कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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प्रधानमंत्री ने कौशल दीक्षांत समारोह में अखिल भारतीय आईटीआई टॉपर्स को सम्मानित किया, पीएम-सेतु का शुभारंभ किया और 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया; भारत के युवा सशक्तिकरण में एक महत्‍वपूर्ण उपलब्धि

Posted On: 04 OCT 2025 10:06PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में कौशल दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की और देश भर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के 46 अखिल भारतीय टॉपरों को सम्मानित किया। यह राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह का चौथा संस्करण था जो कौशल विकास को आकांक्षापूर्ण बनाने के लिए प्रधानमंत्री की प्रेरणा से शुरू की गई एक अनूठी पहल है।

इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने पीएम-सेतु (उन्नत आईटीआई के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन) का भी शुभारंभ किया। यह भारत भर में 1,000 सरकारी आईटीआई को आधुनिक, उद्योगों के अनुरूप प्रशिक्षण संस्थानों में बदलने के लिए 60,000 करोड़ रुपये की एक ऐतिहासिक केंद्र प्रायोजित योजना है।

पीएम-सेतु हब-एंड-स्पोक मॉडल पर काम करेगा जिसमें 200 आईटीआई हब 800 आईटीआई स्पोक से जुड़े होंगे। प्रत्येक हब उन्नत बुनियादी ढांचे, नवाचार और इनक्यूबेशन केंद्रों, उत्पादन इकाइयों, प्रशिक्षक प्रशिक्षण सुविधाओं और प्लेसमेंट सेवाओं से सुसज्जित होगा, जबकि स्पोक पहुंच और आउटरीच का विस्तार करेंगे। इस योजना में निम्नलिखित शामिल होंगे:

  • उद्योग के सहयोग से नए, मांग-आधारित पाठ्यक्रम शुरू करना और मौजूदा पाठ्यक्रमों में सुधार करना;
  • क्लस्टरों का प्रबंधन करने और परिणामोन्‍मुखी प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय एंकर उद्योग भागीदारों के साथ विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) स्थापित करना;
  • दीर्घकालिक डिप्लोमा, अल्पकालिक पाठ्यक्रम और कार्यकारी कार्यक्रमों के लिए मार्ग बनाना;
  • वैश्विक साझेदारी से उत्कृष्टता केंद्र के रूप में भुवनेश्वर (ओडिशा), चेन्नई (तमिलनाडु), हैदराबाद (तेलंगाना), कानपुर (उत्तर प्रदेश), लुधियाना (पंजाब) में 5 राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों को मजबूत करना।

पीएम-सेतु के पहले चरण के तहत देश भर में विविध क्षेत्रों और औद्योगिक तंत्र में फैले 15 हब-एंड-स्पोक आईटीआई समूहों की पहचान की गई है। इनमें सोनीपत (हरियाणा), विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश), बिजनौर और मेरठ (उत्तर प्रदेश), हरिद्वार (उत्तराखंड), उज्जैन (मध्य प्रदेश), बेंगलुरु शहरी (कर्नाटक), भरतपुर (राजस्थान), दरभंगा और पटना (बिहार), होशियारपुर (पंजाब), हैदराबाद (तेलंगाना), संबलपुर (ओडिशा), चेन्नई (तमिलनाडु), और गुवाहाटी (असम) शामिल हैं।

प्रत्येक क्लस्टर कौशल में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में कार्य करेगा यह क्‍लस्‍टर उन्नत बुनियादी ढांचे, आधुनिक ट्रेडों और उद्योग-आधारित प्रशिक्षण से सुसज्जित होगा जिससे आदर्श तंत्र का निर्माण होगा जिसे पूरे देश में दोहराया जा सकेगा।

स्कूली शिक्षा में एक परिवर्तनकारी कदम जोड़ते हुए, प्रधानमंत्री ने 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में स्थापित 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का भी वर्चुअल उद्घाटन किया।

ये प्रयोगशालाएं ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के स्कूली बच्चों को सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोटिव, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स, बीएफएसआई और पर्यटन जैसे 12 उच्च-मांग वाले क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई हैं। प्रत्येक प्रयोगशाला आधुनिक मशीनरी, डिजिटल उपकरणों और सिमुलेशन-आधारित शिक्षण मॉड्यूल से सुसज्जित है। एनईपी 2020 और सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुरूप, 1,200 व्यावसायिक शिक्षकों को उद्योग-अनुकूल शिक्षा प्रदान करने और भविष्य के लिए प्रतिभा तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। यह पहल यह सुनिश्चित करेगी कि कौशल विकास स्कूली स्तर से ही शुरू हो जिससे छात्रों को जीवन में कम उम्र से ही कई करियर के रास्ते तलाशने के अवसर मिले।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में भारत के कुशल कार्यबल को आकार देने में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की केंद्रीय भूमिका का उल्‍लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘आईटीआई न केवल औद्योगिक शिक्षा के प्रमुख संस्थान हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर भारत की कार्यशालाएं भी हैं।’’

उन्होंने कहा कि ये संस्थान लाखों युवा भारतीयों को व्यावहारिक ज्ञान और रोजगारपरक कौशल प्रदान कर रहे हैं जिससे वे देश की अर्थव्यवस्था में आत्मविश्वास से योगदान देने वाले व्यक्ति बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जैसे-जैसे भारत एक कौशल-आधारित अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, आईटीआई इस परिवर्तन का आधार बने रहेंगे और युवाओं को तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक बाजार में फलने-फूलने के लिए आवश्यक माध्‍यम प्रदान करेंगे।

इस अवसर पर बोलते हुए, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री, श्री जयंत चौधरी ने कहा: ‘‘आज, प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं को एक स्पष्ट संदेश दिया है - अपने कौशल पर ध्यान दें, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहें। ग्यारह साल पहले, जब उन्होंने एक समर्पित कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय बनाया था, तब उन्होंने एक विकसित भारत की मजबूत नींव रखी थी। कौशल दीक्षांत समारोह, पीएम-सेतु और स्किल लैब्स जैसी पहलों के साथ, हम प्रत्येक युवा भारतीय को आत्मनिर्भर, सक्षम और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने के उस दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रहे हैं।’’

ये घोषणाएं भारत को कौशल आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने, युवाओं को भारत और दुनिया भर में अवसरों के लिए तैयार करने और विकसित भारत @2047 की दिशा में यात्रा को तेज करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं।

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पीके/केसी/पीपी/वीके


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