पंचायती राज मंत्रालय
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ग्राम पंचायतों ने 28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन में डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व किया


राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 2025 ने स्थानीय स्तर पर सेवा वितरण में नवाचारों को मान्यता प्रदान किया

Posted On: 23 SEP 2025 7:42PM by PIB Delhi

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित 28वें ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीईजी) 2025 के समापन दिवस पर आज “ई-गवर्नेंस में ग्राम पंचायत एवं जमीनी स्तर के नवाचार” पर एक विशेष पूर्ण सत्र का आयोजन किया गया। सत्र की अध्यक्षता पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने की। सचिव ने इस बात पर बल दिया कि 2.55 लाख ग्राम पंचायतों और 32 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के साथ, पंचायती राज संस्थाएं नागरिकों के लिए संपर्क का पहला बिंदु और ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा वितरण का आधार हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत की इस डिजिटल शासन यात्रा को उन गांवों में स्थापित किया जाना चाहिए जहां ग्राम पंचायतें तकनीक-सक्षम पारदर्शिता, वास्तविक समय की सेवा वितरण और नागरिक-केंद्रित योजना के माध्यम से परिवर्तन के प्रेरक के रूप में उभर रही हैं। पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर ने मंत्रालय में हुए सुधारों एवं प्रौद्योगिकी-संचालित पहलों पर अपने विचार साझा किए, जिन्हें ग्रामीण स्तर पर सेवा वितरण में सुधार लाने एवं सहभागी शासन को मजबूत बनाने के लिए तैयार किया गया है।

पैनल के सदस्यों में श्री सुरेंद्र कुमार मीना, निदेशक, एसआईआरडी एंड पीआर, ओडिशा; सुश्री शिवानी गोयल, जिला विकास अधिकारी, सूरत, गुजरात; श्री विशाल तेजराव नरवाडे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, धुले/सांगली, महाराष्ट्र; और सुश्री मोनिका यादव, अध्यक्ष, जिला पंचायत, फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश भी शामिल थे। उन्होंने नागरिक सेवा वितरण, सहभागी नियोजन एवं योजनाओं के अभिसरण में अपना क्षेत्रीय अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रस्तुत किया और बताया कि कैसे जमीनी स्तर के नवाचार जीवन को बेहतर बना रहे हैं और उन्हें सभी राज्यों में अपनाया जा सकता है। पैनल सत्र का समापन ग्रामीण डिजिटल परिवर्तन के इंजन के रूप में ग्राम पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका एवं जमीनी स्तर पर जीवन की सुगमता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण संस्थानों के रूप में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की प्रबल पुष्टि के साथ हुआ।

सम्मेलन में ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (एनएईजी) 2025 के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया, जिसमें 1.45 लाख से अधिक नामांकनों के साथ रिकॉर्ड भागीदारी शामिल थी। पहली बार, ग्राम पंचायतों या समकक्ष पारंपरिक स्थानीय निकायों में सेवा वितरण को प्रबल बनाने के लिए जमीनी स्तर की पहल” पर एक विशेष श्रेणी भी शुरू की गई।

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