स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने पीसी एवं पीएनडीटी अधिनियम, 1994 के कार्यान्वयन को सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता को दोहराने हेतु केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड की 31वीं बैठक बुलाई


2021-23 के एसआरएस आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत ने जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) में सुधार किया है, और कई राज्यों में एसआरबी के आंकड़े 917 के राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं: श्री नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सीएसबी बैठक के दौरान पीसी एवं पीएनडीटी अधिनियम, 1994 के प्रति संवेदनशीलता, क्षमता निर्माण और इसके कड़े कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया

Posted On: 28 OCT 2025 9:37PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज यहां केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड (सीएसबी) की 31वीं बैठक बुलाई, जिसमें पीसी एवं पीएनडीटी अधिनियम के कार्यान्वयन को सुदृढ़ बनाने और लिंग चयन एवं लिंग निर्धारण से जुड़ी चिकित्सा तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता दोहराई गई। बैठक के एजेंडे में लिंग संतुलन के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा और पिछली सीएसबी बैठक में तय किए गए विभिन्न कार्य बिंदुओं पर हुई प्रगति की समीक्षा शामिल थी।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 2021-23 की नवीनतम नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें राष्ट्रीय एसआरबी में सुधार दर्शाया गया है। राज्यवार प्रगति पर भी चर्चा की गई। अदालती मामलों के निपटारे, परिसरों के निरीक्षण और सुविधाओं के पंजीकरण के माध्यम से सामने आए प्रदर्शन परिणामों ने समय के साथ निरंतर सुधार को दर्शाया। चर्चा के प्रमुख विषय यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित थे कि लैंगिक संतुलन को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर प्रभावी कार्रवाई समय की मांग है।

श्री नड्डा ने प्रौद्योगिकी-संचालित चुनौतियों से निपटने के लिए 6 अक्टूबर 2025 को आयोजित राष्ट्रीय संवेदीकरण कार्यशाला का भी उल्लेख किया और पोर्टेबल डायग्नोस्टिक उपकरणों और लिंग निर्धारण के लिए ऑनलाइन विज्ञापनों जैसी उभरती डिजिटल युग की चुनौतियों पर प्रभावी कार्रवाई पर जोर देते हुए प्रवर्तन एवं जागरूकता को मजबूत करने के लिए प्रमुख हितधारकों के बीच और अधिक राज्य-स्तरीय कार्यशालाओं और चर्चाओं की आवश्यकता की बात कही। उन्होंने कहा कि संवेदीकरण गतिविधियां, राज्यवार बातचीत और समीक्षा और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना एक नियमित प्रक्रिया होनी चाहिए। पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम के सख्त प्रवर्तन के माध्यम से लैंगिक संतुलन सुनिश्चित करने के महत्व को प्रचारित करने में प्रभावी कार्रवाई एक प्रेरक शक्ति है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तराखंड, हरियाणा आदि राज्यों द्वारा लिंग-भेदभावपूर्ण लिंग चयन से निपटने के लिए उनकी नवीन रणनीतियों सहित, उठाए गए सक्रिय कदमों का भी उल्लेख किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने एसआरबी में और सुधार लाने हेतु पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम के कार्यान्वयन को सुदृढ़ करने हेतु केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उचित प्रतिबद्धता के साथ उठाए गए कदमों का विवरण दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया कि बालिकाओं का स्वास्थ्य और कल्याण एक प्रमुख प्राथमिकता क्षेत्र बना रहे, जिसे भारत भर में महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से हाल ही में संपन्न स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान (एसएनएसपीए) के दौरान भी उठाया गया था।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने लिंग-भेदभावपूर्ण लिंग चयन को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर चर्चा की। उन्होंने बालिकाओं के महत्व को बढ़ावा देने में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पहल के प्रभाव पर प्रकाश डाला। जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार पर चर्चा करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रगति और समन्वित प्रयास जारी रहने चाहिए।

सीएसबी सदस्यों ने विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया और आगे बढ़ने के उपाय सुझाए, साथ ही ध्यान देने योग्य विभिन्न पहलुओं पर बहुमूल्य जानकारी और अंतर्दृष्टि भी दी। विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर चर्चा किए गए प्रमुख क्षेत्रों में प्रमुख हितधारकों के साथ निरंतर संवाद और निरंतर निगरानी गतिविधियों के माध्यम से पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम के कार्यान्वयन को व्यापक रूप से मजबूत करने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दोहराया कि सीएसबी बोर्ड के अधिदेश को पूरा करने के लिए निर्देश और निगरानी प्रदान करने में सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा और पीसी एवं पीएनडीटी अधिनियम के कार्यान्वयन ढांचे को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास करता रहेगा।

इस अवसर पर डॉ. बायरेड्डी शबरी, संसद सदस्य (लोकसभा); डॉ. अजीत माधवराव गोपछड़े, संसद सदस्य (राज्यसभा); डॉ. अंजू राठी राणा, सचिव, विधि एवं न्याय मंत्रालय; डॉ. सुनीता शर्मा, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय; श्री लव अग्रवाल, अपर सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय; सुश्री गायत्री ए. राठौर, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, राजस्थान; सुश्री मीरा श्रीवास्तव (संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय); श्री राजेश कुमार, सीईओ, आई4सी (गृह मंत्रालय); डॉ. कौस्तुभ उपाध्याय (एडवोकेट) और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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पीके/केसी/एमपी


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