जनजातीय कार्य मंत्रालय
जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा का उत्सव देश भर में हर्षोल्लास के साथ जारी
संस्कृति, शिक्षा और सामुदायिक भागीदारी के ज़रिए भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाने के लिए राष्ट्रव्यापी गतिविधियाँ
Posted On:
05 NOV 2025 7:43PM by PIB Delhi
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में चल रहे जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा (1-15 नवंबर 2025) के तहत, देश भर में सांस्कृतिक, शैक्षिक और जागरूकता गतिविधियों की एक श्रृंखला आयोजित की जा रही है। ये तमाम समारोह भारत की अपनी जनजातीय विरासत के प्रति गहरे सम्मान और राष्ट्र की तरक्की में जनजातीय समुदायों के उल्लेखनीय योगदान को दर्शाते हैं।
देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, इन कार्यक्रमों के दौरान जनजातीय समुदायों, छात्रों और संस्थानों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी जा रही है, जो माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और माननीय जनजातीय मामलों के मंत्री श्री जुएल ओराम के मार्गदर्शन में गौरव, एकता और सशक्तिकरण की साझा भावना को दर्शाता है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में, जारवा क्षेत्र में एक वृक्षारोपण अभियान चलाया गया, जो जनजातीय समुदायों और प्रकृति के बीच गहरे रिश्तों का प्रतीक है और पारिस्थितिक संरक्षण को भी बढ़ावा देता है।

आंध्र प्रदेश में, इस मौके पर समारोह के दौरान में कई शैक्षिक और क्षमता निर्माण पहलों का आयोजन किया गया:
- सिरपुर टी, केबी आसिफाबाद में एक चित्रकला प्रतियोगिता ने छात्रों को जनजातीय संस्कृति और पहचान को रचनात्मक रूप से व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

- एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी (आईटीडीए), पार्वतीपुरम ने अधिकारियों और क्षेत्रीय कर्मचारियों के लिए प्रमुख पहलों - पीएम जनमन, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और आदि कर्मयोगी अभियान पर एक अभिविन्यास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
- इसी प्रकार, आईटीडीए नेल्लोर ने 17 विभागों के साथ एक दिवसीय अभिविन्यास सत्र आयोजित किया, जिसमें विस्तृत प्रस्तुतियों और चर्चाओं के ज़रिए मंत्रालय के 25 प्रमुख जनजातीय विकास गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।


ओडिशा में, भगवान बिरसा मुंडा को समर्पित एक चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया, जिसमें जनजातीय और समकालीन कलाकारों की कृतियाँ प्रदर्शित की गईं। हर कैनवास ने महान स्वतंत्रता सेनानी के साहस, दूरदर्शिता और उनकी चिरस्थायी विरासत को जीवंत रूप से चित्रित किया, जिसमें कलात्मक रचनात्मकता और सांस्कृतिक श्रद्धा का बेहतरीन तालमेल साफ दिखा।


उधर तेलंगाना में, बिरसा मुंडा जयंती-150वीं वर्षगांठ समारोह राजकीय अनुसूचित जनजाति कन्या महाविद्यालय छात्रावास, नगरम (मेडचल-मलकजगिरी जिला) में पुष्पांजलि और माला पहनाकर महान जनजातीय आदर्श को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

सिक्किम में, जनजातीय छात्र खेलकूद प्रतियोगिता सह स्वास्थ्य शिविर, खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्टता केंद्र, गंगटोक में आयोजित किया गया, जिसका मकसद जनजातीय युवाओं में फिटनेस, स्वास्थ्य जागरूकता और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देना था।

महाराष्ट्र भर के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) ने रचनात्मक प्रतियोगिताओं के साथ इस समारोह में भाग लिया:
- ईएमआरएस कोरची में कविता पाठ प्रतियोगिता
- ईएमआरएस गेवर्धा में निबंध और रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता



इन तमाम गतिविधियों ने छात्रों को अपनी आवाज़ और कल्पना के ज़रिए आदिवासी इतिहास, संस्कृति और गौरव को तलाशने के लिए प्रेरित किया।
जैसे-जैसे जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा आगे बढ़ रहा है, देश भर के समुदाय, संस्थान और युवा भगवान बिरसा मुंडा की सदैव स्थायी विरासत का जश्न मनाने के लिए एकजुट हो रहे हैं और शिक्षा, पर्यावरण, कला और जागरूकता के ज़रिए जनजातीय सशक्तिकरण के लिए अपनी तरफ से राष्ट्रीय प्रतिबद्धता ज़ाहिर कर रहे हैं।
पीके/केसी/एनएस
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