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भारतीय नौसेना ने पैसिफिक रीच अभ्यास (एक्सपीआर-25) में अपनी वैश्विक पनडुब्बी बचाव क्षमता का सफल प्रदर्शन किया

Posted On: 01 OCT 2025 4:15PM by PIB Delhi

भारतीय नौसेना की पनडुब्बी बचाव इकाई (पूर्व) ने आईएनएस निस्तार पर सवार होकर रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी (आरएसएन) द्वारा आयोजित एक्सपीआर-25 में अपनी उत्कृष्ट सटीकता एवं कार्य कुशलता का प्रदर्शन किया। इस इकाई ने लगातार तीन दिनों तक अंतर्राष्ट्रीय पनडुब्बियों के साथ तीन सफल मिलाप अभियानों को पूरा किया, जिसके माध्यम से हस्तक्षेप और बचाव कार्यों की संपूर्ण क्षमताओं का प्रदर्शन हुआ। इस उल्लेखनीय उपलब्धि ने वैश्विक पनडुब्बी बचाव क्षेत्र में भारत की सशक्त स्थिति को और सुदृढ़ किया है।

इस अभ्यास का आयोजन 15-25 सितंबर, 2025 तक किया गया, जिसमें 40 से अधिक देशों ने भाग लिया। दो चरणों में संपन्न इस बहुपक्षीय अभ्यास का मुख्य उद्देश्य पनडुब्बी बचाव अभियानों में समन्वय एवं आपसी सहभागिता की क्षमताओं को विस्तार प्रदान करना था। इस दौरान तीन बचाव इकाइयां —एमवी स्विफ्ट रेस्क्यू (आरएसएन), जेएस चियोदा (जापान) और आईएनएस निस्तार—अपनी-अपनी मदर शिप्स से सवार होकर सक्रिय रूप से अभ्यास में शामिल रहीं। इन्होंने रिपब्लिक ऑफ कोरिया नेवी, जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेन्स फोर्स (जेएमएसडीएफ) और रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी (आरएसएन) की पनडुब्बियों के साथ-साथ ‘निष्क्रिय पनडुब्बियों’ (डीआईएसएसयूबी) की भूमिका निभा रही अन्य पनडुब्बियों के साथ संयुक्त अभ्यास किए।

तटीय चरण के दौरान हुए व्यावसायिक आदान-प्रदान और अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा संगोष्ठी ने भारत को अपने गहरे जलमग्न बचाव वाहन (डीएसआरवी) प्रणाली के दर्शन तथा बचावोपरांत चिकित्सा तैयारियों को प्रदर्शित करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। इसके बाद दक्षिण चीन सागर में आयोजित समुद्री चरण ऐतिहासिक उपलब्धियों का साक्षी बना। भारतीय डीएसआरवी टाइगर एक्स ने 23 सितंबर, 2025 को हिंद महासागर क्षेत्र से बाहर अपना पहला गोता लगाया और आरओके नौसेना की पनडुब्बी शिन डोल-सियोक (एस-082) के साथ पहली बार सफल मेटिंग कर इतिहास रचा। इसके अतिरिक्त, भारतीय डीएसआरवी ने आरएसएन की पनडुब्बी आरएसएस इनविंसिबल के साथ एक और उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की।

समापन समारोह 25 सितंबर, 2025 को आयोजित किया गया, जिसमें आरएसएन के नेतृत्व में एक समन्वित बचाव अभ्यास संपन्न हुआ, जो पैसिफिक रीच के इतिहास का पहला तीन-परिसंपत्ति (आर3) बचाव अभियान था। इस अभ्यास में आईएनएस निस्तार ने ऑपरेशन का नेतृत्व करते हुए डेटा का स्थानीयकरण और सर्वेक्षण किया तथा एमवी स्विफ्ट रेस्क्यू व जेएस चियोदा को आवश्यक जानकारी प्रदान की। इसके बाद, आरएसएस इन्विंसिबल द्वारा संकटग्रस्त पनडुब्बी का पीछा किए जाने पर भारत की आरओवी और भारतीय नौसेना की डीएसआरवी को शीघ्र तैनात किया गया, जिन्होंने गोता लगाने के एक घंटे के भीतर ही सफल मेटिंग हासिल कर ली। इस उल्लेखनीय प्रदर्शन ने भारतीय नौसेना की असाधारण दक्षता को उजागर किया और बहुराष्ट्रीय समन्वित आर3 बचाव के सफल निष्पादन में महत्वपूर्ण योगदान दिया—जो पैसिफिक रीच अभ्यास श्रृंखला में अपनी तरह का पहला उदाहरण था।

एक्सपीआर-25 ने भारत की पनडुब्बी बचाव क्षमता के इतिहास में एक मील का पत्थर स्थापित किया है। इस दौरान भारतीय डीएसआरवी ने पहली बार किसी विदेशी पनडुब्बी से सफलतापूर्वक मेटिंग की और एक बहुराष्ट्रीय समन्वित बचाव अभ्यास में सक्रिय भागीदारी निभाई। इन उपलब्धियों ने न केवल वैश्विक पनडुब्बी सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया है, बल्कि इस क्षेत्र में उसकी उन्नत क्षमताओं को भी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया है।

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पीके/केसी/एनके/डीके

 


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