वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद का आर्थिक सहयोग हेतु भारत-रोमानिया संयुक्त समिति की 19वीं बैठक के लिए रोमानिया का दौरा


रोमानिया हर साल 30 हज़ार महत्वाकांक्षी भारतीयों के लिए रोज़गार के अवसर देगा

Posted On: 03 NOV 2025 6:52PM by PIB Delhi

वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद भारत और रोमानिया के बीच आर्थिक सहयोग के लिए संयुक्त समिति (जेसीईसी) की 19वीं बैठक में भाग लेने के लिए रोमानिया सरकार के निमंत्रण पर बुखारेस्ट की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

हेनरी कोआंडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आगमन पर, मंत्री का स्वागत अर्थव्यवस्था, डिजिटलीकरण, उद्यमिता और पर्यटन मंत्रालय के राज्य सचिव श्री गेब्रियल बोगदान स्टेको  और विदेश व्यापार विभाग, ARICE के प्रबंध निदेशक श्री सोरिन मिहाई टोडर ने किया।

यात्रा के दौरान मंत्री ने श्रम, परिवार, युवा और सामाजिक एकता मंत्री महामहिम श्री पेट्रे-फ्लोरिन मनोले के साथ कौशल-आधारित गतिशीलता पर सहयोग पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की। श्री प्रसाद ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक अरब से अधिक कामकाजी आयु के लोगों और 29 वर्ष की औसत आयु के साथ, भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत विकसित और विकासशील दोनों देशों के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में वैश्विक समृद्धि में योगदान देना जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा कि तेजी से विस्तार कर रहे विनिर्माण और प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में भारत, लगभग 45% वैश्विक क्षमता केंद्रों की मेजबानी करता है और अग्रणी प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश कर रहा है। इस संदर्भ में, उन्होंने रेखांकित किया कि विकसित हो रहे भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक परिवेश में भारत-यूरोपीय संघ का मजबूत सहयोग पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

दोनों पक्षों ने रोमानिया की लगभग 1,00,000 गैर-यूरोपीय संघ (ईयू) श्रमिकों की वार्षिक आवश्यकता पर ध्यान दिया और रोमानिया की क्षेत्रीय श्रम बाजार आवश्यकताओं के अनुरूप, प्रतिवर्ष लगभग 30,000 कुशल और आकांक्षी भारतीय पेशेवरों के लिए एक मार्ग बनाने की तत्परता व्यक्त की। मंत्रियों ने कुशल पेशेवरों के सुरक्षित, व्यवस्थित, नियमित और जिम्मेदार प्रवास को बढ़ावा देने के लिए भारत और रोमानिया के बीच एक मजबूत गतिशीलता साझेदारी बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की - जिससे पारस्परिक लाभ के लिए श्रम बाजार संपर्क में वृद्धि होगी।

उन्होंने उच्च शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार, थिंक टैंक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाकर लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर भी सहमति व्यक्त की - जिसका उद्देश्य प्रतिभाओं के संचलन को बढ़ावा देना, कौशल विकास का समर्थन करना और भावी पीढ़ियों में निवेश करना है।

चर्चाओं में भर्ती, भाषा और व्यावसायिक प्रशिक्षण, मानकीकृत रोजगार अनुबंधों और नियोक्ता दायित्वों में सहयोग के साथ-साथ सत्यापित नियोक्ताओं के लिए त्वरित प्रक्रिया पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने अधिकारियों को योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता की संभावना तलाशने का काम सौंपा। सामाजिक सुरक्षा निश्चितता के महत्व को स्वीकार करते हुए, उन्होंने एक समग्रीकरण (सामाजिक सुरक्षा) समझौते की संभावना पर भी चर्चा की।

दोनों पक्ष प्रमुख स्तंभों—कौशल गतिशीलता का विस्तार, ज्ञान के आदान-प्रदान को गहन बनाना, व्यावसायिक समुदायों को शामिल करना और संस्थागत ढाँचों को सुदृढ़ बनाना—में सक्षम कारकों को सक्रिय करके इस गति को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत-रोमानिया साझेदारी व्यापार, प्रौद्योगिकी और लोगों के बीच सहयोग के क्षेत्र में एकीकृत, लचीली और परिणाम-उन्मुख बनी रहे।

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पीके/केसी/वीएस/डीए


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