वस्‍त्र मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

भारतीय वस्त्र प्रतिनिधिमंडल ने लंदन में अपनी क्षमता दिखाई; सीईटीए, स्थायित्व और जीआई उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया गया

Posted On: 23 SEP 2025 6:01PM by PIB Delhi

वस्त्र मंत्रालय की सचिव, सुश्री नीलम शमी राव के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल, वस्त्र मूल्य श्रृंखला में भारत की क्षमता का प्रदर्शन करने और भारत-ब्रिटेन व्यापार सम्बंधों को और मज़बूत करने के लिए लंदन का दौरा कर रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल में सभी प्रमुख निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) और प्रमुख निर्यातकों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

यात्रा के पहले दिन एक कपड़ा रोड शो और हस्तशिल्प, हथकरघा और कालीन क्षेत्रों में खरीदारों और सोर्सिंग हाउसों के साथ क्षेत्रीय बैठकों सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

भारत-ब्रिटेन वस्त्र व्यापार का संक्षिप्त विवरण

  • भारत ब्रिटेन को चौथा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक है।
  • 2024-25 में ब्रिटेन को निर्यात 2.16 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो ब्रिटेन के आयात का 6.6 प्रतिशत था।
  • निर्यात की संरचना: परिधान (66.2 प्रतिशत), सूती वस्त्र (12.8 प्रतिशत), एमएमएफ (7.5 प्रतिशत), हस्तशिल्प (7.2 प्रतिशत), कालीन (3.0 प्रतिशत)।
  • भारत के समग्र वस्त्र निर्यात को 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है, जो भारत-यूनाइटेड किंगडम सीईटीए जैसे समझौतों के तहत स्थिरता पहल और बाजार पहुंच से प्रेरित है।

लंदन में रोड शो

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग और वस्त्र मंत्रालय द्वारा ईपीसी के साथ संयुक्त रूप से आयोजित टेक्सटाइल रोड शो में सीईटीए के अंतर्गत व्यापक अवसरों पर प्रकाश डाला गया।

वस्त्र सचिव ने कार्यक्रम में विरासत शिल्प कौशल, आधुनिक पैमाने, स्थिरता और ट्रेसेबिलिटी पहलों के अनूठे संयोजन के साथ ब्रिटिश बाज़ार की सेवा करने की भारत की क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने वैश्विक उपभोक्ता अपेक्षाओं के अनुरूप लचीली और पारदर्शी आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण पर भारत के दृष्टिकोण को प्रभावी रूप से सबके सामने रखा। ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त, माननीय श्री विक्रम के. दोरईस्वामी ने भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक सम्बंधों पर प्रकाश डाला और द्विपक्षीय वस्त्र सम्बंधों को मज़बूत करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हस्ताक्षरित भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) दोनों देशों के लिए लाभप्रद अवसर प्रदान करता है, इससे वस्त्र क्षेत्र में व्यापार, निवेश और सहयोग में वृद्धि संभव होगी।

क्रेता बैठकें

हस्तशिल्प, हथकरघा और कालीन क्षेत्र में ब्रिटेन के खरीदारों के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल की क्षेत्रीय बैठकों में निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित किया गया:

  • जीआई-टैग वाले भारतीय उत्पाद;
  • स्थिरता और पता लगाने योग्यता उपाय;
  • प्रत्यक्ष क्रेता-उत्पादक सम्बंध।
  • ब्रिटेन के खरीदारों ने इस पहल का स्वागत किया तथा भारत से सोर्सिंग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

आगे बढ़ने का रास्ता

इस यात्रा से बाज़ार पहुंच में वृद्धि, संयुक्त निवेश को बढ़ावा और ब्रिटेन में भारतीय वस्त्रों की ब्रांड स्थिति को मज़बूत करने की उम्मीद है। यह यात्रा एक विश्वसनीय और स्थायी वैश्विक वस्त्र साझेदार बनने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है, साथ ही 2030 तक वस्त्र निर्यात को दोगुना करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में काम करती है।

***

पीके/केसी/वीके/एसके


(Release ID: 2170287)
Read this release in: English , Urdu