सहकारिता मंत्रालय
सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने आज सहकारी बैंकों को आधार-सक्षम भुगतान सेवाओं से जोड़ने हेतु नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में भाग लिया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रस्तुत “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसे केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं
आधार-सक्षम सेवाओं को अपनाने के उपरांत सहकारी बैंक और अधिक सशक्त, आधुनिक तथा सक्षम संस्थान बन जाएंगे
सहकारी बैंक आत्मनिर्भर वित्तीय संस्थान बनकर आधार-सक्षम डिजिटल सेवाओं की आपूर्ति क्षमता को और अधिक सुदृढ़ करेंगे
इससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में वित्तीय समावेशन की पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि होगी
UIDAI( भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने सहकारी बैंकों को शामिल करने और अंतिम छोर तक बैंकिंग एवं डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने के लिए एक नया सरल ढांचा प्रस्तुत किया है
इस ढांचे के अंतर्गत देशभर के 34 राज्य सहकारी बैंक और 351 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक सम्मिलित हैं
Posted On:
19 SEP 2025 3:56PM by PIB Delhi
सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने आज सहकारी बैंकों को आधार-सक्षम भुगतान सेवाओं से जोड़ने हेतु UIDAI( भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के संशोधित ढांचे पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यशाला में UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री भुवनेश कुमार, नाबार्ड के अध्यक्ष श्री शाजी के. वी., एवं सहकारिता मंत्रालय, UIDAI, NPCI (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) तथा नाबार्ड के अधिकारीगण सम्मिलित हुए। देशभर के सभी 34 राज्य सहकारी बैंकों (StCBs) और 351 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCBs) के प्रतिनिधि तथा 500 से अधिक प्रतिभागियों ने वर्चुअल माध्यम से कार्यशाला में भाग लिया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रस्तुत “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के गतिशील नेतृत्व में साकार किया जा रहा है। इस पहल से सहकारी बैंक आधार-सक्षम सेवाओं को अपनाकर और अधिक सशक्त, आधुनिक और सक्षम संस्थान बन सकेंगे।

डॉ. भूटानी ने कहा कि यह पहल सहकारी बैंकों को आत्मनिर्भर एवं सक्षम वित्तीय संस्थानों के रूप में उनकी भूमिका का विस्तार करने और आधार-सक्षम डिजिटल सेवाओं की आपूर्ति क्षमता को और सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में वित्तीय समावेशन की पहुँच में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जो सहकारिता के माध्यम से समावेशी विकास के विज़न के अनुरूप है।
इस अवसर पर UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री भुवनेश कुमार ने कहा कि संशोधित ढांचा एक मजबूत और दूरदर्शी व्यवस्था है, जो सहकारी बैंकों को आधार-सक्षम प्रमाणीकरण और e-KYC सेवाओं को अपनाने में अत्यधिक सहूलियत प्रदान करेगा।

नाबार्ड के अध्यक्ष श्री शाजी के. वी. ने आश्वस्त किया कि नाबार्ड इस ढांचे को सफलतापूर्वक लागू करने और इसके माध्यम से सहकारी बैंकों के सदस्यों को लाभ पहुँचाने हेतु पूर्ण सहयोग देगा।
अब तक प्राविधिक आवश्यकताओं और लागत से जुड़ी चुनौतियों के कारण सहकारी बैंक आधार प्रमाणीकरण के दायरे से बाहर थे। इन चुनौतियों से पार पाने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने सहकारिता मंत्रालय, नाबार्ड, NPCI और सहकारी बैंकों के साथ परस्पर परामर्श करके एक नया सरल ढांचा प्रस्तुत किया है, जो अंतिम छोर तक बैंकिंग और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देगा।
इस ढांचे के अंतर्गत देश के सभी 34 राज्य सहकारी बैंक और 351 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक सम्मिलित होंगे। संशोधित प्रणाली के अंतर्गत केवल राज्य सहकारी बैंकों को UIDAI में औथेंटिक यूजर एजेंसियों (AUAs) और eKYC उपयोगकर्ता एजेंसियों (KUAs) के रूप में पंजीकृत किया जाएगा। इसके माध्यम से संबंधित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक अपने-अपने राज्य सहकारी बैंकों के आधार प्रमाणीकरण अनुप्रयोग और आईटी अवसंरचना का सहज रूप से उपयोग कर पाएंगे। यह व्यवस्था DCCB को अलग-अलग आईटी प्रणाली विकसित करने और उसका रखरखाव करने की आवश्यकता से मुक्त करेगी, जिससे पूरी प्रक्रिया अधिक किफायती, प्रभावी और सुव्यवस्थित होगी।
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(Release ID: 2168483)