पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
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मिशन मौसम पहल के अंतर्गत एनसीएमआरडब्ल्यूएफ ने भारत में दो प्रत्यक्ष प्रसारण नेटवर्क (डीबीनेट) स्टेशन स्थापित करने के लिए एनएसआईएल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य मौसम पूर्वानुमान एवं वैश्विक जलवायु निगरानी को मजबूत करना है

Posted On: 23 SEP 2025 7:10PM by PIB Delhi

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस), भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) ने आज पृथ्वी भवन, नई दिल्ली में अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) की वाणिज्यिक शाखा, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की मिशन मौसम पहल के भाग के रूप में दो प्रत्यक्ष प्रसारण नेटवर्क (डीबीनेट) स्टेशन स्थापित करना है, जिसमें पहला दिल्ली/एनसीआर में और दूसरा चेन्नई में स्थापित करना है।

डीबीनेट एक वैश्विक परिचालन संरचना है जिसे निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) उपग्रहों से वास्तविक समय में उपग्रह डेटा अधिग्रहण के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान (एनडब्ल्यूपी) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मौसम पूर्वानुमान, चक्रवात निगरानी एवं जलवायु अनुसंधान सहित कई प्रकार के अनुप्रयोगों का समर्थन करता है। प्रसारण के कुछ ही मिनटों के अंदर उपग्रह संकेतों को सीधे प्राप्त एवं संसाधित करके, डीबीनेट स्टेशन त्वरित डेटा उपलब्धता सुनिश्चित करता है, जिससे मौसम पूर्वानुमान एवं संबंधित सेवाओं की सटीकता तथा समयबद्धता में उल्लेखनीय सुधार होता है।

प्रस्तावित डीबीनेट स्टेशन ओशनसैट, एनओएए और मेटऑप सहित विभिन्न मौजूदा भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी अवलोकन प्रणाली (ईओएस) उपग्रहों से सीधे प्रसारण डेटा प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इस प्रणाली को मापनीय बनाया गया है जिससे अगली पीढ़ी के ईओएस उपग्रह डेटा रिसेप्शन का भविष्य में एकीकरण संभव हो सकेगा।

मुख्य लाभ:

  • एनडब्ल्यूपी के लिए समयबद्धता: डीबीनेट का प्राथमिक लाभ एलईओ उपग्रह डेटा की लगभग वास्तविक समय पर उपलब्धता है, जो उच्च-रिज़ॉल्यूशन, लघु से मध्यम-दूरी के मौसम पूर्वानुमान तैयार करने के लिए आवश्यक है।
  • डेटा विलंबता में सुधार: पारंपरिक उपग्रह डेटा अधिग्रहण विधियों के विपरीत, जिसमें केंद्रीय जमीनी स्टेशनों पर विलंबित प्रसारण शामिल है, डीबीनेट उपग्रहों के ऊपर से गुजरते समय सीधे डेटा प्राप्त कर लेता है जिससे विलंबता संबंधी समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है और तेजी से डेटा वितरण संभव हो सकता है।
  • तीव्र प्रासेसिंग: एनसीएमआरडब्ल्यूएफ उपग्रह के उपर से गुजरने के 5 मिनट के अंदर संपूर्ण डेटा प्रासेसिंग श्रृंखला को पूरा कर लेगा, जिससे इन डेटासेटों को समय पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के एनडब्ल्यूपी मॉडल में सम्मिलित किया जा सकेगा, जिससे व्यापक स्तर पर पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा।  
  • वैश्विक योगदान: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की मुख्य उपग्रह डेटा नीति के अनुरूप, संसाधित डीबीनेट डेटा को डब्ल्यूएमओ की अगली पीढ़ी के डेटा एक्सचेंज प्लेटफॉर्म, डब्ल्यूएमओ सूचना प्रणाली - 2.0 (डब्ल्यूआईएस 2.0) के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय परिचालन उपयोगकर्ताओं तक प्रसारित किया जाएगा। इससे वैश्विक डीबीनेट कवरेज में सुधार लाने और 30 मिनट के भीतर ईओएस उपग्रह डेटा की अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धता बढ़ाने में भारत का योगदान मजबूत होगा।

इस पहल के माध्यम से भारत क्षेत्रीय एवं वैश्विक मौसम पूर्वानुमान क्षमताओं को आगे बढ़ाने तथा मौसम पूर्वानुमान एवं जलवायु निगरानी में अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करने तथा आपदा जोखिम में कमी लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

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पीके/केसी/एके/एसएस  


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