संस्‍कृति मंत्रालय
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सेवा पर्व 2025: विकसित भारत के रंग, कला के संग

Posted On: 23 SEP 2025 10:34PM by PIB Delhi

संस्कृति मंत्रालय, 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव का राष्ट्रव्यापी उत्सव सेवा पर्व-2025 मना रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित इस सेवा पर्व का उद्देश्य समुदायों, संस्थाओं और व्यक्तियों को सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव के लिए एकजुट करना है।

इस सेवा पर्व के अंतर्गत 23 सितंबर 2025 को विकसित भारत के रंग, कला के संग विषय पर वाराणसी, उत्तर प्रदेश और रांची, झारखंड के प्रमुख सांस्कृतिक संस्थानों में जीवंत कला कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

23 सितंबर 2025 को देशभर में संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न संस्थानों में आयोजित कला कार्यशालाओं की मुख्य विशेषताएं।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में निवेदिता शिक्षा सदन बालिका इंटर कॉलेज में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र - एनसीजेडसीसी, प्रयागराज द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम और कला कार्यशाला में 1000 से ज़्यादा प्रतिभागी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में डीडीयू, गोरखपुर विश्वविद्यालय के ललित कला एवं संगीत विभाग के पूर्व अध्‍यक्ष पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य और काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के चित्रकला विभाग के पूर्व अध्‍यक्ष प्रो. एस. प्रणाम सिंह ने छात्रों को रचनात्मकता और विकसित भारत के लिए प्रेरित किया।

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झारखंड के रांची में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र – आईजीएनसीए, द्वारा आयोजित सांस्‍कृतिक समारोह में छात्रों और कलाकारों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री और लोकसभा सदस्य श्री संजय सेठ, रांची से विधायक श्री सीपी सिंह और झारखंड विधानसभा क्षेत्र से विधायक श्री सरयू राय उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में प्रख्यात पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं - विकास भारती बिशुनपुर के सचिव अशोक भगत, झारखंड से लोक कलाकार मुकुंद नायक, मधु मंसूरी हंसमुख और महावीर नायक ने भारत की लोक परंपराओं के महत्व को उजागर किया।

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डिजिटल भागीदारी

  • व्यापक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय ने सेवा पर्व पोर्टल के माध्यम से डिजिटल भागीदारी को सक्षम बनाया है:
  • संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत सभी संस्थान और विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने कार्यक्रमों को सेवा पर्व पोर्टल https://amritkaal.nic.in/sewa-parv.htm पर अपलोड कर रहे हैं।
  • सभी अपनी कलाकृतियां, तस्वीरें और रचनात्मक अभिव्यक्तियां सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं, और #SewaParv के साथ उन्हें सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
  • ब्रांडिंग और प्रचार सामग्री यहां डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं : गूगल ड्राइव लिंक

कैसे भाग लें?

1.व्यक्तिगत भागीदारी

कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के किसी भी माध्यम या सामग्री में "विकसित भारत के रंग, कला के संग" विषय पर कलाकृति बनाकर योगदान दे सकता है प्रतिभागी अपनी कलाकृति की तस्वीरें यहां अपलोड कर सकते हैं: https://amritkaal.nic.in/sewa-parv-individual-participants

2. 75 स्थानों में से किसी एक पर पेंटिंग कार्यशाला में शामिल हों

प्रतिभागी दिए गए स्थानों पर संस्कृति मंत्रालय के संबंधित 75 संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं। स्थानों की सूची के लिए :यहां क्लिक करें

23 सितंबर 2025 को वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और रांची (झारखंड) में आयोजित कार्यक्रमों में छात्रों, शिक्षाविदों और प्रख्यात लोक कलाकारों ने भारत के विविध सांस्कृतिक परिदृश्य को उजागर किया। वाराणसी ने उत्तर प्रदेश की शैक्षणिक और कलात्मक समृद्धि को प्रतिबिंबित किया, जबकि रांची में कई पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं ने झारखंड की जीवंत लोक परंपराओं को दर्शाया। सेवा पर्व 2025 के अंतर्गत आयोजित इन कार्यक्रमों के माध्‍यम से शैक्षणिक संस्थान, संस्‍कृति जगत और समुदाय सेवा को रचनात्मकता के साथ जोड़कर विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण में अपना योगदान दे रहे हैं।

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पीके/केसी/जेके/एमपी


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