कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
नगर, स्थानीय सरकार एवं लोक निर्माण मंत्री श्री अहमद सलीम के नेतृत्व में मालदीव के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट की और शासन में भारत की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों पर चर्चा की
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मालदीव प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के दौरान मोदी सरकार के सुधारों और सहयोगात्मक सीख का विशेष उल्लेख किया
भारत और मालदीव महिला-नेतृत्व वाले विकास व तटीय प्रबंधन में गहन सहयोग की संभावना तलाश रहे हैं
एनसीजीजी ने सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण के माध्यम से भारत-मालदीव साझेदारी को सशक्त किया
Posted On:
14 NOV 2025 5:20PM by PIB Delhi
मालदीव के नगर, स्थानीय सरकार एवं लोक निर्माण मंत्री श्री अहमद सलीम ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग व कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं ने शासन-प्रशासन के क्षेत्र में भारत की श्रेष्ठतम कार्य प्रणालियों पर विस्तृत चर्चा की।
इसके बाद में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने मालदीव से आए 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से विस्तृत बातचीत की, जिसमें मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। यह प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) द्वारा आयोजित क्षमता-निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत आया है। मालदीव सरकार के अनुरोध पर तैयार किया गया यह कार्यक्रम भारत के प्रशासनिक अनुभव, सुशासन मॉडल और नीति क्रियान्वयन की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने पर केंद्रित है।
बातचीत के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का शासन मॉडल प्रौद्योगिकी-संचालित दक्षता, पारदर्शिता एवं स्थानीय सशक्तिकरण पर आधारित है और यह निरंतर सुधार तथा नवाचार के माध्यम से विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रणाली नीति-निर्माण और जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के बीच संतुलन स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करती है। यह एक ऐसा मॉडल है, जिससे उभरते लोकतांत्रिक ढांचे वाले देश अपनी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप अपनाकर लाभान्वित हो सकते हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने विशेष उल्लेख में कहा “हमारा अनुभव बताता है कि सुशासन का अर्थ केवल बड़े पैमाने पर सुधार लाना नहीं है, बल्कि नवीन, समावेशी और टिकाऊ दृष्टिकोणों के माध्यम से नागरिकों के दैनिक जीवन में वास्तविक, ठोस सुधार सुनिश्चित करना है।”
नगर, स्थानीय शासन एवं लोक निर्माण मंत्री अहमद सलीम के नेतृत्व में मालदीव के प्रतिनिधिमंडल ने भारत में नीति-निर्माण की प्रक्रिया, कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन तथा केंद्र और स्थानीय सरकारों के बीच प्रभावी समन्वय कैसे स्थापित किया जाता है, इसे समझने में गहरी रुचि व्यक्त की। प्रतिभागियों ने महिला-केंद्रित विकास मॉडल, सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने की भारतीय पहल और तटीय प्रबंधन एवं संसाधन उपयोग से संबंधित नीतिगत ढांचे के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्राप्त करने की इच्छा जताई।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत के व्यापक तटीय क्षेत्रों के प्रबंधन संबंधी अनुभवों पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा "डीप ओशन मिशन" और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग पर दिए गए विशेष जोर का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत किस तरह से महासागरीय अनुसंधान और तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ा रहा है। डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि भारत ने लक्षद्वीप जैसे द्वीपीय क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु विलवणीकरण तकनीकों का सफलतापूर्वक विकास किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि देश ने भौगोलिक चुनौतियों को वैज्ञानिक नवाचार और कुशल नीति-निर्माण के माध्यम से अवसरों में बदल दिया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने चर्चा के दौरान महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और शासन में लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करने के भारत के प्रयासों पर भी विशेष ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि भारत में अंतरिक्ष मिशनों से लेकर प्रमुख वैज्ञानिक परियोजनाओं तक राष्ट्रीय कार्यक्रमों का नेतृत्व करने वाली महिलाओं की संख्या उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों और महिला-नेतृत्व वाली उद्यमिता पहलों की व्यापक सफलता का भी उल्लेख किया, जिन्होंने न केवल समुदायों को सशक्त बनाया है बल्कि स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण रोजगार अवसर भी सृजित किए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने प्रतिभागियों को प्रशासनिक सुधार, महिला सशक्तिकरण और तटीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावना तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि भविष्य के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भारतीय नौकरशाही और शासन व्यवस्था से संबंधित विस्तृत मॉड्यूल शामिल किए जाएं। साथ ही, “जनरेशन ज़ी” के लिए प्रासंगिक युवा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण मॉडल भी जोड़े जाएं, ताकि नए युग के युवाओं को शासन में नेतृत्व, नवाचार तथा सक्रिय भागीदारी के लिए सक्षम बनाया जा सके।
इस संवाद ने क्षेत्रीय साझेदार देशों के साथ अपने शासन अनुभव साझा करने के प्रति भारत की वचनबद्धता को पुनः रेखांकित किया और पारस्परिक सीख, संस्थागत सहयोग तथा जन-केंद्रित विकास पर आधारित भारत-मालदीव संबंधों की निरंतर प्रगाढ़ता को भी प्रतिबिंबित किया। प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के समापन पर दोनों पक्षों ने यह आशा व्यक्त की कि शासन व लोक सेवा वितरण के क्षेत्र में ज्ञान तथा सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के सतत आदान-प्रदान के माध्यम से इस सहयोगात्मक भावना को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।



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