संचार मंत्रालय
दूरसंचार विभाग (डीओटी) का लक्ष्य– ग्रामीण भारत में डिजिटल खाई पाटने के लिए “समृद्ध ग्राम फिजिटल सर्विसेज पायलट प्रोजेक्ट” को लागू करना है
टीसीओई इंडिया ने तीन गांवों में ‘समृद्ध ग्राम फिजिटल सर्विसेज पायलट प्रोजेक्ट’ लागू करने के लिए साझेदार संस्थाओं के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए
भारतनेट-संचालित के जरिए तीन गांवों को नागरिक-केंद्रित सेवाओं से जोड़ा जाएगा
‘समृद्धि केंद्र’ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और ई-गवर्नेंस सेवाएं गांवों तक पहुंचाएंगे
समझौते का फोकस सहयोग और रणनीतिक साझेदारी पर- ग्रामीण भारत के डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
Posted On:
29 OCT 2025 5:46PM by PIB Delhi
दूरसंचार उत्कृष्टता केंद्र (टीसीओई) ने तीन अग्रणी कार्यान्वयन भागीदारों – मध्य प्रदेश के अरी और उमरी में डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन (डीईएफ), उत्तर प्रदेश के चौरावाला में आई-नोवेट इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड और आंध्र प्रदेश के नारकोदुरु में कॉर्पस एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड – के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौते 'समृद्ध ग्राम फ़िजिटल सेवा पायलट' को शुरू करने के लिए किए गए हैं, जिसका उद्देश्य भारतनेट इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठाते हुए भौतिक और डिजिटल सेवाओं के सहज एकीकरण के माध्यम से ग्रामीण भारत को बदलना है।

‘समृद्ध ग्राम फिजिटल सर्विसेज पायलट प्रोजेक्ट’ को एक अभिनव फिजिटल (भौतिक + डिजिटल) सेवा मॉडल के रूप में विकसित किया गया है, जो ग्रामीण नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए जमीनी स्तर पर मौजूदगी को मज़बूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ता है। इस पहल के तहत भारतनेट कनेक्टिविटी का उपयोग करते हुए आवश्यक सेवाएं सहज, सतत और टिकाऊ रूप में गांवों तक पहुंचाई जाएंगी, ताकि हर ग्रामीण नागरिक अपने दैनिक जीवन में डिजिटल परिवर्तन का लाभ उठा सके।
दूरसंचार विभाग ने तीन गाँवों की पहचान की है जहाँ यह पायलट परियोजना चलाई जाएगी। ये गाँव मध्य प्रदेश में अरी और उमरी, आंध्र प्रदेश में नरकोदुरु और उत्तर प्रदेश में चौरावाला हैं। प्रत्येक गाँव में एक समृद्धि केंद्र होगा जो एक एकीकृत डिजिटल सेवा केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
ये समृद्धि केंद्र ग्रामीणों को व्यापक सेवाओं का एक समग्र पैकेज प्रदान करेंगे-
- शिक्षा और कौशल विकास: स्मार्ट क्लासरूम, एआर/वीआर-आधारित शिक्षण, और सरकारी योजनाओं/पहलों के अनुरूप डिजिटल कौशल विकास।
- कृषि: आईओटी-आधारित मिट्टी परीक्षण, ड्रोन सहायता और स्मार्ट सिंचाई प्रणाली।
- स्वास्थ्य सेवा: टेलीकंसल्टेशन, हेल्थ एटीएम, और आपातकालीन देखभाल।
- ई-गवर्नेंस: नागरिक सेवाओं, दस्तावेज़ीकरण और शिकायत निवारण तक सहायता प्राप्त पहुंच।
- ई-कॉमर्स: स्थानीय उद्यमिता के लिए ओएनडीसी (ओएनडीसी) और डिजिटल बाज़ारों के साथ एकीकरण।
- वित्तीय समावेशन: डिजिटल बैंकिंग और भुगतान।
- कनेक्टिविटी बैकबोन: ग्राम क्षेत्र नेटवर्क और सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट के साथ मजबूत भारतनेट एफटीटीएच (एफटीटीएच)।
ये समझौते टीसीओई इंडिया के निदेशक एवं सीईओ श्री राजेश शर्मा और कार्यान्वयन भागीदारों द्वारा दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल और व्यापार परिवर्तन इकाई के प्रमुख श्री अतुल सिन्हा की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किए गए।

ये समझौते टीसीओई इंडिया के निदेशक एवं सीईओ श्री राजेश शर्मा और कार्यान्वयन भागीदारों द्वारा दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल और व्यापार परिवर्तन इकाई के प्रमुख श्री अतुल सिन्हा की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किए गए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने इस पहल के महत्व पर जोर दिया और इम्प्लीमेंटेशन पार्टनर्स से आग्रह किया कि इस पायलट प्रोजेक्ट को उत्कृष्टता के साथ और दीर्घकालिक स्थायित्व को ध्यान में रखते हुए लागू किया जाए, ताकि यह एक ऐसा मॉडल बन सके जिसे राष्ट्रीय स्तर पर दोहराया और विस्तारित किया जा सके, जिससे हर ग्रामीण नागरिक इस परिवर्तनकारी प्रयास का वास्तविक लाभ उठा सके।
यह साझा प्रयास दूरसंचार विभाग (डीओटी), टीसीओई और उसके साझेदारों की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है कि वे डिजिटल खाई को पाटने और ग्रामीण समुदायों को नागरिक-केंद्रित सेवाओं और अवसरों तक पहुंच दिलाने के लिए समर्पित हैं ताकि ‘डिजिटल इंडिया’ की परिकल्पना जमीनी स्तर पर साकार हो सके।
***
पीके/केसी/केजे/एसएस
(Release ID: 2183922)
Visitor Counter : 94