संसदीय कार्य मंत्रालय
संसदीय कार्य मंत्रालय, लंबित मामलों के निपटारे और स्वच्छता के लिए विशेष अभियान के तहत कर रहा निरंतर प्रगति
Posted On:
15 OCT 2025 6:19PM by PIB Delhi
संसदीय कार्य मंत्रालय लंबित मामलों के निपटारे और स्वच्छता पर चल रहे विशेष अभियान 5.0 के तहत निरंतर प्रगति कर रहा है, जिसका आयोजन 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 तक किया जा रहा है। यह अभियान 2021 से पिछले संस्करणों की सफलताओं पर आधारित है, और यह सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता, व्यवस्थित रिकॉर्ड प्रबंधन और लंबित संदर्भों के समयबद्ध निपटारे पर ज़ोर देता है।
प्रमुख गतिविधिया एवं प्रगति (15 अक्टूबर 2025 तक):
लोक शिकायतें: सभी 91 लंबिक लोक शिकायतों को सफलतापूर्वक निपटाया गया
लोक शिकायत अपीलें: एक अपील निस्तारित की गई जिससे लंबित मामले शून्य हो गए
रिकॉर्ड प्रबंधन:
· समीक्षा के लिए 117 भौतिक फाइलें चिह्नित की गईं, जिनमें से 42 की समीक्षा की जा चुकी है।
· 27 भौतिक फाइलें को हटा दिया गया है।
· समीक्षा के लिए 241 ई-फाइलें ली गईं; 145 ई-फाइलों की समीक्षा की गई है और उन्हें बंद कर दिया गया है।
· कुल मिलाकर 172 फाइलों को हटा दिया गया या बंद कर दिया गया है, जिससे परिचालन दक्षता में सुधार हुआ है और मूल्यवान कार्यालय स्थान खाली हुआ है।
स्वच्छता और ई-कचरा प्रबंधन:
· सभी अनुभागों में स्वच्छता अभियान चलाए गए हैं, जिसमें कचरे को उचित तरीके से अलग करने और पर्यावरण-अनुकूल निपटान पर ज़ोर दिया गया है।
· पर्यावरण दिशानिर्देशों के अनुसार निपटान के लिए पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामानों की पहचान की गई है।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समीक्षा: 9 अक्टूबर 2025 को, संसदीय कार्य मंत्रालय के अपर सचिव, डॉ. सत्य प्रकाश ने अभियान की प्रगति का आकलन करने के लिए विभिन्न अनुभागों का निरीक्षण किया। उन्होंने भौतिक फाइलों के निपटान में तेज़ी लाने, लंबित मामलों को कम करने, और एक स्वच्छ तथा व्यवस्थित कार्यालय वातावरण बनाए रखने के महत्व पर ज़ोर दिया।
आउटरीच एवं विशेष अभियान 5.0 के तहत संयोजन: मंत्रालय ने लोकसभा में नियम 377 के तहत लंबित मामलों, राज्यसभा में विशेष उल्लेख और संसदीय आश्वासनों के निपटारे में तेज़ी लाने के लिए भारत सरकार के सभी सचिवों को डी.ओ. पत्र जारी किए हैं।
नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (एनईवीए) को अपनाने में तेज़ी लाने के लिए, विशेष रूप से उन कुछ शेष राज्य विधानमंडलों को डी.ओ. पत्र भेजे गए हैं जो अभी तक इस प्लेटफॉर्म पर नहीं आए हैं। देश भर के अधिकांश विधानमंडल पहले ही डिजिटल हो चुके हैं और एनईवीए से जुड़ चुके हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य पूरी तरह से कागज़ रहित कार्यप्रणाली प्राप्त करना, अंतर-संस्थागत समन्वय को मजबूत करना, और विधायी तथा प्रशासनिक मामलों में लंबित मामलों को और कम करना है।
डिजिटल एवं टिकाउ प्रशासन: मंत्रालय ई-ऑफिस, ई-एचआरएमएस, सलाहकार समिति प्रबंधन प्रणाली, अधीनस्थ विधायी प्रबंधन प्रणाली, एनईवीए एप्लीकेशन, ओएएमएस, और राष्ट्रीय युवा संसद योजना पोर्टल जैसे प्लेटफॉर्मों के माध्यम से कागज़ रहित और कुशल कार्यप्रणाली को बढ़ावा देना जारी रखता है।
सर्वोत्तम कार्यप्रणाली: मंत्रालय को उसके उच्च स्तर के डिजिटल अपनाने के लिए जाना जाता है, जहाँ प्रमुख प्रशासनिक कार्य इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जाते हैं, और परिसर में कोई भौतिक रिकॉर्ड रूम नहीं रखा जाता है। यह मंत्रालय की डिजिटल इंडिया और स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, एक पूरी तरह से कागज़ रहित, कुशल और पारदर्शी कार्य वातावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रमुख एनईवीए (राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन) परियोजना सुशासन के एक मॉडल के रूप में कार्य करना जारी रखती है, जो राज्य विधानमंडलों के कागज़ रहित कामकाज को सक्षम बनाती है और पर्यावरण स्थिरता में योगदान देती है।
मंत्रालय स्वच्छता, पारदर्शिता, डिजिटल परिवर्तन, और कामकाज के सभी क्षेत्रों में दक्षता पर निरंतर ध्यान केंद्रित करते हुए, अक्टूबर 2025 के अंत तक सभी अभियान लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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