संस्कृति मंत्रालय
सेवा पर्व 2025: विकसित भारत के रंग, कला के संग
Posted On:
30 SEP 2025 8:52PM by PIB Delhi
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक सेवा पर्व 2025 का आयोजन किया जा रहा है। यह पूरे देश में सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव का एक उत्सव है। इस सेवा पर्व का उद्देश्य समुदायों, संस्थानों और व्यक्तियों को सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव के एक सामूहिक आंदोलन से जोड़ना है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित है ।
सेवा पर्व 2025 के अंतर्गत, संस्कृति मंत्रालय द्वारा 30 सितंबर 2025 को त्रिशूर (केरल), कुरुक्षेत्र (हरियाणा), दीमापुर (नागालैंड), पापुम पारे (अरुणाचल प्रदेश), शिमला (हिमाचल प्रदेश) और भुवनेश्वर (ओडिशा) में “विकसित भारत के रंग, कला के संग” थीम के साथ विभिन्न प्रकार की कला कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में छात्र, कलाकार, शिक्षाविद, गणमान्य व्यक्ति और समुदाय के अग्रणीय उत्साहपूर्वक बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिससे देश भर में सांस्कृतिक समारोह और नागरिक दायित्व के प्रति संकल्प और मजबूत हुआ है।
30 सितंबर 2025 को संस्कृति मंत्रालय के संस्थानों द्वारा आयोजित कला कार्यशालाओं की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- शिमला, हिमाचल प्रदेश – रिज मॉल रोड और गेटी थिएटर (ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित)
शिमला में, रिज और गेटी थिएटर में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल मुख्य अतिथि और विधायक श्री जय राम ठाकुर विशेष अतिथि थे। उन्होंने प्रतिभागियों के उत्साह की सराहना की। कार्यक्रम में ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. नंद लाल ठाकुर भी उपस्थित थे।

- हरियाणा, कुरुक्षेत्र – कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और बहु कला केंद्र (उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित)
कुरुक्षेत्र में, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और बहु कला केंद्र में छात्रों और कलाकारों की भागीदारी से एक बड़े स्तर की कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा और हरियाणा पशुधन बोर्ड, हरियाणा सरकार के अध्यक्ष श्री धारवीर मिर्जापुर ने भी हिस्सा लिया।


- भुवनेश्वर, ओडिशा – ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र, खारवेल नगर (ललित कला अकादमी भुवनेश्वर द्वारा आयोजित)
भुवनेश्वर में एक बड़े स्तर की कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में 600 से अधिक छात्रों और कलाकारों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में पद्मश्री विनोद महाराणा (प्रसिद्ध पटचित्र कलाकार) की उपस्थिति से इसकी शोभा और बढ़ गई। उन्होंने छात्रों को भारत की कलात्मक परंपराओं को समझने में मार्गदर्शन दिया।


- त्रिशूर, केरल – ववडक्के ब्रह्मस्वम मठ (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, पुडुचेरी और ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित)
त्रिशूर में, वडक्के ब्रह्मस्वम वेद अनुसंधान केंद्र में गुरुकुल के छात्र-छात्राओं की भागीदारी से एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री पी. परमेश्वरन (वडक्के ब्रह्मस्वम मठ के अध्यक्ष) और श्री श्रीकांत (वडक्के ब्रह्मस्वम मठ के प्रबंधक) शामिल हुए। उन्होंने पारंपरिक शिक्षा केंद्रों में रचनात्मकता को बढ़ावा देने की भूमिका पर प्रकाश डाला।


- पापुम पारे, अरुणाचल प्रदेश – राजीव गांधी विश्वविद्यालय, रोनो हिल्स, डोइमुख (पूर्वोत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित)
पापुम पारे जिले में राजीव गांधी विश्वविद्यालय, रोनो हिल्स में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रो. एस.के. नायक (राजीव गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति), श्रीमती ममता रिबा, आईएएस (अरुणाचल प्रदेश के कला एवं संस्कृति विभाग की सचिव), डॉ. एन.टी. रिकम (राजीव गांधी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार) और प्रो. उत्तम कुमार पेगु (राजीव गांधी विश्वविद्यालय के दृश्य एवं प्रदर्शन कला विभाग के डीन) शामिल हुए। उन्होंने सांस्कृतिक संरक्षण और नवाचार में कला की भूमिका पर प्रकाश डाला।


- दीमापुर, नागालैंड – स्टोन स्कल्पचर गार्डन (पूर्वोत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित)
दीमापुर में स्टोन स्कल्पचर गार्डन में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें श्री के. थेरी (नागालैंड के पूर्व मंत्री), श्री ज़ासेविज़ो ल्हौसा (पूर्वोत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर) और श्री टेसोविकुओली थेरी (नागालैंड के कला एवं संस्कृति विभाग के डिप्टी डायरेक्टर) शामिल हुए। उन्होंने युवा कलाकारों को अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने के लिए प्रोत्साहित किया।


डिजिटल भागीदारी
अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने सेवा पर्व पोर्टल के माध्यम से डिजिटल भागीदारी की सुविधा उपलब्ध कराई है:
- संस्थागत अपलोड: संस्कृति मंत्रालय और विभिन्न राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के सभी संस्थान अपने कार्यक्रम सेवा पर्व पोर्टल https://amritkaal.nic.in/sewa-parv.htm पर अपलोड कर रहे हैं।
- नागरिकों का योगदान: व्यक्ति अपनी कलाकृतियाँ, तस्वीरें और रचनात्मक अभिव्यक्ति सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं और #SewaParv टैग का उपयोग करके उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।
इसमें कैसे भाग लें?
1. व्यक्तिगत भागीदारी
कोई भी व्यक्ति “विकसित भारत के रंग, कला के संग” थीम पर अपनी पसंद के किसी भी माध्यम या सामग्री का उपयोग करके कलाकृति बनाकर इसमें योगदान दे सकता है। प्रतिभागी अपनी कलाकृति की तस्वीरें यहां अपलोड कर सकते हैं: https://amritkaal.nic.in/sewa-parv-individual-participants
2. 75 स्थानों में से किसी एक स्थान पर चित्रकला कार्यशाला में शामिल हों
भाग लेने के इच्छुक लोग दिए गए स्थानों पर संबंधित संस्कृति मंत्रालय के संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं। 75 स्थानों की सूची: Click here
30 सितंबर 2025 को त्रिशूर, कुरुक्षेत्र, दिमापुर, पापुम पारे, शिमला और भुवनेश्वर में आयोजित कला कार्यशालाओं में भारत की रचनात्मक ऊर्जा और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाया गया। केरल की गुरुकुल परंपरा और कुरुक्षेत्र की शैक्षणिक ताकत से लेकर नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के विरासत स्थल, शिमला का ऐतिहासिक आकर्षण और भुवनेश्वर की कलात्मक जीवटता तक, हर जगह कल्पना और अभिव्यक्ति का केंद्र बन गई। सेवा पर्व 2025 के तहत इन सभी आयोजित कार्यक्रमों ने यह साबित कर दिया कि कला की शक्ति समुदायों को प्रेरित कर सकती है और विकसित भारत@2047 के प्रति भारत के सामूहिक संकल्प को मजबूत कर सकती है।
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