शिक्षा मंत्रालय
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शिक्षा मंत्रालय और सीआईईटी-एनसीईआरटी ने अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस पर 5 दिवसीय आईएसएल कार्यक्रम का समापन किया

Posted On: 20 SEP 2025 6:00PM by PIB Delhi

शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय शैक्षिक तकनीकी संस्थान (सीआईईटी), एनसीईआरटी के सहयोग से 15 से 19 सितंबर 2025 तक भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) पर एक विशेष पांच दिवसीय कार्यक्रम का सीधा आयोजन किया। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था जो हर साल 23 सितंबर को मनाया जाता है। इसका प्रसारण पीएम ई-विद्या आईएसएल चैनल संख्या 31 और एनसीईआरटी के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनलों के माध्यम से किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य विशेषकर बधिर बच्चों के लिए संचार और सीखने के माध्यम के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना था। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी-4: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) में उल्लिखित समावेशी और समतामूलक शिक्षा को बढ़ावा देने में भारतीय सांकेतिक भाषा की भूमिका पर भी जोर दिया गया।

इस कार्यक्रम में प्रतिदिन दोपहर 12:40 बजे से 1:40 बजे तक पांच सीधे चर्चा सत्र प्रसारित किए गए, जिनका प्रसारण पीएम ई-विद्या डीटीएच आईएसएल चैनल संख्या 31, यू-ट्यूब चैनल एनसीईआरटी कार्यक्रमों https://www.youtube.com/@ncertevents.157/streams और एनसीईआरटी आधिकारिक http://youtube.com/ncertofficial सहित कई प्लेटफार्मों पर किया गया। इन सत्रों में मुख्यधारा के स्कूलों में बधिर शिक्षार्थियों को शामिल करने के लिए आईएसएल को एक महत्वपूर्ण माध्‍यम के रूप में प्रस्तुत किया गया और ये सत्र पूरे भारत में सभी दर्शकों के लिए सुलभ थे।

पांच दिनों तक, प्रतिदिन दोपहर 12:40 बजे से 1:40 बजे तक सीधे चर्चा सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में समावेशन के माध्‍यम के रूप में आईएसएल के उपयोग, कक्षाओं और शिक्षण पद्धतियों में आईएसएल, खेलों में आईएसएल के माध्यम से समावेशन, समावेशी पद्धतियों के लिए आईएसएल के माध्यम से अभिव्यक्ति, और बधिर समुदाय के अनुभवों पर ध्यान दिया गया। कार्यक्रम की एक विशेष विशेषता यह थी कि चौथे और पांचवें दिन, सत्रों का संचालन मुख्यतः बधिर विशेषज्ञों द्वारा किया गया, जिससे समुदाय को प्रत्यक्ष रूप से अपनी बात रखने का अवसर मिला। सुगमता सुनिश्चित करने के लिए, पूरे कार्यक्रम के दौरान पेशेवर आईएसएल दुभाषिए मौजूद रहे।

प्रमुख संस्थानों और संगठनों के विशेषज्ञों ने सत्रों में योगदान दिया, जिनमें सुश्री ए श्रीजा, आर्थिक सलाहकार, डीओएसईएल, एमओई; डॉ. शरणजीत कौर, अध्यक्ष, आरसीआई; प्रो. भारती कौशिक, सीआईईटी, एनसीईआरटी; श्री कुमार राजू, निदेशक, आईएसएलआरटीसी; प्रो. अजीश के. अब्राहम, एआईआईएसएच; डॉ. वर्षा गथू, एवाईजेएनआईएसएचडी; डॉ. अंदेशा मंगला, आईएसएलआरटीसी; श्री ललित कुमार, बधिर भाला फेंक खिलाड़ी, अखिल भारतीय बधिर खेल परिषद; सुश्री वर्षा गुलिया, बधिर शॉटपुट खिलाड़ी; श्री जीवी रेड्डी, बधिर फुटबॉल खिलाड़ी, राष्ट्रीय बधिर संघ; श्री विश्वजीत नायर, आईएसएलआरटीसी; सुश्री मनु भारद्वाज, बधिर कराटे खिलाड़ी और सुश्री रमनदीप कौर, बधिर नर्तकी शामिल थीं।

सभी सत्रों की रिकॉर्डिंग व्यापक पहुंच के लिए ऑनलाइन उपलब्ध करा दी गई है। जो लोग सीधे प्रसारित सत्रों में शामिल नहीं हो सके, वे इस लिंक के माध्यम से रिकॉर्डिंग देख सकते हैं: रिकॉर्ड किए गए सत्र यहां देखें

इस पहल के माध्यम से, शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी भारतीय सांकेतिक भाषा को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं कि श्रवण बाधित बच्चों सहित प्रत्येक शिक्षार्थी को विकसित भारत के लिए सीखने, बढ़ने और सफल होने के समान अवसर मिले।

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पीके/केसी/पीपी/वीके


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