सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
शिक्षा विशारदों का पूर्व अधिगम (सीखे हुए) मान्यता प्रदाता सशक्तिकरण
समावेशी शिक्षा एवं सहायक प्रौद्योगिकीयों में प्रमाणन
Posted On:
17 SEP 2025 8:21PM by PIB Delhi
सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण विभाग विशेष अभियान 5.0 तैयार कर रहा है जो 2 अक्तूबर, 2025 से 31 अक्तूबर, 2025 तक लागू होगा। इस पहल के अनुरूप इस विभाग ने भारतीय संकेत भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान एवं भारतीय कृत्रिम अंग विनिर्माण निगम (अलिम्को) के सहयोग से पूर्व अधिगम मान्यता प्रमाणन कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू कर रहा है। इन कार्यक्रमों का लक्ष्य समावेशी शिक्षा एवं दिव्यांग व्यक्तियों को उसे सुलभ कराना है। इसके साथ ही देश में विभिन्न स्थानों पर 75 वितरण शिविर आयोजित किए जाएंगे जिनमें 40,000 लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता उपकरण एवं सहायक यंत्र प्रदान किए जाएंगे। इन उपकरणों एवं यंत्रों का मूल्य 38 करोड़ रूपए है।
इस अनूठी पहल के अंतर्गत शिक्षकों—निर्देशकों—प्रशिक्षकों के बहुमूल्य ज्ञान, कौशल एवं योग्यता को पहली बार मान्यता दी जा रही है जो दृष्टिबाधित एवं श्रवणबाधित व्यक्तियों को शिक्षित एवं समर्थ बनाने में अमूल्य योगदान कर रहे हैं। आरपीएल प्रमाणन को पेशेवर योग्यता बढ़ाने, विश्वसनीयता पैदा करने और शैक्षिक वातावरण में सहायक प्रौद्योगिकीयों के निर्बाध एकीकरण की दृष्टि से तैयार किया गया है। प्रमाणन का उद्देश्य पेशेवर विश्वसनीयता बनाना, शिक्षण का मानक सुधारना और कक्षाओं में सहायक प्रौद्योगिकीयां अपनाने को प्रोत्साहित करना है।
इस पहल के अंतर्गत आरंभ किए गए आरपीएल कार्यक्रम निम्न लिखित हैं:—
- दृष्टिबाधित व्यक्तियों के निर्देशकों के लिए आईसीटी एवं सहायक प्रौद्योगिकीयों में आरपीएल ( कम्प्यूटर, संगीत, शारीरिक शिक्षण एवं विज्ञान/एसटीईएम शिक्षक)।
- श्रवणबाधित बालकों के लिए भारतीय संकेत भाषा में कमप्यूटर साक्षर कौशल सिखाने में आरपीएल प्रमाणन।
- क्रिकेट की कमेंटरी के भारतीय संकेत भाषा में संप्रेषण में आरपीएल प्रमाणन: यह भारतीय संकेत भाषा में पेशेवर क्रिकेट कमेंटेटर तैयार करने संबंधी पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इसमें प्रशिक्षित कमेंटेटर आईपीएल एवं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट प्रतिस्पर्धाओं की कमेंटरी करके श्रवणबाधित समुदाय को खेलकूद की सुलभता बढ़ाएंगे।
- श्रवणबाधित बालकों को अंग्रेजी साक्षर कौशल सिखाने में आरपीएल प्रमाणन: यह आरपीएल कार्यक्रम लघु अवधि के कार्यक्रम होंगे जिनमें दिव्यांगों की योग्यता का आंकलन करके उन्हें अतिरिक्त प्रशिक्षण देने संबंधी प्रमाणन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का लक्ष्य दिव्यांगों को विज्ञान, संगीत, प्रौद्योगिकी, खेलकूद एवं भाषा की पढ़ाई करवाने के लिए संसाधनों की संख्या बढ़ाने वास्ते सेवाओं का स्तर सुधारना एवं दिव्यांगों के सीखने की प्रक्रिया में मौजूद कमियां दूर करना है। शिक्षा विशारदों एवं व्याख्याकारों को सशक्त करके यह कार्यक्रम दृष्टिबाधित एवं श्रवणबाधित प्रशिक्षुओं के भीतर स्वतंत्रता, स्वावलंबन एवं कुशलता का भाव भी जगाता है। इस परोपकारी कार्यक्रम के अंतर्गत ही मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक प्रतिष्ठान भारतीय कृत्रिम अंग विनिर्माण निगम (अलिम्को) द्वारा देश भर में 75 स्थानों पर वितरण शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता के उपकरणों एवं सहायक यंत्रों के वितरण द्वारा 40,000 से अधिक लाभार्थियों को प्रत्यक्ष सहायता प्राप्त होगी।
दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग द्वारा स्थानीय साइकिल मिस्त्रियों एवं ई—रिक्शा मिस्त्रियों के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम भी भारतीय कृत्रिम अंग विनिर्माण निगम (अलिम्को) के सहयोग से आरंभ किया जाएगा। इस कार्यक्रम का लक्ष्य देश भर में मोटरचालित ट्राइसाइकिल, हाथचालित ट्राइसाइकिल एवं व्हीलचेयर जैसे सहायक यंत्रों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए आवश्यक कौशल में मिस्त्रियों को प्रशिक्षित करना है। इससे दिव्यांगजनों को अभिगम्यता एवं गतिशीलता प्राप्त करने में सहायक भौतिक सुविधाओं को बढ़ाया एवं सुदृढ़ किया जा सके। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद भागीदारों को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा जिसमें उन्हें गतिशीलता सहायक यंत्रों की मरम्मत के लिए 'अलिम्को द्वारा प्रशिक्षित' मिस्त्री के रूप में मान्य किया जाएगा।
इस कार्यक्रम को निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है:—
- देश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दिव्यांगों को स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित मिस्त्रियों का नेटवर्क स्थापित करके उनकी सेवा उपलब्ध करवाना है।
- स्थानीय साइकिल एवं ई—रिक्शा मिस्त्रियों को कौशल संवर्धन एवं आजीविका कमाने के अवसर प्रदान की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना ।
- • दिव्यांगों को उनके गतिशीलता संबंधी यंत्रों की समयबद्ध एवं भरोसेमंद मरम्मत सुविधा प्रदान करना ताकि उनके समय की बचत हो एवं वे असुविधा से बचें।
यह कार्यक्रम दिव्यांगों को अभिगम्यता प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। स्थानीय मिस्त्रियों को विशिष्ट कौशल सिखा कर विभाग सिर्फ सेवा की सुलभता ही नहीं बढ़ा रहा बल्कि समावेशिता एवं आजीविकोपार्जन के अवसर भी पैदा कर रहा है।
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पीके/केसी/एएम
(Release ID: 2167967)