गृह मंत्रालय
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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज राजस्थान के जोधपुर में 'श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय' के भवन और विधार्थियों के लिए छात्रावास का शिलान्यास किया


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विशेष रूप से सक्षम लोगों को ‘दिव्यांग’ कहकर उन्हें देखने के प्रति दुनिया का नजरिया बदल दिया

दिव्यांग शब्द देकर मोदी जी ने सभी दिव्यांगजनों में नए आत्मसम्मान, नई पहचान और आत्मनिर्भर बनने का स्वप्न जगाने का काम किया

जब दिव्यांगों को दया की जगह दिव्यता का प्रतीक मानने की शुरूआत होती है, तब सच्चे अर्थों में दिव्यांगजनों के लिए काम होता है

श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय लोगों को दिव्यांगों को अपनाने और उन्हें मिली विशिष्ट शक्ति को पहचानकर आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रेरित कर रहा है

मोदी सरकार ने दिव्यांगजनों के कौशल को पहचानकर उन्हें उचित मंच देने का काम किया

समाज, सरकार और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर अगर दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए काम करें, तो कुछ भी असंभव नहीं है

मोदी सरकार ने सुगम्य भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार के 1314 भवनों, 90 हवाईअड्डों को दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाने का काम किया

आज़ादी से 2014 तक सिर्फ 7 लाख लोगों को केंद्र सरकार ने कृत्रिम अंग व यंत्र दिए थे, मोदी सरकार ने 10 वर्षों में 31 लाख से अधिक लोगों को कृत्रिम सहायता अंग दिए

Posted On: 21 SEP 2025 7:15PM by PIB Delhi

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज राजस्थान के जोधपुर में 'श्री पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय' के भवन और विधार्थियों के लिए छात्रावास का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा सहित और केंद्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि जब कोई व्यक्ति अपने जीवन को दिव्यांगों के सेवा कार्यों से जोड़ता है, तो वह अनेक लोगों को प्रेरित भी करता है और लोगों को इस काम के साथ भी जोड़ता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने दिव्यांगो को भी कोई न कोई विशिष्ट शक्ति दी है और उस शक्ति को पहचानकर उनके जीवन को सरल बनाने के भाव को सुशीला जी के जीवन से हज़ारों लोगों ने ग्रहण किया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत से तीन परियोजनाओं का आज यहां शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संस्था के ट्रैक रिकॉर्ड के अनुसार यह तीनों परियोजनाओं का काम समय पर पूरा होगा जिससे सैकड़ों बच्चों के जीवन में नया उजियारा आएगा। उन्होंने कहा कि सुशीला जी ने 5 विद्यालयों, दो महाविद्यालयों, नि:शुल्क छात्रावास, भोजन, ऑडियो बुक्स, रिकॉर्डेड लेक्चर्स, ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस, स्क्रीन रीडर, कम्प्यूटर लैब और पुस्तकालय के माध्यम से दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं के जीवन में ज्ञान और दृष्टि का प्रकाश प्रसारित किया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि पारसमल बोहरा नेत्रहीन महाविद्यालय 2022 में राजस्थान का पहला नेत्रहीन महाविद्यालय बना। जब दिव्यांगों को दया की जगह दिव्यता का प्रतीक मानने की शुरूआत होती है तब सच्चे अर्थों में दिव्यांगजनों के लिए काम होता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में पहली बार विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए ‘दिव्यांग’ शब्द का प्रयोग करना शुरू किया। यह शब्द ही द्योतक है कि प्रधानमंत्री जी के एक ही फैसले से पूरे भारत की जनता, सभी राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार का दिव्यांगजनों को देखने का नज़रिया बदला है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश के सभी दिव्यांगों के अंदर दिव्यांग शब्द से नए आत्मसम्मान, नई पहचान, आत्मनिर्भर बनने का स्वप्न जगाने का काम किया है।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के सभी दिव्यांगजनों के अंदर मौजूद खेल कौशल को प्लेटफॉर्म दिया है। विश्व में पैरालंपिक खेलों की शुरुआत 1960 में हुई और तब से 2012 तक हुए सभी पैरालंपिक खेलों में भारत को सिर्फ 8 पदक मिले थे। पिछले तीन पैरालंपिक खेलों में भारत ने 52 पदक जीते और इससे हमारे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है। श्री शाह ने कहा कि समाज, सरकार और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर अगर दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए काम करें, तो कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पैरालंपिक खेलों में 52 पदक जीतना इस बात को दर्शाता है कि हमारे दिव्यांगजन सब कुछ कर सकते हैं, बस ज़रूरत है उनका हाथ थामने, उनके अंदर की शक्ति को पहचान कर उन्हें उचित मंच प्रदान करने की।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के बजट को 2014 के 338 करोड़ से रुपए से बढ़ाकर आज 1313 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया है। मोदी सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम किया है। सुगम्य भारत अभियान के तहत भारत सरकार के 1314 भवनों में 563 करोड़ रुपए खर्च कर उन्हें दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाया गया है। इसके अलावा, 1748 अन्य इमारतों को भी सुगम्य बनाने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि 35 अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों और 55 घरेलू हवाईअड्डों को दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाने का काम भी किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से पहले सिर्फ 7 लाख लोगों को भारत सरकार ने कृत्रिम अंग और यंत्र दिए थे, लेकिन मोदी सरकार के पिछले 10 सालों में 18 हज़ार शिविर लगाकर 31 लाख लोगों को कृत्रिम सहायता अंग देने का काम किया गया है।

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