रक्षा मंत्रालय
सातवीं हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय वार्ता का शुभारंभ
Posted On:
28 OCT 2025 5:30PM by PIB Delhi
इंडो-पैसिफिक क्षेत्रीय वार्ता 2025 (आईपीआरडी 2025) आज नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में शुरू हुआ। इसका मूल विषय 'समग्र समुद्री सुरक्षा और विकास को बढ़ावा: क्षेत्रीय क्षमता निर्माण और क्षमता संवर्धन' है। आईपीआरडी 2025 भारतीय नौसेना के शीर्ष-स्तरीय अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक आउटरीच का लगातार सातवां आयोजन है। यह आयोजन हिंद-प्रशांत और उसके बाहर के नेताओं, नीति निर्माताओं, पेशेवरों, राजनयिकों, शिक्षाविदों और समुद्री विशेषज्ञों को मुख्य रूप से समुद्री हिंद-प्रशांत क्षेत्र के व्यापक विस्तार में महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श हेतु एक साथ लाता है।
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के 'उद्घाटन भाषण' से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अपने भाषण में उन्होंने महाशक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा, गैर-सरकारी ताकतों के उदय और गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों के बढ़ने के कारण समुद्री क्षेत्र में उत्पन्न रणनीतिक उथल-पुथल के बारे में बताया। उन्होंने इन समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए एक सहयोगात्मक समुद्री कार्यक्रम पर जोर दिया। इसके बाद बांग्लादेश, जापान, इंडोनेशिया, सिंगापुर और दक्षिण अफ्रीका के पांच प्रतिष्ठित वक्ताओं के साथ एक मनोरंजक सत्र हुआ, जिन्होंने 'जलवायु परिवर्तन के सुरक्षा प्रभावों से निपटने के लिए सहयोगात्मक क्षमता निर्माण और क्षमता संवर्धन' पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस सत्र से जो बात उभरकर सामने आई, उनमें जलवायु परिवर्तन के एक संयुक्त प्रभाव का आकलन और इसके प्रभावों को कम करने के लिए एक अखिल-क्षेत्रीय कार्य योजना के निर्माण की आवश्यकता शामिल हैं।
पहले दिन का मुख्य आकर्षण नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी का 'स्मारक संबोधन' था, जिसमें उन्होंने भारत के आर्थिक विकास और सुरक्षा के लिए समुद्री क्षेत्रों, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र की प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की समुद्री नीति, महासागर क्षेत्र में सभी के लिए समृद्धि और सुरक्षा की परिकल्पना करती है, नौसेना प्रमुख ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग और सहकारिता को प्रमुख साधन बताया। नौसेना प्रमुख ने भारतीय नौसेना के कैप्टन के.एस. विक्रमादित्य द्वारा लिखित और राष्ट्रीय समुद्री फाउंडेशन (एनएमएफ) द्वारा प्रकाशित 'फ्यूचर मैरीटाइम वारफेयर' नामक पुस्तक का भी विमोचन किया।
विशेष रूप से आयोजित एक सत्र, "चौपाल की चर्चा " में नौसेना के महानिदेशक, वाइस एडमिरल प्रदीप चौहान, भारत में जर्मन राजदूत, महामहिम डॉ. फिलिप एकरमैन, बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) के महासचिव श्री इंद्र मणि पांडे, फ्रांसीसी नौसेना के वाइस एडमिरल ऐनी कुलेरे और नई दिल्ली में नीदरलैंड के रक्षा अटैची कैप्टन जियोर्डी क्लेन के बीच एक रोचक बातचीत हुई। इस उत्साहपूर्ण और गहन बातचीत में विभिन्न दृष्टिकोणों पर चर्चा हुई, जिससे महासागर में निहित एक पारस्परिक और समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता सामने आई।
कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर (डॉ.) क्रिश्चियन बुएगर के 'विशेष संबोधन' के साथ पहले दिन की कार्यवाही समाप्त हुई। डॉ. बुएगर ने राष्ट्रीय समुद्री फ़ाउंडेशन की प्रमुख पत्रिका, मैरीटाइम अफेयर्स के एक विशेष संस्करण का भी विमोचन किया।
19 देशों के 40 प्रतिष्ठित वक्ताओं सहित शीर्ष स्तर की हस्तियों और प्रसिद्ध विशेषज्ञों को एक साथ लाते हुए, आईपीआरडी 2025 का आयोजन भारतीय नौसेना द्वारा, ज्ञान साझेदार के रूप में राष्ट्रीय समुद्री फाउंडेशन के सहयोग से किया जा रहा है।
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