पर्यटन मंत्रालय
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पर्यटन मंत्रालय ने ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ के चौथे संस्करण का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध पाक कला धरोहर को पुनः प्रचलित करना है

Posted On: 25 SEP 2025 6:08PM by PIB Delhi

पर्यटन मंत्रालय 25 से 28 सितंबर, 2025 तक नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में “वर्ल्ड फ़ूड इंडिया – भारत के पाककला खजाने को पुनः प्रचलित करना” शीर्षक से एक विशेष पाककला कार्यक्रम के चौथे संस्करण का आयोजन कर रहा है।

इस चार दिवसीय आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारत की समृद्ध पाक कला परंपराओं को प्रदर्शित करना और भारतीय व्यंजनों को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित स्थान प्रदान करना है। इस पहल के माध्यम से न केवल भूली-बिसरी भोजन परंपराओं को पुनर्जीवित किया जाएगा, बल्कि प्राचीन पाक-कला तकनीकों पर प्रकाश डाला जाएगा और स्वदेशी सामग्रियों की निर्यात संभावनाओं को भी खोजा जाएगा। इस आयोजन में इंडियन फूड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन (आईएफटीओ) ज्ञान साझेदार की भूमिका निभा रहा है।

पर्यटन मंत्रालय के महानिदेशक एवं अपर सचिव श्री सुमन बिल्ला ने आज इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय व्यंजनों की समृद्धि एवं विविधता पर प्रकाश डाला और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय पाककला को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नवोन्मेषी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय व्यंजनों को अधिक सुलभ बनाने हेतु आधुनिक खाद्य तकनीकों के उपयोग की प्रासंगिकता पर भी जोर दिया।

उद्घाटन सत्र के उपरांत आईएचएम पूसा के प्रधानाचार्य श्री के. के. पंत के संचालन में ‘भारतीय पाककला के अनमोल खाद्य व्यंजन विधि को  पुनः प्रचलित करना और यह कैसे विश्व को बदल सकते हैं’ विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित हुई। इस चर्चा में श्री विक्रम मित्तल, शेफ विक्की रत्नानी, डॉ. शेफ सौरभ शर्मा, शेफ विनीत मनोचा और श्री अमित लोहानी जैसे प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल हुए। पैनल ने पारंपरिक पाक विधियों—जैसे धीमी आंच पर पकाना, किण्वन और धूप में सुखाना—के साथ-साथ मोटे अनाज, आदिवासी अनाज तथा जंगली साग जैसी स्वदेशी सामग्रियों के उपयोग पर गहन विचार-विमर्श किया। चर्चा में यह रेखांकित किया गया है कि ये पारंपरिक विधियां व स्थानीय सामग्री कुपोषण, खाद्य असुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

आगामी सत्रों में पैनल चर्चाएं, इंटरैक्टिव मास्टर क्लास और प्रामाणिक खाद्य चखने के कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें प्रसिद्ध शेफ, खाद्य इतिहासकार, पाक विशेषज्ञ और उद्योग जगत के शीर्ष व्यक्ति भाग लेंगे। कार्यक्रम के अंतर्गत प्रमुख विषयों में जीआई-टैग युक्त सामग्रियों का पुनरुद्धार, आयुर्वेद-आधारित खाद्य परंपराएं, मोटे अनाज से जुड़े नवाचार और स्वदेशी खाद्य पर आधारित स्थिरता कार्य प्रणालियां शामिल होंगी।

26 सितंबर 2025: डॉ. शेफ राजीव गोयल के संचालन में ‘रीथिंकिंग रूट्स: द राइज ऑफ इंडियाज फॉरगॉटन फूड कल्चर’ विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित होगी, जिसमें शेफ मंजीत गिल, सुश्री मरियम एच. रेशी, सुश्री रुशिना एम. घिल्डयाल, सुश्री योगिता उचिल और अन्य प्रतिष्ठित विशेषज्ञ भाग लेंगे। यह सत्र जीआई-टैगयुक्त सामग्रियों और विरासत अनाज के पुनरुद्धार पर केंद्रित होगा। साथ ही, डॉ. शेफ सौरभ शर्मा और शेफ गौतम चौधरी वैश्विक बाजारों के लिए इन सामग्रियों की निर्यात क्षमता को प्रदर्शित करने हेतु विशेष मास्टर क्लास भी संचालित करेंगे।

 27 सितंबर 2025: फूड ब्लॉगर गुरप्रीत सिंह टिक्कू के संचालन में ‘विश्व भारतीय पाककला से क्या सीख सकता है’ विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन होगा, जिसमें पद्मश्री प्रोफेसर पुष्पेश पंत, शेफ विकास चावला (एम्बेसडर ऑफ मिलेट्स), शेफ सदाफ हुसैन और अन्य जाने-माने विशेषज्ञ शामिल होंगे। सत्र में आयुर्वेद के उपचार सिद्धांतों, संतुलित थाली की परंपराओं, मसालों की परतों तथा शून्य-अपशिष्ट खाना पकाने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श होगा। इसके साथ ही, मोटा अनाज पर आधारित नवाचारों के लाइव प्रदर्शन प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनके माध्यम से मोटे अनाज को जलवायु-अनुकूल ‘भविष्य का स्मार्ट खाद्य’ के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा और टिकाऊ पौध-आधारित प्रोटीन विकल्पों को प्रदर्शित किया जाएगा। सत्र के उपरांत, शेफ विकास चावला और शेफ सदाफ हुसैन द्वारा विशेष मास्टरक्लास का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारतीय व्यंजनों की पोषण समृद्धि एवं उनकी स्थिरता पर प्रकाश डाला जाएगा।

28 सितंबर 2025: डॉ. शेफ राजीव गोयल के संचालन में ‘स्वदेशी सामग्री के साथ भोजन में भारत के पारंपरिक नवाचार’ विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित होगी, जिसमें डॉ. कुरुश एफ. दलाल (पुरातत्वविद एवं पाककला मानवविज्ञानी), सुश्री पृथा सेन और अन्य लोग शामिल होंगे। यह सत्र भारत की सदियों पुरानी, स्थायित्व-आधारित पाक-कला प्रतिभा को उजागर करेगा। इसमें कैल्शियम और आयरन से भरपूर सुपर फूड के रूप में मोटे अनाज को प्रस्तुत किया जाएगा, साथ ही इसके वैश्विक निर्यात की संभावनाओं एवं पादप-आधारित प्रोटीन के अनुप्रयोगों पर भी चर्चा होगी। सत्र के उपरांत, शेफ संजय अग्रवाल व शेफ निशांत चौबे विशेष मास्टर क्लास का संचालन करेंगे, जिसमें यह प्रदर्शित किया जाएगा कि किस प्रकार भारतीय सामग्रियों को वैश्विक स्वादानुसार पुनः प्रस्तुत किया जा सकता है, खाद्य पर्यटन के अवसर विकसित किए जा सकते हैं और टिकाऊ आहार को बढ़ावा दिया जा सकता है।

इस पहल का उद्देश्य भारत को खाद्य पर्यटन के एक अग्रणी वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करना और उसे सशक्त रूप से बढ़ावा देना है।

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पीके/केसी/एनके/डीए


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