जल शक्ति मंत्रालय
ग्रामीण जल एवं स्वच्छता की मजबूत डिजिटल निगरानी के लिए डीडीडब्ल्यूएस और बीआईएसएजी-एन ने हाथ मिलाया
जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए जीआईएस-एकीकृत निर्णय समर्थन प्लेटफॉर्म के विकास हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
डीडीडब्ल्यूएस-बीआईएसएजी-एन साझेदारी से ग्रामीण जल एवं स्वच्छता के लिए डिजिटल आधार को बढ़ावा
Posted On:
06 OCT 2025 4:28PM by PIB Delhi
जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने आज नई दिल्ली स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के अंतर्गत एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था, भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए।

यह साझेदारी जल जीवन मिशन (जेजेएम) और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) (एसबीएम (जी)) पोर्टलों के लिए जीआईएस-एकीकृत निर्णय-समर्थन मंच के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नया मंच देश भर में ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता संबंधी पहलों के लिए डेटा-आधारित निर्णय प्रक्रिया, योजना, निगरानी और मूल्यांकन को बढ़ावा देगा।
डीडीडब्ल्यूएस के सचिव श्री अशोक के.के. मीणा ने इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संयुक्त सचिव (जेजेएम) श्रीमती स्वाति मीणा नाइक और बीआईएसएजी-एन के विशेष महानिदेशक श्री विनय ठाकुर ने श्री कमल किशोर सोन, एएस एंड एमडी-एनजेजेएम और दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया।
इस अवसर पर डीडीडब्ल्यूएस के सचिव श्री अशोक के.के. मीणा ने मिशन कार्यान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता को मजबूत करने के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीआईएसएजी-एन के साथ सहयोग से जेजेएम और एसबीएम (जी) के मौजूदा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अत्याधुनिक जीआईएस क्षमताएं आने की उम्मीद है, जिससे रीयल-टाइम विजुअलाइजेशन, विश्लेषण और जानकारी आधारित निर्णय समर्थन संभव होगा।
यह प्लेटफॉर्म ग्रामीण नल-जल आपूर्ति योजनाओं (आरपीडब्ल्यूएसएस) के निर्माण और मानचित्रण में भी सहायता करेगा, जिससे योजना-स्तरीय विशिष्ट पहचान पत्र (आईडी) सक्षम होंगे और घरेलू स्तर पर जल वितरण की गहन निगरानी संभव होगी, जिससे अन्य ग्रामीण बुनियादी ढांचा संबंधी पहलों के साथ संयोजन को सुगम बनाया जा सकेगा।
इस समझौते के तहत, बीआईएसएजी-एन डेटाबेस डिजाइन, मानचित्र निर्माण, डेटा माइग्रेशन, सॉफ्टवेयर विकास और सिस्टम एकीकरण सहित संपूर्ण सहायता प्रदान करेगा। इस प्लेटफॉर्म में ग्राउंड कंट्रोल सर्वेक्षण, डिजिटल फोटोग्रामेट्री, वेक्टर डेटा कैप्चर और विषयगत मानचित्रण जैसी उन्नत सुविधाएं भी शामिल होंगी।

महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पहल पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप होगी, जिससे जल और स्वच्छता संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर का अन्य क्षेत्रीय परिसंपत्तियों के साथ निर्बाध एकीकरण संभव होगा। यह संयोजन संसाधन के आवंटन को अनुकूलित करने, सेवा वितरण में सुधार लाने और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने में मदद करेगा।
यह सहयोग भारत सरकार के डिजिटल इंडिया विजन के अनुरूप है, जिसके अंतर्गत समावेशी और सतत विकास के लिए, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है। स्थानिक बुद्धिमत्ता को मिशन डेटा के साथ एकीकृत करके, डीडीडब्ल्यूएस और बीआईएसएजी-एन का लक्ष्य एक मजबूत डिजिटल इको-सिस्टम बनाना है, जो ग्रामीण जल और स्वच्छता सेवाओं की प्रभावी योजना और निगरानी में सहायक हो।
****
पीके/केसी/एसकेएस/केके
(Release ID: 2175509)
Visitor Counter : 33