संस्कृति मंत्रालय
सेवा पर्व 2025: विकसित भारत के रंग, कला के संग
Posted On:
28 SEP 2025 7:35PM by PIB Delhi
भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव के राष्ट्रव्यापी उत्सव के रूप में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक सेवा पर्व 2025 मना रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित सेवा पर्व का उद्देश्य समुदायों, संस्थानों और व्यक्तियों को सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव की सामूहिक मुहिम में एक साथ लाना है।
वर्तमान में आयोजित किए जा रहे सेवा पर्व 2025 के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय ने 28 सितंबर 2025 को चंडीगढ़, कोझीकोड, पणजी, भुवनेश्वर, प्रयागराज में विविध कला कार्यशालाओं और नई दिल्ली में “विकसित भारत के रंग, कला के संग” विषय पर एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में छात्रों, कलाकारों, शिक्षाविदों, गणमान्य व्यक्तियों और सामुदायिक नेताओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जिससे सांस्कृतिक उत्सव और नागरिक जिम्मेदारी के प्रति राष्ट्रव्यापी संकल्प को बल मिला।
संस्कृति मंत्रालय के संस्थानों के माध्यम से 28 सितंबर 2025 को आयोजित कला कार्यशालाओं और स्वच्छता अभियानों की मुख्य झलकियाँ इस प्रकार हैं:
· नई दिल्ली - एनजीएमए दिल्ली, जयपुर हाउस, इंडिया गेट (एलकेए, नई दिल्ली के सहयोग से एनजीएमए द्वारा आयोजित)
एनजीएमए, दिल्ली में सेवा पर्व 2025 की सबसे बड़ी कला कार्यशालाओं में से एक का आयोजन किया गया, जिसमें 15 हज़ार से ज़्यादा छात्रों, कलाकारों और कला समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में श्रीमती रेखा गुप्ता (मुख्यमंत्री, दिल्ली), श्री कुलजीत सिंह चहल (सदस्य एवं उपाध्यक्ष, एनडीएमसी), पद्मश्री से सम्मानित श्री श्याम शर्मा और श्री वासुदेव कामथ, आईजीएनसीए के सदस्य सचिव, एनजीएमए के महानिदेशक और संस्कृति मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जिन्होंने प्रतिभागियों को भारत की अनेकता में एकता और विकसित भारत की दिशा में उसकी यात्रा का जश्न मनाने के लिए कला को एक माध्यम के रूप में उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।



• चंडीगढ़ - कलाग्राम, मनीमाजरा (चंडीगढ़ ललित कला अकादमी के सहयोग से उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित)
कलाग्राम, मनीमाजरा में एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। श्री नवीन शर्मा (उत्तर क्षेत्र प्रमुख, संस्कार भारती, पंचकूला) ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर उसकी शोभा बढ़ाई। उन्होंने युवा कलाकारों को रचनात्मकता के माध्यम से सांस्कृतिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करने के लिए प्रेरित किया।


• कोझिकोड, केरल - वेदव्यास विद्यालय, मलाप्पाराम्बु (सरस्वती विद्यापीठम कोझिकोड और एसजेडसीसी, तंजावुर द्वारा आयोजित)
कोझिकोड में, एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। श्री एम. श्रीहर्षन (लेखक और कलाकार), डॉ. विक्रमन (सेवानिवृत्त प्रोफेसर और प्राचार्य, संस्कृत कॉलेज, कालीकट), श्री ससी एडावरड (भित्ति चित्रकला विशेषज्ञ), श्री बालचंद्रन ए.के. (कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता) और श्री कनकदॉस (निदेशक, माथा, पेरंबरा),ने इस कार्यक्रम में शिरकत कर इसको समृद्ध किया। उन्होंने पारंपरिक और समकालीन कला के सम्मिश्रण में प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।

