रक्षा मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

भारतीय नौसेना एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी श्रृंखला के दूसरे जहाज ‘आन्द्रोत’ को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए तैयार


भारत की बढ़ती समुद्री आत्मनिर्भरता का उज्ज्वल प्रतीक

Posted On: 23 SEP 2025 5:04PM by PIB Delhi

भारतीय नौसेना 06 अक्टूबर, 2025 को विशाखापत्तनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में अपने दूसरे अत्याधुनिक पनडुब्बी रोधी युद्धक उथले पानी के जहाज (एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी), ‘आन्द्रोत’ को कमीशन करने के लिए तैयार है। इस अवसर पर आयोजित भव्य समारोह की अध्यक्षता पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर करेंगे। यह आयोजन सोलह एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी जहाजों की श्रृंखला में दूसरे पोत को भारतीय नौसेना में औपचारिक रूप से सम्मिलित होने का प्रतीक होगा।

इस जहाज को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने तैयार किया है। ‘आन्द्रोत’ जहाज 80% से अधिक स्वदेशी घटकों के साथ निर्मित है। यह भारत सरकार की आत्मनिर्भरता की दृष्टि का सशक्त प्रमाण है और देश की बढ़ती समुद्री आत्मनिर्भरता का उज्ज्वल प्रतीक है। यह जहाज नौवहन महानिदेशालय के मार्गदर्शन और कोलकाता स्थित युद्धपोत निरीक्षण दल की कड़ी देखरेख में बनाया गया है। इसका पहला जहाज 13 सितंबर, 2025 को (https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2166488) औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना को सौंपा गया।

इस जहाज का नाम आन्द्रोत होना सामरिक और प्रतीकात्मक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। इसका नामकरण लक्षद्वीप समूह के आन्द्रोत द्वीप के नाम पर किया गया है, जो भारत की विशाल समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा और संरक्षा के प्रति अटूट वचनबद्धता को प्रदर्शित करता है।

इसके पूर्ववर्ती स्वरूप में आईएनएस आन्द्रोत (पी69) ने सेवामुक्त होने से पहले 27 वर्षों तक राष्ट्र की विशिष्ट एवं गौरवपूर्ण सेवा की। नये ‘आन्द्रोत’ का कमीशन, उसके पिछले अवतार की गौरवशाली विरासत और अदम्य भावना को सम्मान एवं निरंतरता प्रदान करता है।

आन्द्रोत पोत उन्नत हथियार व सेंसर सूट, आधुनिक संचार प्रणाली और वॉटरजेट प्रणोदन से सुसज्जित है। यह समुद्र में पानी के नीचे मौजूद खतरों का सटीक पता लगाने, उनको ट्रैक कर बेअसर करने और आवश्यकतानुसार प्रतिक्रिया देने में सक्षम है। इसकी अत्याधुनिक क्षमताएं इसे समुद्री निगरानी, खोज-बचाव अभियानों और विभिन्न खतरों के बीच तटीय रक्षा मिशनों को प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिए सक्षम बनाती हैं।

आन्द्रोत का जलावतरण भारत की समुद्री सुरक्षा संरचना को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पोत न केवल नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं को सशक्त करेगा, बल्कि स्वदेशी प्रयासों के माध्यम से विश्व-स्तरीय युद्धपोतों के डिजाइन, विकास और निर्माण के लिए राष्ट्र की अटूट प्रतिबद्धता का भी सशक्त प्रमाण है।

******

पीके/केसी/एनके/डीके


(Release ID: 2170243)
Read this release in: English , Urdu , Marathi , Tamil