रक्षा मंत्रालय
सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा ने पेंशन संबंधी विसंगतियों का समाधान करते हुए पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को 18 करोड़ रुपये का बकाया वितरित किया
Posted On:
30 SEP 2025 4:53PM by PIB Delhi
महानिदेशक चिकित्सा सेवा (सेना) के मार्गदर्शन में चिकित्सा कार्मिक रिकॉर्ड अनुभाग अधिकारियों [एमपीआरएस (ओ)] ने सेना चिकित्सा कोर, सेना दंत चिकित्सा कोर और सैन्य नर्सिंग सेवा के अधिकारियों एवं पूर्व सैनिकों तथा उनके जीवनसाथियों व निकटतम परिजनों को प्रभावित करने वाली पेंशन विसंगतियों के समाधान हेतु एक विशेष पहल शुरू की। इस कार्यक्रम के अंतर्गत मासिक पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ-साथ 18 करोड़ रुपये से अधिक के लंबित बकाये का वितरण किया गया।
इस पहल के अंतर्गत उदारीकृत पारिवारिक पेंशन (एलएफपी), विशेष पारिवारिक पेंशन (एसएफपी), वीरता पुरस्कारों से जुड़े मौद्रिक लाभ और वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) संशोधन से संबंधित लंबित मामलों का सफलतापूर्वक समाधान किया गया। पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और आश्रित परिवारजनों को सलाह दी गई है कि वे स्पर्श पोर्टल अथवा निकटतम रक्षा पेंशन संपर्क केंद्र के माध्यम से एमपीआरएस (ओ) से संपर्क कर अपनी पेंशन स्थिति की पुष्टि व उसे सत्यापित करें।
इस पहल का मुख्य ध्यान पेंशन वर्गीकरण, दरों और श्रेणियों में मौजूद विसंगतियों के समाधान, विशेषकर एलएफपी, एसएफपी और ओआरओपी के अंतर्गत पात्र परिवारों के लिए सहायता पर रहा है। इस दौरान 18 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वास्तविक लाभार्थियों को वितरित की गई। एक करुणामयी आउटरीच अभियान के तहत उन पूर्व सैनिकों और परिवारों की पहचान कर उनसे संपर्क किया गया, जिन्हें पूर्व में अपनी बकाया राशि की जानकारी नहीं थी। परिवारों को दस्तावेजीकरण में सहायता और त्वरित वितरण सुनिश्चित करने के लिए सीडीए पुणे एवं सीडीए इलाहाबाद के संपर्क प्रकोष्ठों में विशेष सहायता डेस्क स्थापित किए गए हैं। साथ ही, वास्तविक समय में स्थिति अद्यतन और शिकायत निवारण के लिए डिजिटल पारदर्शिता तंत्र लागू किया गया है।
चिकित्सा सेवा महानिदेशालय (सेना) की लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर ने कहा, 'कई पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि पुरानी प्रणाली की कमियों के कारण उनकी बकाया राशि लंबित है। हमने पहल कर उनसे संपर्क किया, आवश्यक सत्यापन किया और यह सुनिश्चित किया कि उनका हक उन्हें पूरी तरह वापस मिले।
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