रसायन एवं पेट्रो-रसायन विभाग
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रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग ने देहरादून में रिसाइकिलिंग, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और सर्कुलर अर्थव्यवस्था पर शिखर सम्मेलन का आयोजन किया


डीसीपीसी, फिक्की और सिपेट ने सतत प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और उद्योग संबंधी सहयोग के लिए हाथ मिलाया

सीपेट, आईआईपी जैसे संस्थान हरित पेट्रोरसायन इको-सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण: डीसीपीसी सचिव

Posted On: 14 NOV 2025 5:39PM by PIB Delhi

रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग (डीसीपीसी) ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और केंद्रीय पेट्रोरसायन इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) के सहयोग से आज देहरादून में पेट्रोरसायन एवं प्लास्टिक क्षेत्र में रिसाइकिलिंग, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और सर्कुलर अर्थव्यवस्था पर एक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया।

इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत के पेट्रोरसायन और प्लास्टिक उद्योगों के लिए एक सतत और सर्कुलर रोडमैप विकसित करने हेतु हितधारकों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना था। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और उत्तरदायी विकास के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है।

रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग की सचिव सुश्री निवेदिता शुक्ला वर्मा ने मुख्य भाषण में कार्बन कैप्चर, उपयोग एवं भंडारण (सीसीयूएस) संरचना, राष्ट्रीय हरित भारत मिशन, बायोई3 नीति, सुदृढ़ विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) मानदंड, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली और नीति आयोग के कचरे से कंचन कार्यक्रम सहित प्रमुख सरकारी पहलों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने एक स्थायी पेट्रोरसायन इको-सिस्टम के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने और उद्योग-अकादमिक संबंधों को बढ़ावा देने में सीआईपीईटी और भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) जैसे संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। सुश्री वर्मा ने इस क्षेत्र के लिए एक हरित और प्रतिस्पर्धी भविष्य सुनिश्चित करने हेतु सर्कुलर विनिर्माण प्रणालियों, नवाचार-आधारित रिसाइकिलिंग प्रौद्योगिकियों और वैश्विक तौर पर सर्वोत्तम तौर-तरीकों को तेजी से अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, फिक्की पेट्रोरसायन एवं प्लास्टिक समिति के अध्यक्ष श्री प्रभ दास ने अपशिष्ट संग्रहण और रिसाइकिलिंग प्रणाली को मजबूत करने के महत्व पर बल दिया। अखिल भारतीय प्लास्टिक निर्माता संघ (एआईपीएमए) के अध्यक्ष श्री अरविंद मेहता ने उपभोक्ताओं के जिम्मेदार व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक जन जागरूकता का आह्वान किया और भारत से प्लास्टिक निर्यात की बढ़ती संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

बीसीजी के पार्टनर श्री नितेश शर्मा ने विस्तारित उत्पादनकर्ता उत्तरदायित्व (ईपीआर) के प्रभावी कार्यान्वयन के माध्यम से वैश्विक सर्कुलरिटी मानकों को प्राप्त करने में भारत की प्रगति पर जोर दिया, जबकि डीसीपीसी के संयुक्त सचिव (पेट्रोकेमिकल) श्री दीपक मिश्रा ने सर्कुलर पेट्रोकेमिकल रूटों में तेजी लाने और नवाचार एवं उद्योग साझेदारी के माध्यम से संसाधन की भरपाई को बढ़ाने पर अपने विचार साझा किए।

उद्घाटन सत्र में फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन, उत्तराखंड की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना और उद्योग जगत के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

यह शिखर सम्मेलन नीति निर्माताओं, उद्योग जगत की हस्तियों और शिक्षाविदों के बीच सार्थक जुड़ाव के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिसने भारत के पेट्रोकेमिकल और प्लास्टिक क्षेत्र के लिए एक स्थायी और सर्कुलर अर्थव्यवस्था के निर्माण की सामूहिक जिम्मेदारी की पुष्टि की।

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