इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
भारतीय तटरक्षक बल डिजिलॉकर साझेदारी के साथ कागज़ रहित, विश्वसनीय और प्रौद्योगिकी-संचालित भविष्य की ओर अग्रसर
रक्षा डिजिटलीकरण, दक्षता में वृद्धि और सुरक्षित सेवा वितरण में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD) - तटरक्षक बल का सहयोग महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा
समझौता ज्ञापन डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो तटरक्षक बल को परिचालन दक्षता, पारदर्शिता और समुद्री कर्मियों के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित सेवा वितरण को मज़बूत करने के लिए सशक्त बनाएगा
दस्तावेज़ जारी करने और सत्यापन को सुव्यवस्थित करने, डेटा अखंडता को सुदृढ़ करने और व्यापक डिजिटल परिवर्तन की ओर तटरक्षक बल के संक्रमण को तेज़ करने के लिए डिजिलॉकर एकीकरण
Posted On:
29 OCT 2025 9:01PM by PIB Delhi
परिचालन दक्षता बढ़ाने और कागज़ रहित शासन को अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने डिजिलॉकर को इसके प्रशासनिक ढाँचे में एकीकृत करने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD) के साथ साझेदारी की है।

डिजिलॉकर को भारतीय तटरक्षक बल के साथ एकीकृत करने के लिए समझौता किया गया है। इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 27 अक्टूबर, 2025 को नई दिल्ली स्थित आईसीजी मुख्यालय में एनईजीडी के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री नंद कुमारम आईएएस और उप महानिदेशक (एचआरडी) आईजी ज्योतिंद्र सिंह ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर श्री नंद कुमारम ने कहा, "एनईजीडी और भारतीय तटरक्षक बल के बीच समझौता रक्षा सेवाओं में व्यापक डिजिटल परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रौद्योगिकी के माध्यम से संस्थानों को सशक्त बनाने, डेटा सुरक्षा को मजबूत करने, परिचालन दक्षता और भारत के समुद्री रक्षा कर्मियों के लिए सेवा वितरण के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।"

डिजिलॉकर के विश्वसनीय डिजिटल ढाँचे को अपनाकर, आईसीजी कागज़ रहित शासन और सुरक्षित डिजिटल सेवा वितरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मज़बूत करता है। यह रणनीतिक सहयोग डिजिटल दस्तावेज़ विनिमय प्लेटफ़ॉर्म स्थापित करेगा, जो डिजिलॉकर के माध्यम से सेवा अभिलेखों और अन्य दस्तावेज़ों को जारी करने और सत्यापित करने में सक्षम बनाएगा।
यह साझेदारी आईसीजी कर्मियों के सेवा अभिलेखों को जारी करने, उन तक पहुँचने और सत्यापित करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। इससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में अधिक दक्षता, पारदर्शिता और डेटा प्रामाणिकता आएगी।
डिजिलॉकर दस्तावेज़ जारी करने के लिए आईसीजी के विभिन्न विभागों के साथ एकीकृत होगा और कार्मिक अभिलेखों के आसान अपलोड, सुरक्षित भंडारण, पहुँच और सत्यापन के लिए डेटा प्रारूप विकसित करने में आईसीजी का समर्थन भी करेगा।
अधिकृत तटरक्षक अभिलेख कार्यालयों और इकाइयों को आईसीजी कर्मियों से संबंधित व्यापार और अनुभव प्रमाण पत्र, सेवा अभिलेख, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित और सत्यापन योग्य अभिलेख जैसे अन्य दस्तावेज़ जारी करने के लिए शामिल किया जाएगा।
डिजिलॉकर के साथ एकीकरण आईसीजी के भीतर विभिन्न प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा। भर्ती के दौरान, उम्मीदवारों के शैक्षणिक दस्तावेज़ सत्यापन डिजिटल रूप से किए जाएँगे, जिससे पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
यह एकीकरण भौतिक कागजी कार्रवाई को समाप्त करेगा, डेटा अखंडता सुनिश्चित करेगा और किसी भी समय, कहीं भी प्रमाणित डिजिटल रिकॉर्ड तक अधिकृत पहुँच को सक्षम करेगा।
यह पहल भविष्य में कल्याण और पेंशन कार्यप्रवाह को शुरू करने में भी सहायता करेगी। इससे आईसीजी के लिए एकीकृत और सुरक्षित डिजिटल दस्तावेज़ीकरण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा।
डिजिलॉकर का परिचय
डिजिलॉकर भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के प्रमुख घटकों में से एक है। यह डिजिटल दस्तावेज़ों के भंडारण, जारी करने और सत्यापन के लिए सुरक्षित, क्लाउड-आधारित प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है। इसे सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत कानूनी मान्यता प्राप्त है।
इसके 60 करोड़ से ज़्यादा पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और 8 अरब से ज़्यादा दस्तावेज़ जारी किए गए हैं। इसलिए यह डिजिलॉकर सुरक्षित डिजिटल दस्तावेज़ीकरण और सत्यापन के लिए राष्ट्रीय मानक बन गया है। भारतीय तटरक्षक बल के साथ एकीकरण भारत के रक्षा और सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में डिजिटल शासन को सक्षम बनाने में इसकी भूमिका को और बढ़ाता है।
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