रक्षा मंत्रालय
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आईसीजीएस सचेत का मापुटो बंदरगाह पर आगमन, भारत और मोजाम्बिक के बीच समुद्री सहयोग एवं सुरक्षा साझेदारी का सशक्तिकरण


भारत के सागर विजन के तहत मोजाम्बिक को 20 मीट्रिक टन मानवीय सहायता और आपदा राहत सामग्री प्रदान की गई

Posted On: 11 OCT 2025 7:07PM by PIB Delhi

भारतीय तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोत (ओपीवी) आईसीजीएस सचेत का अफ्रीका में चल रही अपनी विदेशी तैनाती के हिस्से के रूप में 11, अक्टूबर 2025 को मोजाम्बिक के मापुटो बंदरगाह पर आगमन हुआ। यह यात्रा मित्र देशों के साथ समुद्री सहयोग को सुदृढ़ करने के प्रति भारत की वचनबद्धता को उजागर करती है। इसके साथ ही, यह यात्रा भारतीय तटरक्षक बल की परिचालन क्षमता और वैश्विक पहुंच के साथ-साथ सरकार के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास) दृष्टिकोण के अनुरूप क्षेत्रीय स्थिरता व साझेदारी को बढ़ावा देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर करती है।

भारत की मानवीय सहायता पहल के तहत, आईसीजीएस सचेत मोजाम्बिक के लिए 20 मीट्रिक टन मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सामग्री लेकर गया है, जिसमें चिकित्सा आपूर्ति के साथ आवश्यक दवाएं भी शामिल हैं। इन सामग्रियों को मोजाम्बिक के अधिकारियों को औपचारिक रूप से सौंपा जाएगा। यह कदम मोजाम्बिक की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली व आपदा प्रबंधन क्षमताओं को सशक्त बनाने के प्रति भारत के निरंतर सहयोग तथा प्रतिबद्धता को और सशक्त बनाता है।

मापुटो में अपने प्रवास के दौरान, आईसीजीएस सचेत का चालक दल मोजाम्बिक की समुद्री एजेंसियों के साथ पेशेवर आदान-प्रदान की एक श्रृंखला के माध्यम से जुड़ा रहेगा, जिसमें विशेष रूप से समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया (एमपीआर), समुद्री खोज एवं बचाव (एम-एसएआर) और समुद्री कानून प्रवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन गतिविधियों में विजिट, बोर्ड, सर्च एंड सीजर (वीबीएसएस) अभियानों पर जहाज पर प्रशिक्षण, संयुक्त प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मैत्रीपूर्ण खेल प्रतियोगिता शामिल हैं। इनका उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी सहभागिता क्षमता, व्यावसायिक सहयोग तथा पारस्परिक सौहार्द को और गहरा करना है।

व्यावसायिक गतिविधियों के अलावा, आईसीजीएस सचेत का चालक दल, एनसीसी कैडेटों और असम राइफल्स के कर्मियों के साथ मिलकर स्थानीय युवाओं के सहयोग से समुद्र तट सफाई तथा समुद्री जागरूकता कार्यक्रमों जैसे सामुदायिक कार्यों में भाग लेगा। ये पहल भारत सरकार के पुनीत सागर अभियान का हिस्सा हैं, जो समुद्री प्रदूषण से निपटने, पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने और जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से संचालित एक राष्ट्रव्यापी अभियान है।

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पीके/केसी/एनके/डीए


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