कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
डीजीटी और ऑटोडेस्क ने भारत के व्यवसायिक श्रमबल के लिए डिज़ाइन और कौशल निर्माण में वृद्धि के लिए हाथ मिलाया
Posted On:
06 NOV 2025 4:47PM by PIB Delhi
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के अंतर्गत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) और ऑटोडेस्क ने डिजिटल डिज़ाइन को बढ़ावा देने और देश भर के राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में शिक्षकों और प्रशिक्षकों के बीच कौशल निर्माण हेतु एक औपचारिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस पहल का उद्देश्य प्रशिक्षकों और शिक्षकों की डिजिटल क्षमताओं को सुदृढ़ करना, छात्रों में रोजगारपरक कौशल में विकास और वास्तुकला, इंजीनियरिंग, विनिर्माण और निर्माण जैसे उद्योगों की ज़रूरतों के लिए भारत में कार्यबल को तैयार करना है।
एक समारोह में एमएसडीई की सचिव सुश्री देबाश्री मुखर्जी, डीजीटी के उप महानिदेशक श्री सुनील कुमार गुप्ता और एमएसडीई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, ऑटोडेस्क के अध्यक्ष और सीईओ एंड्रयू एनाग्नोस्ट, ऑटोडेस्क के कार्यकारी उपाध्यक्ष और मुख्य परिचालन अधिकारी स्टीव ब्लम, ऑटोडेस्क के एशिया-प्रशांत और जापान के उपाध्यक्ष हरेश खूबचंदानी और ऑटोडेस्क की भारत और सार्क उपाध्यक्ष कमोलिका गुप्ता पेरेज की उपस्थित में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।
ऑटोडेस्क की स्टेट ऑफ़ डिज़ाइन एंड मेक रिपोर्ट 2025 के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 52 प्रतिशत भारतीय संगठनों के अनुसार भविष्य में एआई-संबंधित कौशल उनकी नियुक्ति की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। अगले तीन वर्षों में, यह साझेदारी ऑटोडेस्क की वैश्विक डिज़ाइन एंड मेक विशेषज्ञता को व्यावसायिक शिक्षा में डीजीटी के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ जोड़कर, एआई में तेज़ी से हो रही प्रगति, उद्योग नवाचार और उभरते करियर के साथ कौशल विकास को जोड़ेगी। डीजीटी के साथ इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, ऑटोडेस्क 14,500 से अधिक आईटीआई और 33 एनएसटीआई के शिक्षकों और छात्रों तक अपने पेशेवर-स्तरीय सॉफ़्टवेयर का विस्तार करेगा, जिससे प्रशिक्षक बड़ी संख्या में युवा शिक्षार्थियों को कौशल प्रदान कर सकेंगे। साथ ही भारत के व्यावसायिक इको-सिस्टम में डिजिटल डिज़ाइन और विनिर्माण क्षमताओं को मज़बूत कर सकेंगे।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की सचिव श्रीमती देबाश्री मुखर्जी ने कहा, "ऑटोडेस्क के साथ यह साझेदारी उन्नत डिज़ाइन तकनीकों को व्यावसायिक शिक्षा में एकीकृत करके एनएसटीआई और आईटीआई के प्रशिक्षकों की क्षमताओं को काफ़ी बढ़ाएगी। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य अकादमिक शिक्षा और वास्तविक दुनिया के उद्योग नीतियों के बीच की खाई को समाप्त करना है। इससे हमारे प्रशिक्षक वैश्विक गुणवत्ता मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान कर सकें और कुशल, तकनीक-संचालित प्रतिभाओं का केंद्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा में सहयोग मिल सके।"
ऑटोडेस्क के अध्यक्ष और सीईओ श्री एंड्रयू एनाग्नोस्ट ने इस अवसर पर कहा, "ऑटोडेस्क को कुशल प्रतिभाओं के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बनने के भारत के विजन का सहयोग करने पर गर्व है। डीजीटी के साथ हमारी साझेदारी शिक्षकों और छात्रों को उन्नत डिजिटल उपकरणों और उद्योग-संबंधित शिक्षा से सशक्त बनाने के लिए है, जिनकी उन्हें तेज़ी से बदलती दुनिया में आगे बढ़ने के लिए आवश्यकता है। जैसे-जैसे एआई डिज़ाइन और निर्माण में परिवर्तन ला रहा है, एआई-तैयार प्रतिभाओं की मांग पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। उन्नत डिज़ाइन और निर्माण तकनीक में भारत के कौशल विकास को मज़बूत करके, हम एक ऐसे कार्यबल के निर्माण में मदद कर रहे हैं जो आज और भविष्य में अवसरों के लिए तैयार है।"
