और सुलभता के संयोजन से, प्रेनिष्क के लेज़र भारत को लेज़र तकनीक और क्वांटम नवाचार में अग्रणी स्थान पर रखते हैं। यह नवाचार माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकी उत्पादों के विनिर्माण में एक अग्रणी वैश्विक शक्ति के रूप में देखते हैं। यह नवाचार डीएसटी-निधि प्रयास, राष्ट्रीय अंतर्विषयी साइबर भौतिक प्रणाली मिशन (एनएमआईसीपीएस) और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम), आई-हब क्वांटम टेक्नोलॉजी फाउंडेशन, आईआईएसईआर पुणे, फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी), आईआईटी दिल्ली, बिट्स बायोसाइटीएच फाउंडेशन और टीबीआई-केआईईटी के सहयोग से संभव हुआ।


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भारत का पहला उच्च परिशुद्धता और कॉम्पैक्ट डायोड लेजर ईएसटीआईसी 2025में लॉन्च किया गया

 

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