• पणजी, गोवा - संस्कृति भवन, पट्टो-पणजी (डब्ल्यूजेडसीसी, उदयपुर द्वारा आयोजित)
पणजी में व्यापक सामुदायिक भागीदारी से एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री राजेश फलदेसाई (विधायक, कुम्भरजुआ निर्वाचन क्षेत्र) ने भाग लिया। उन्होंने प्रतिभागियों को कलात्मक रचनात्मकता के माध्यम से विकसित भारत के लिए अपनी आकांक्षाओं को व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया।


· भुवनेश्वर, ओडिशा – एलकेए क्षेत्रीय केंद्र (ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र, भुवनेश्वर द्वारा आयोजित)
भुवनेश्वर में 600 से अधिक प्रतिभागियों के साथ एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री बाबू सिंह (विधायक, एकामरा निर्वाचन क्षेत्र, भुवनेश्वर) ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिन्होंने विकसित भारत के विजन को साकार करने में छात्रों और कलाकारों की भूमिका की सराहना की।

· प्रयागराज, उत्तर प्रदेश – एम.पी. मेमोरियल स्कूल, तेलियरगंज (एनसीजेडसीसी, प्रयागराज द्वारा आयोजित)
प्रयागराज में, सेवा पर्व और स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत एक अभिनव कला कार्यशाला का आयोजन किया गया, जहाँ छात्रों ने स्वच्छता-आधारित अपशिष्ट पदार्थों से उपयोगी वस्तुएँ बनाईं। इस गतिविधि ने स्थिरता और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति दोनों को बढ़ावा देने में रचनात्मकता के महत्व पर प्रकाश डाला।



डिजिटल भागीदारी:
मंत्रालय ने व्यापक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए सेवा पर्व पोर्टल के माध्यम से डिजिटल भागीदारी को सक्षम बनाया है:
· संस्थागत अपलोड: संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत सभी संस्थान और विभिन्न राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश अपने कार्यक्रमों का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं और उन्हें सेवा पर्व पोर्टल https://amritkaal.nic.in/sewa-parv.htm पर अपलोड कर रहे हैं।
· नागरिक योगदान: लोग व्यक्तिगत रूप से भी अपनी कलाकृतियाँ, तस्वीरें और रचनात्मक अभिव्यक्तियाँ सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं, और #SewaParv का उपयोग करके उन्हें सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
· ब्रांडिंग और प्रचार सामग्री डाउनलोड के लिए यहां उपलब्ध है: गूगल ड्राइव लिंक
भाग किस प्रकार लें?
1.व्यक्तिगत भागीदारी
कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के किसी भी माध्यम या सामग्री से “विकसित भारत के रंग, कला के संग” विषय पर कलाकृति बनाकर योगदान दे सकता है। प्रतिभागी अपनी कलाकृति की तस्वीरें https://amritkaal.nic.in/sewa-parv-individual-participants पर अपलोड कर सकते हैं:
2. 75 में से किसी एक स्थान पर पेंटिंग कार्यशाला में शामिल हों
प्रतिभागी दिए गए स्थानों पर संस्कृति मंत्रालय से संबंधित संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं। 75 स्थानों की सूची: यहाँ क्लिक करें
नई दिल्ली, चंडीगढ़, कोझिकोड, पणजी, भुवनेश्वर और प्रयागराज में 28 सितंबर 2025 को आयोजित कला कार्यशालाओं ने भारत के सांस्कृतिक लोकाचार की समावेशिता और विविधता को प्रतिबिंबित किया। एनजीएमए, दिल्ली में 15 हज़ार से ज़्यादा छात्रों, कलाकारों और कला प्रेमियों को एक साथ लाने वाले भव्य आयोजन से लेकर चंडीगढ़ और कोझिकोड की रचनात्मक ऊर्जा, गोवा की तटीय जीवंतता, भुवनेश्वर की सांस्कृतिक समृद्धि और प्रयागराज में स्वच्छता ही सेवा के माध्यम से नवाचार तक, प्रत्येक स्थान छात्रों, कलाकारों और समुदायों के लिए एक ऐसा मंच बन गया, जहाँ वे विकसित भारत@ 2047 की परिकल्पना के लिए एकजुट हुए।
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पीके/केसी/आरके
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