वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
व्यापार एवं आर्थिक सहयोग पर भारत-रूस कार्य समूह की 26वीं बैठक के लिए वाणिज्य सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने मास्को का दौरा किया
Posted On:
13 NOV 2025 9:23PM by PIB Delhi
वाणिज्य सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी) के तत्वावधान में व्यापार और आर्थिक सहयोग पर भारत-रूस कार्य समूह की 26वीं बैठक के लिए रूसी संघ के आर्थिक विकास उप मंत्री श्री व्लादिमीर इल्यिचेव से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार की समीक्षा की, जो वर्ष 2014 के 25 अरब अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य से दोगुने से भी अधिक हो गया है, और वर्ष 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर के साझा लक्ष्य पर भी विचार किया। बैठक के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार और आर्थिक सहयोग के लिए एक दूरदर्शी प्रोटोकॉल को अंतिम रूप दिया गया और उस पर हस्ताक्षर किए गए।
वाणिज्य सचिव ने व्यापार के विस्तार और गहनता की संभावनाओं और बाजार तक पहुंच बढ़ाने के लिए विश्वास-निर्माण के उपाय प्रस्तावित किए। इन मुद्दों में भारतीय प्रतिष्ठानों की शीघ्र सूचीकरण और कृषि, विशेष रूप से समुद्री उत्पादों में रूस की पशु चिकित्सा और पादप स्वच्छता पर्यवेक्षण के लिए संघीय सेवा (एफएसवीपीएस) के साथ एक प्रणाली-आधारित दृष्टिकोण, और फार्मास्यूटिकल्स में पंजीकरण, नियामक निर्भरता और पूर्वानुमेय समय-सीमा को शामिल करते हुए एक समयबद्ध मार्ग शामिल थे। कार्य समूह ने इंजीनियरिंग वस्तुओं, रसायनों एवं प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि, चमड़ा और वस्त्रों में व्यापार के विस्तार के लिए संभावित सहयोग पर ध्यान दिया। इंजीनियरिंग वस्तुओं, स्मार्टफ़ोन, मोटर वाहन, रत्न एवं आभूषण, जैविक रसायन, वस्त्र और चमड़ा क्षेत्र में भारतीय उत्पादों की क्षमताओं का आकलन किया गया जो रूस के व्यापार में सहायक हो सकते हैं।
भारतीय पक्ष ने, सेवा क्षेत्र में रूसी संस्थाओं द्वारा भारतीय आईटी-बीपीएम, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और रचनात्मक सेवाओं की अधिक खरीद को प्रोत्साहित किया। रूसी बाजार में श्रम की कमी को पूरा करने के लिए भारतीय पेशेवरों की पूर्वानुमानित गतिशीलता को भी प्रोत्साहित किया गया। भारत का वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) इकोसिस्टम, जो वैश्विक जीसीसी का लगभग 45 प्रतिशत है, जिसके 1,700 से अधिक केंद्रों में लगभग 1.9 मिलियन पेशेवर कार्यरत हैं, को रूसी कंपनियों के लिए व्यापार निरंतरता, साइबर सुरक्षा, डिज़ाइन और विश्लेषण, और साझा सेवाओं को मजबूत करने, वस्तुओं और सेवाओं दोनों की आपूर्ति श्रृंखलाओं में लचीलापन बढ़ाने के लिए एक तैयार मंच के रूप में प्रस्तुत किया गया। भारतीय पक्ष ने द्विपक्षीय निवेश संधि करने में रूसी रुचि पर ध्यान दिया। दोनों पक्ष व्यवसायों, विशेष रूप से मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यमों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भुगतान समाधान तलाशने पर सहमत हुए।
भारत और रूस ने अपनी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की, जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है। चर्चाओं ने व्यापार विविधीकरण, वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में जोखिम-मुक्त और सतत आपूर्ति श्रृंखलाओं, तथा उत्पादन और आपूर्ति के विविधीकरण पर केंद्रित एक अग्रगामी एजेंडा निर्धारित किया, जो वर्ष 2030 के व्यापार उद्देश्य और एक मज़बूत, अधिक संतुलित आर्थिक जुड़ाव के अनुरूप है।

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