सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
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सहज: "वृद्ध मित्र टूलकिट" और "श्रृंखला हम" (द्वितीय संस्करण) "अनुभव और उत्साह का संगम" वार्ता श्रृंखला का विमोचन

Posted On: 23 SEP 2025 9:43PM by PIB Delhi

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को बढ़ावा देने, पीढ़ियों के बीच संबंधों को मज़बूत करने और वृद्धजनों की देखभाल के नवोन्मेषी मॉडलों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख पहल शुरू की हैं। वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए विभाग की निरंतर प्रतिबद्धता के अनुरूप, दो पहलों "सहज": "वृद्ध मित्र टूलकिट" का विमोचन और "श्रृंखला - हम" - "अनुभव और उत्साह का संगम": वार्ता श्रृंखला का दूसरा संस्करण 23 सितंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित किया जाएगा।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने "सहज" के अंतर्गत सोसाइटी ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ओरिएंटेड ऑपरेशनल लिंक्स (एससीएचओओएल) के वृद्ध मित्र टूलकिट के शुभारंभ की सुविधा प्रदान की है। यह नीति और लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करता है, जो नीति निर्माण प्रक्रिया में सहानुभूति और जमीनी स्तर पर कार्रवाई लाने में अपनी भूमिका पर बल देता है। यह कार्यक्रम वरिष्ठ नागरिकों, सरकारी अधिकारियों, सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों, युवा प्रतिनिधियों और साझेदार संगठनों को एक साथ लाता है। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि बुजुर्गों को केवल लाभार्थियों के रूप में नहीं माना जाता है, बल्कि उन्हें सामुदायिक जीवन को आकार देने में सक्रिय भागीदार के रूप में मान्यता दी जाती है।

"श्रृंखला" नामक वार्ता श्रृंखला का शुभारंभ वर्ष 2024 में किया गया। इसका विषय "गरिमा के साथ वृद्धावस्था" था। इसकी परिकल्पना नीति निर्माताओं, नागरिकों और विचारकों को सहानुभूति और कार्रवाई के साथ बुजुर्गों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। वर्ष 2025 का संस्करण, जिसका विषय "(हम)- "अनुभव और उत्साह का संगम" है, वरिष्ठ नागरिकों की वास्तविक जीवन की कहानियों और सामुदायिक मॉडलों को प्रदर्शित करके उसकी गति को आगे बढ़ाता है जो राष्ट्र को बुजुर्गों के लिए सामूहिक जिम्मेदारी अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं।

केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने वृद्ध मित्र टूलकिट का विमोचन करते हुए समुदाय-आधारित वृद्ध देखभाल को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किए गए एक व्यापक, उपयोगकर्ता के अनुकूल संसाधन के रूप में टूलकिट के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह विमोचन अलग-अलग कल्याणकारी उपायों से एक एकीकृत, समुदाय-संचालित मॉडल में बदलाव का प्रतीक है जहाँ वरिष्ठ नागरिक अपने स्थानीय परिवेश में सक्रिय, सशक्त भागीदार बने रहते हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "(हम)" - "अनुभव और उत्साह का संगम" एक विषय से कहीं अधिक है - यह एक परिवर्तनकारी चेतना है जो "मैं" से "हम" की ओर बढ़ रही है। डॉ. वीरेंद्र कुमार ने पूनमभाई पटेल के सामुदायिक रसोई मॉडल, पीआईसीओ फ़ार्म स्टे और मैत्री जैसे ज़मीनी स्तर पर बदलाव लाने वाले कार्यक्रमों की सराहना की, जिन्होंने यह दर्शाया है कि समुदाय-आधारित पहल बुजुर्गों के अकेलेपन और सामाजिक बहिष्कार को दूर कर सकती हैं और उन्हें सशक्त बना सकती हैं। विभाग पहले से ही स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं को बुजुर्गों के करीब लाने के लिए अंतर-पीढ़ीगत बंधन और मेंटरशिप कार्यक्रमों को मज़बूत करने पर काम कर रहा है, जिससे सम्मान, समावेशिता और साझा ज़िम्मेदारी पर आधारित समाज का निर्माण हो सके।

राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने वार्ता श्रृंखला को "संवाद, समर्पण और सहयोग की जीवंत परंपरा" बताया और कहा कि "हम" मंच नीति और भावना के बीच एक सेतु का काम करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि वृद्ध नागरिक न केवल लाभार्थी हों, बल्कि अपने समुदायों को आकार देने में सक्रिय भागीदार भी हों। उन्होंने "सहज" कार्यक्रम के अंतर्गत वृद्ध मित्र टूलकिट के विमोचन और जमीनी स्तर पर सहानुभूति लाने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विभाग वरिष्ठ नागरिकों के समग्र कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने कहा कि हमारे देश के वृद्धजन केवल अतीत के पन्ने नहीं हैं; वे जीवंत पुस्तकें हैं, अनुभव की नदियां हैं जो हमारा मार्गदर्शन और पोषण करती हैं। जो लोग अपने वृद्धजनों का सम्मान और देखभाल करते हैं, वे अपने जीवन, ज्ञान, प्रतिष्ठा और शक्ति को कई गुना बढ़ते हुए देखते हैं। जब आप अपने वृद्धजनों को मूल्यवान और जुड़ाव का एहसास कराते हैं, तो आप उन दुर्लभ व्यक्तियों में से एक बन जाते हैं जिनके पास न केवल सफलता है, बल्कि गहरी संतुष्टि भी है। वृद्धजनों का आशीर्वाद न केवल हमें प्रेरित करता है; बल्कि वे हमारे मूल्यों और समाज की नींव को भी मजबूत करते हैं।"

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव श्री अमित यादव ने कहा कि किस प्रकार एकल परिवारों के वैश्विक चलन और तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण ने वरिष्ठ नागरिकों में अलगाव को बढ़ाया है। उन्होंने संयुक्त परिवारों, पीढ़ियों के बीच संबंधों और सामुदायिक ज़िम्मेदारी में देश की अनूठी ताकत को रेखांकित किया। विभाग की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की भलाई में सुधार लाने और बुजुर्गों की देखभाल के नवोन्मेषी मॉडल पेश करने के लिए निजी और गैर-लाभकारी संगठनों के साथ साझेदारी को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

श्री परिमल देसाई,  जिन्हें एक वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था,  ने "मैत्री गृह" की कहानी साझा की - एक ऐसा घर जहां दोस्ती और परिवार एक हो जाते हैं। उन्होंने याद किया कि कैसे उनके पूर्वजों ने 80 साल पहले दो परिवारों को एक छत के नीचे लाकर इस परंपरा की शुरुआत की थी।

वक्ताओं में, मेहसाणा, गुजरात के श्री पूनमभाई पटेल ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए अपने सामुदायिक रसोईघर की कहानी साझा की। यह एक गर्मजोशी भरा, चहल-पहल भरा स्थान जहां बुजुर्ग साथ मिलकर खाना बनाते हैं, भोजन साझा करते हैं और कहानियों का आदान-प्रदान करते हैं।

इसी प्रकार  74 वर्षीय सुश्री कस्तूरी अम्मा के पुत्र और 94 वर्षीय मां लक्ष्मी अम्मल के पोते किरुबा शंकर ने बताया कि कैसे उनके परिवार की बंजर पैतृक भूमि - संपन्न पीको फार्म स्टे बन गई। यह जैविक उद्यान तमिलनाडु के रेट्टानई में खेती, ग्रामीण रोजगार और विरासत पर्यटन को जोड़ता है। उन्होंने दो महिलाओं के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिन्होंने जीवन की कठिनाइयों से लड़ाई लड़ी और सफलतापूर्वक फार्म स्टे शुरू किया जो अब दूसरों को रोजगार दे रहा है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने देश में वृद्धावस्था को सम्मानजनक और समावेशी बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। विभाग एक राष्ट्रव्यापी इकोसिस्‍टम  बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है जहां वृद्ध नागरिक जुड़े रहें, सम्मानित हों और सशक्त हों। विभाग ने राज्य सरकारों, नागरिक समाज और कॉर्पोरेट जगत द्वारा ग्रामीण वृद्ध-संचालित इकोसिस्‍टम, समुदाय-आधारित मॉडल, अंतर-पीढ़ीगत मार्गदर्शन और वृद्धों के लिए महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों जैसे नवोन्मेषी मॉडलों को संचालित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

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पीके/केसी/एचएन/वाईबी


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