संस्‍कृति मंत्रालय
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सेवा पर्व 2025: विकसित भारत के रंग, कला के संग

Posted On: 19 SEP 2025 9:14PM by PIB Delhi

भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय, 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक सेवा पर्व 2025 को सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव के एक राष्ट्रव्यापी उत्सव के रूप में मना रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, सेवा पर्व का उद्देश्य समुदायों, संस्थाओं और व्यक्तियों को सेवा, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव के एक सामूहिक आंदोलन में एक साथ लाना है।

19 सितंबर 2025 को जारी समारोह के एक भाग के रूप में, देश भर के प्रमुख संस्थानों में विकसित भारत के रंग, कला के संग विषय के अंतर्गत कला कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

19 सितंबर 2025 को भारत भर में संस्कृति मंत्रालय के विभिन्न स्थानों और संस्थानों में आयोजित कला कार्यशालाओं की मुख्य विशेषताएं ।

  • वडोदरा, गुजरात (स्वामी विवेकानंद आर्ट गैलरी, आईजीएनसीए) : एक कुशल कलाकारों की कार्यशाला में 75 प्रतिष्ठित कलाकार एक साथ आए, जिनमें पद्मश्री चुन्नीलाल भाई चितारा, एक प्रसिद्ध माता नी पचेड़ी कलाकार भी शामिल थे, जिन्होंने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय विकास की थीम के साथ परंपरा को जोडने में मार्गदर्शन दिया।

  • प्रयागराज, उत्तर प्रदेश (इलाहाबाद संग्रहालय, ललित कला अकादमी और एनसीजेडसीसी के सहयोग से): 600 से अधिक प्रतिभागियों ने एक जीवंत कला कार्यशाला में भाग लिया, जिसमें न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सुधीर नारायण, श्री मनीष कुमार वर्मा (जिला मजिस्ट्रेट, प्रयागराज), प्रोफेसर अजय जेटली, डॉ. देवेन्द्र त्रिपाठी (सचिव, ललित कला अकादमी), श्री राजेश प्रसाद (निदेशक, इलाहाबाद संग्रहालय), और श्री सुदेश शर्मा (निदेशक, एनसीजेडसीसी) सहित प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।

  • विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश (ललित कला विभाग, आंध्र विश्वविद्यालय, एलकेए भुवनेश्वर के साथ): प्रोफेसर जीपी राजशेखर (कुलपति, आंध्र विश्वविद्यालय) और प्रोफेसर ए नरसिम्हा राव (प्राचार्य, कला और वाणिज्य महाविद्यालय, आंध्र विश्वविद्यालय) द्वारा उद्घाटन की गई कार्यशाला में लगभग 300 छात्रों और कलाकारों ने भाग लिया।

          

  • यदागिरिगुट्टा, तेलंगाना (लक्ष्मी नरसिम्हा फंक्शन हॉल, सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद के नेतृत्व में) : 150 स्कूली छात्रों के साथ एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें श्री डी. गणेश (मंडल राजस्व अधिकारी), श्री एस. यामिनी (मंडल शिक्षा अधिकारी) और स्थानीय विधायक ने भाग लिया, तथा युवा शिक्षार्थियों को विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया ।

डिजिटल भागीदारी

व्यापक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने सेवा पर्व पोर्टल के माध्यम से डिजिटल भागीदारी को सक्षम बनाया है:

  • संस्थागत अपलोड : संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत सभी संस्थान और विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने कार्यक्रमों का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं और सेवा पर्व पोर्टल https://amritkaal.nic.in/sewa-parv.htm पर अपलोड कर रहे हैं ।
  • नागरिक योगदान : व्यक्ति अपनी कलाकृतियां, तस्वीरें और रचनात्मक अभिव्यक्तियाँ सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं, और #SewaParv का उपयोग करके उन्हें सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं ।
  • ब्रांडिंग और प्रचार सामग्री यहां डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं: गूगल ड्राइव लिंक

कैसे भाग लें?

  1. व्यक्तिगत भागीदारी

कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के किसी भी माध्यम या सामग्री में "विकसित भारत के रंग, कला के संग" विषय पर कलाकृति बनाकर योगदान दे सकता है। प्रतिभागी अपनी कलाकृति की तस्वीरें यहां अपलोड कर सकते हैं: https://amritkaal.nic.in/sewa-parv-individual-participants

  1. 75 स्थानों में से किसी एक पर पेंटिंग कार्यशाला में शामिल हों

प्रतिभागी दिए गए स्थानों पर संस्कृति मंत्रालय के संबंधित संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं। 75 स्थानों की सूची: यहाँ क्लिक करें

प्रयागराज, विशाखापत्तनम, यादगिरिगुट्टा और वडोदरा में 19 सितंबर को आयोजित कार्यक्रमों ने जनभागीदारी की भावना को साकार रूप दिया और छात्रों, पेशेवर कलाकारों और सांस्कृतिक संस्थानों को एक साझा मंच पर ला खड़ा किया। अपनी रचनात्मकता के माध्यम से, प्रतिभागियों ने 2047 में विकसित भारत की संभावनाओं की कल्पना की , जबकि संस्थानों ने सेवा और सांस्कृतिक गौरव के महत्व पर ज़ोर दिया। जमीनी स्तर पर छात्रों की भागीदारी से लेकर पद्म पुरस्कार विजेता कलाकारों की भागीदारी तक, ये सभी गतिविधियां दर्शाती हैं कि कैसे सेवा और कला मिलकर राष्ट्र के सांस्कृतिक ताने-बाने को मज़बूत करते हैं।

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पीके/केसी/केएल/एमबी


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