इस पहल में शैक्षिक कार्यक्रमों, पाठ्यक्रम, शिक्षण गतिविधियों का संयुक्त विकास और ऑटोडेस्क की प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना शामिल होगा।
यह सहयोग भारत के कौशल भारत मिशन का समर्थन करने और शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण में डिजिटल डिज़ाइन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ऑटोडेस्क की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ऑटोडेस्क दुनिया भर के छात्रों और शिक्षकों को अपनी डिज़ाइन और निर्माण तकनीकों तक निशुल्क पहुंच प्रदान करता है। साथ ही व्यापक पाठ्यक्रम, व्यावहारिक प्रशिक्षण और शिक्षण संसाधन भी प्रदान करता है। इसके अलावा, ऑटोडेस्क प्रमाणन कार्यक्रमों में निवेश करता है जिससे छात्रों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने और नौकरी के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करने में मदद मिलती हैं। 1,600 ऑटोडेस्क लर्निंग पार्टनर्स का वैश्विक नेटवर्क संकाय कौशल विकास में सहयोग देता है साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि शिक्षकों के पास नवीनतम उद्योग कौशल सिखाने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों।
डीजीटी के बारे में
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के अंतर्गत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) देश में महिलाओं के प्रशिक्षण सहित व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय नीतियां, मानक और समन्वय तैयार करने के लिए शीर्षतम निकाय है।
यहां औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के अधीन कार्य करते हैं, वहीं डीजीटी समग्र नीति, गुणवत्ता, प्रशिक्षक प्रशिक्षण और ट्रेड परीक्षण की देखरेख करता है। शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस), शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एटीएस), और शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) जैसी प्रमुख योजनाओं के माध्यम से, डीजीटी 14,500 से अधिक आईटीआई, 33 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) और प्रशिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीओटी) के माध्यम से बड़े पैमाने पर कौशल विकास सुनिश्चित करता है, और देश भर में 23 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान करता है।
यह एआई, आईओटी, मेक्ट्रोनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, 3डी प्रिंटिंग और ड्रोन तकनीक जैसे नए युग के व्यवसायों के साथ आईटीआई के आधुनिकीकरण को भी गति दे रहा है। उद्योग जगत से जुड़ाव को मज़बूत करने के लिए, डीजीटी दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली (डीएसटी) और फ्लेक्सी-एमओयू मॉडल को बढ़ावा देता है, साथ ही प्रशिक्षुओं में उद्योग के लिए तत्परता और डिजिटल क्षमता बढ़ाने के लिए रोज़गार कौशल को एक अनिवार्य घटक के रूप में शामिल करता है।
ऑटोडेस्क के बारे में
दुनिया भर के डिज़ाइनर, इंजीनियर, निर्माता और रचनाकार किसी भी चीज़ को डिज़ाइन और अन्य कुछ भी डिजाइन बनाने में मदद के लिए ऑटोडेस्क पर भरोसा करते हैं। जिन इमारतों में हम रहते और काम करते हैं, उन कारों तक, जिन्हें हम चलाते हैं और जिन पुलों पर हम ड्राइव करते हैं। उन उत्पादों से जिनका हम उपयोग करते हैं और जिन पर हम भरोसा करते हैं, उन फिल्मों और खेलों तक जो हमें प्रेरित करते हैं। ऑटोडेस्क का डिज़ाइन और मेक प्लेटफ़ॉर्म अंतर्दृष्टि में तेजी लाने और प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए डेटा की शक्ति को अनलॉक करता है, हमारे ग्राहकों को हमारे आसपास की दुनिया बनाने और उनके व्यवसाय और स्थान के लिए बेहतर परिणाम देने के लिए प्रौद्योगिकी को मजबूत बनाता है। अधिक जानकारी के लिए autodesk.com पर जाएं या @autodesk फ़ॉलो करें।


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