पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
भारत ने एनआईओ गोवा में अंतर्राष्ट्रीय समुद्रतल प्राधिकरण की 8वीं वार्षिक अनुबंधकर्ता बैठक 2025 की मेजबानी की
Posted On:
24 SEP 2025 3:47PM by PIB Delhi
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने सीएसआईआर-राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (एनआईओ), गोवा द्वारा 18-20 सितंबर, 2025 के दौरान आयोजित अंतर्राष्ट्रीय समुद्रतल प्राधिकरण (आईएसए) की 8वीं वार्षिक अनुबंधकर्ता बैठक की मेजबानी की। इसका आयोजन स्थानीय स्तर पर किया गया था।
यह आयोजन 18 सितंबर को शुरू हुआ, जिसमें अन्वेषण अनुबंधकर्ता के प्रमुख विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने गहरे समुद्र में अन्वेषण और संसाधन प्रबंधन के भविष्य पर चर्चा की। इस बैठक में रूसी संघ, जापान, चीन, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर, कुक द्वीप समूह, जर्मनी, फ्रांस और जमैका के 14 अंतर्राष्ट्रीय समुद्र तल प्राधिकरण अन्वेषण ठेकेदारों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रायोजक देशों के एक संघ के तहत इंटरओशनमेटल संयुक्त संगठन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन आईएसए की महासचिव महामहिम मैडम लेटिसिया कार्वाल्हो, भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, सीएसआईआर-एनआईओ गोवा के निदेशक प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह, आईएसए के कानूनी और तकनीकी आयोग के अध्यक्ष डॉ. इरास्मो कैबरेरा; और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सलाहकार डॉ. विजय कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।
अपने संबोधन में, आईएसए की महासचिव महामहिम मैडम लेटिसिया कार्वाल्हो ने कहा कि यह वार्षिक सम्मेलन आईएसए के अनुबंधकर्ता के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है, जहां वे गहरे समुद्र की प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति के संबंध में महत्वपूर्ण चर्चा कर सकते हैं, पर्यावरणीय चिंताओं का समाधान कर सकते हैं, संविदात्मक दायित्वों के अनुपालन की सावधानीपूर्वक समीक्षा कर सकते हैं, तथा समुद्री खनिज संसाधनों के सतत विकास पर सामूहिक रूप से रणनीति बना सकते हैं।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन ने भारत की नोडल एजेंसी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा समुद्र तल पर खनिज अन्वेषण गतिविधियों के बारे में बात की। उन्होंने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा मध्य हिंद महासागर बेसिन में पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स अन्वेषण अनुबंध और हिंद महासागर की कटकों में दो पॉलीमेटेलिक सल्फाइड (पीएमएस) अन्वेषण अनुबंधों के बारे में भी बताया।
सीएसआईआर-एनआईओ गोवा के निदेशक प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह ने सीएसआईआर-एनआईओ, गोवा में पिछले चार दशकों से चलाए जा रहे पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स कार्यक्रम की विरासत के बारे में बताया।
गहरे समुद्र तल पर अन्वेषण की जटिल चुनौतियों और अवसरों से निपटने के लिए आवश्यक सहयोगात्मक भावना बैठक के विचार-विमर्श का मुख्य विषय रही। बैठक की अध्यक्षता पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वैज्ञानिक और सलाहकार डॉ. विजय कुमार ने की, जबकि रूस की सुश्री लिविया एर्मकोवा उपाध्यक्ष थीं।
चर्चा में विविध विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें अन्वेषण प्रौद्योगिकियों में प्रगति, पर्यावरणीय प्रभाव आकलन, डेटा साझाकरण प्रोटोकॉल और आईएसए के नियामक ढांचे का कार्यान्वयन शामिल थे।
यह कार्यक्रम 15 सितंबर को दिल्ली में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और आईएसए के बीच दूसरे पीएमएस अन्वेषण अनुबंध पर हस्ताक्षर के क्रम में आयोजित किया गया था। इससे भारत को आईएसए के साथ दो पीएमएस अन्वेषण अनुबंध रखने वाले एकमात्र देश के रूप में अद्वितीय मान्यता मिली, जो मानव जाति की साझी विरासत के लिए गहरे महासागर मिशन के तहत समुद्र तल खनिज अन्वेषण को बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन के तहत स्थापित आईएसए, राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार की सीमाओं से अलग अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में सभी खनिज-संबंधी गतिविधियों को व्यवस्थित करने, विनियमित करने और नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है।
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पीके/केसी/एनकेएस
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