पर्यटन मंत्रालय
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पर्यटन मंत्रालय ने “एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य” दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए उदयपुर में राज्य पर्यटन मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया


ऐतिहासिक परामर्श ने भारत में 50 से अधिक वैश्विक रूप से मानकीकृत पर्यटन स्थलों के विकास के लिए मंच तैयार किया, जो निजी निवेश एवं प्रदर्शन-संबंधी प्रोत्साहनों द्वारा संचालित होगी

Posted On: 15 OCT 2025 6:21PM by PIB Delhi

पर्यटन मंत्रालय ने उदयपुर में दो दिवसीय राज्य पर्यटन मंत्रियों की बैठक आज सफलतापूर्वक संपन्न की। 14-15 अक्टूबर को आयोजित हुई इस ऐतिहासिक बैठक में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी देश के पर्यटन क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने हेतु एक सामूहिक योजना बनाने के लिए एकत्रित हुए।

इस बैठक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य किया, जो कि केंद्रीय बजट 2025-16 में घोषित एक आधारभूत पहल है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य प्रत्येक राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम एक वैश्विक स्तर का पर्यटन स्थल विकसित करना है जो देश की व्यापक विकसित भारत योजना के अनुरूप है।

उद्घाटन सत्र की शुरुआत पर्यटन सचिव, श्रीमती वी. विद्यावती ने उद्घाटन भाषण से की, जिसके बाद केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का संबोधन हुआ। अपने संबोधन में, श्री शेखावत ने इस महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण को साकार करने के लिए केंद्र, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों एवं निजी क्षेत्रों के बीच सहयोगी संघवाद एवं एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।

श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा, “यह बैठक भारतीय पर्यटन के लिए एक निर्णायक क्षण है।उन्होंने कहा, हम अपने संसाधनों, विशेषज्ञता एवं दृष्टिकोण के साथ ऐसे गंतव्यों का पोर्टफोलियो तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो न केवल देश की अविश्वसनीय विविधता का प्रदर्शन करे बल्कि अनुभव, अवसंरचना एवं स्थिरता के मामले में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बने।

दो दिनों तक आयोजित हुई इस बैठक में हितधारकों के साथ गंतव्य विकास एवं गंतव्य प्रबंधन की दोहरी रणनीतियों पर विस्तृत परामर्श किया गया। राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों ने राष्ट्रीय पर्यटन परिवर्तन एजेंडे के दो प्रमुख स्तंभों के अनुरूप, प्रतिष्ठित स्थलों के विकास के लिए अपना दृष्टिकोण एवं अवधारणा प्रस्तुत किया:

  1. 50 गंतव्यों का विकास: निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाले पर्यटन केंद्र विकास पर ध्यान केंद्रित।
  2. प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) प्रदान करना: गंतव्य प्रबंधन के उच्च मानकों को प्रोत्साहित एवं पुरस्कृत करने के लिए एक नया पीएलआई-आधारित गंतव्य परिपक्वता मॉडल की शुरुआत।

क्षेत्रीय स्तर पर प्रस्तुतियां आयोजित की गईं जिसमें प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ने वैश्विक आकर्षण के रूप में विकास के लिए एक संभावित गंतव्य को प्रदर्शित किया। दूसरे दिन, मसौदा एकीकृत पर्यटन संवर्धन योजना दिशा-निर्देशों पर एक विशेष परामर्श आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य भारत को घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में एक समग्र पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करना है।

बैठक का समापन श्री सुमन बिल्ला, अपर सचिव एवं पर्यटन महानिदेशक के समापन भाषण के साथ हुआ, जिन्होंने धन्यवाद ज्ञापन भी दिया। उन्होंने सभी हितधारकों से प्राप्त अमूल्य सुझावों की सराहना की और प्रस्तावित योजनाओं को अंतिम रूपरेखा एवं क्रियान्वयन में इस फीडबैक को शामिल करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता दोहराई।

यह सहयोगात्मक परामर्श भारत में एक जीवंत, चीरस्थायी एवं वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पूरे देश में आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।

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पीके/केसी/एके/ डीके


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