रक्षा मंत्रालय
सीडीएस ने नई दिल्ली में त्रि-सेनाएं अकादमिक प्रौद्योगिकी संगोष्ठी (टी-सैट्स) का शुभारंभ किया
Posted On:
22 SEP 2025 6:19PM by PIB Delhi
प्रथम त्रि-सेनाएं अकादमिक प्रौद्योगिकी संगोष्ठी (टी-सैट्स) आज नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आरंभ हुई। इसमें भारतीय सशस्त्र बलों के लिए विशिष्ट और भविष्य की तकनीकों के विकास हेतु सेना-अकादमिक अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र का समन्वय किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल अनिल चौहान ने किया। इस कार्यक्रम में शैक्षणिक और प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के निदेशकों और विभागाध्यक्षों के साथ-साथ आईआईएससी, आईआईटी, आईआईआईटी और निजी प्रौद्योगिकी संस्थानों सहित 62 संस्थानों के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर सीडीएस ने आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति की जानकारी दी, जो गतिज और गैर-गतिज क्षेत्रों में अभिसरण द्वारा संचालित है। इसके लिए उन्नत एकीकृत तकनीकी समाधानों की आवश्यकता है। उन्होंने भविष्य की परिचालन मांगों को पूरा करने के लिए प्लेटफार्मों, हथियारों, नेटवर्कों में सिद्धांतों और स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने में शिक्षाविदों, स्टार्टअप्स और उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने समग्र राष्ट्र दृष्टिकोण का आह्वान किया, शिक्षाविदों से नवाचार को बढ़ाने और भारत को अगली पीढ़ी की रक्षा प्रौद्योगिकियों में विश्व में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया।
सीडीएस ने प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जिसमें शिक्षाविदों द्वारा 43 चयनित नूतन तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। इन नवाचारों का मूल्यांकन तीनों सेनाओं के विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों द्वारा उनके संभावित सैन्य अनुप्रयोगों के लिए किया गया। भविष्य में अनुसंधान एवं विकास सहयोग और वित्त पोषण सहायता के लिए आशाजनक परियोजनाओं पर विचार किया जाएगा।
इस दिन का एक प्रमुख आकर्षण शैक्षणिक नवप्रवर्तकों और सेवा प्रतिनिधियों के बीच 95 संरचित आमने-सामने की बैठकों की श्रृंखला थी। बंद दरवाजों के अंदर आयोजित इन सत्रों ने शिक्षाविदों को अनुसंधान एवं विकास प्रस्तावों को प्रस्तुत करने और विचारों को सैन्य-उपयोग के मामलों में बदलने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु मंच प्रदान किया। इससे सहयोगात्मक और परिणाम-उन्मुख वातावरण को बढ़ावा मिला। ये बैठकें 23 सितंबर 2025 को भी जारी रहेंगी।
संगोष्ठी के दौरान निम्नलिखित शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहमति पत्रों (एमएसओयू) पर हस्ताक्षर किए गए: -
- अजीनक्या डीवाई पाटिल विश्वविद्यालय
- गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास
- मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी
- एमएस रमैया अनुप्रयुक्त विज्ञान विश्वविद्यालय
- ओरिएंटल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान
- राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय
- राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम
इस दौरान आयोजित विभिन्न सत्रों में, 'सेनाओं की वर्तमान और भविष्य की तकनीकी आवश्यकताओं सहित परिचालन स्थितियों का अवलोकन' विषय पर सेमिनार भी शामिल था। संगोष्ठी में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों के बीच धुंधली होती रेखाओं की जानकारी दी गई और शिक्षा जगत के साथ मिशन-संचालित तकनीकी सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया। 'अकादमिक जगत में अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र को समझना' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में संस्थागत रक्षा-केंद्रित अनुसंधान ढाँचों की आवश्यकता पर बल दिया गया।
"विवेक व अनुसंधान से विजय" विषय पर आयोजित संगोष्ठी, अपनी तरह की पहली संगोष्ठी है। यह शैक्षणिक अनुसंधान क्षमताओं और रक्षा प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं के बीच गहन एकीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सशस्त्र बलों को भारतीय शैक्षणिक जगत की विशाल अप्रयुक्त बौद्धिक और तकनीकी पूंजी से जोड़कर, टी-सैट्स का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भविष्य के लिए-तैयार समाधानों के सह-निर्माण हेतु स्थायी और रणनीतिक साझेदारी का निर्माण करना है।
*******
पीके/केसी/पीके/एसएस
(Release ID: 2169838)
Visitor Counter : 26