जनजातीय कार्य मंत्रालय
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के धार से आदि कर्मयोगी अभियान का शुभारंभ किया


दुनिया का सबसे व्‍यापक जनजातीय जमीनी स्तर का नेतृत्व मिशन; इसमें 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 1 लाख गांवों में 11 करोड़ नागरिकों को शामिल किया जाएगा

आदि कर्मयोगी: उत्तरदायी शासन के लिए सेवा, समर्पण और संकल्प के माध्यम से विकसित भारत का एक मिशन

जनजातीय गौरव वर्ष के दौरान आदि सेवा पर्व के अंतर्गत जनजातीय समुदायों को सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़ने का अभियान

आदि सेवा पर्व 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक मनाया जाएगा

Posted On: 17 SEP 2025 8:09PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में  सरकार ने 15 नवंबर 2024 से 15 नवंबर 2025 तक जनजातीय गौरव वर्ष घोषित किया है । इस उत्सव की एक ऐतिहासिक पहल के रूप में जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आदि कर्मयोगी अभियान का शुभारंभ किया है। यह  एक ऐसा उत्तरदायी शासन मिशन है जिसे दुनिया के सबसे व्‍यापक जनजातीय जमीनी स्तर के नेतृत्व कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित किया गया है। इसमें 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 1 लाख गांवों से 11 करोड़ जनजातीय नागरिकों को शामिल किए जाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है।

"आदि कर्मयोगी, विकसित भारत का एक मिशन है: सेवा, समर्पण और संकल्प के माध्यम से उत्तरदायी शासन और अंतिम छोर तक सेवा संतृप्ति प्राप्त करना। "

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के धार में कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आदि सेवा पर्व की गूंज देश भर में विभिन्न चरणों में पहले से ही सुनाई दे रही है। मध्‍य प्रदेश संस्‍करण का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि यह अभियान मध्य प्रदेश के जनजातीय समुदायों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़ने के लिए एक सेतु का कार्य करेगा।

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शासन की पुनर्कल्पना-नेतृत्व का एक बुनियादी मॉडल

10 जुलाई 2025 से ग्रामीण विकास, महिला और बाल विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, वन, जनजातीय मामले तथा अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी देश के सात क्षेत्रों में 7-दिवसीय आवासीय शासन प्रक्रिया प्रयोगशालाओं में भाग ले चुके हैं।

व्यवहारिक प्रक्रिया प्रयोगशाला के माध्यम से यह नेतृत्व विकास कार्यक्रम जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर के अधिकारियों तक पहुंच चुका है तथा 20 लाख अधिकारियों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और जनजातीय युवाओं को आदि कर्मयोगी के रूप में सेवा करने के लिए तैयार कर रहा है - जो सेवा और परिवर्तन की दिशा में जमीनी स्तर के कर्मठ परिवर्तनकर्ता हैं।

यह एकीकृत मॉडल सुनिश्चित करता है:

  • अंतिम-छोर तक योजना का कार्यान्वयन
  • विभागीय संसाधनों का अभिसरण
  • समान भागीदार के रूप में जनजातीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी

आदि सेवा पर्व (17 सितंबर-2 अक्टूबर 2025)

अभियान के एक भाग के रूप में  प्रधानमंत्री ने 1 लाख जनजातीय बहुल गांवों में मनाए जाने वाले आदि सेवा पर्व का उद्घाटन किया।

एक पखवाड़े तक चलने वाले इस अभियान के दौरान, प्रत्येक गांव मिलकर अपना जनजातीय ग्राम विजन 2030 तैयार करेगा और यह विकसित भारत@2047 की आधारशिला रखेगा।

सहभागी दृष्टिकोण प्रक्रिया में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • समुदाय के सदस्यों के साथ ट्रांसेक्ट वॉक
  • हितधारकों के साथ केंद्रित समूह चर्चा
  • विकास संकेतकों का अंतर विश्लेषण
  • जनजातीय ग्राम विजन 2030 को मूर्तरूप देना
  • धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान 2.0, पीएम जनमन और अन्य प्रमुख योजनाओं से निवेश मानचित्रण के साथ ग्राम कार्य योजनाएं

प्रत्येक गांव में एक आदि सेवा केंद्र स्थापित किया जाएगा-एक एकल खिड़की नागरिक सेवा केंद्र, जहां निवासी आदि सेवा समय (स्वैच्छिक सेवा का एक साप्ताहिक घंटा) में योगदान देंगे ।

प्रभावी संचार के लिए, आदि वाणी ऐप - एक एआई-आधारित भाषा सेतु-का उपयोग सरकारी अधिकारियों को जनजातीय समुदायों के साथ उनकी मूल भाषाओं में जोड़ने के लिए किया जाएगा (शुरुआत में 4)

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युवा नेतृत्व

इस अभियान का उद्देश्य भारत के युवाओं को राष्ट्र निर्माण में भागीदार के रूप में संगठित करना भी है:

  • आदिवासी ग्राम विजन 2030 को मूर्त रूप देने में गांव के युवाओं को शामिल करते हुए आदि सहयोग
  • आईआईटी, आईआईएम, एम्स और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आदि कर्मयोगी विद्यार्थी अध्याय शुरू किए जाएंगे , जिससे भारत के प्रतिभाशाली छात्र जनजातीय परिवर्तन में योगदान दे सकेंगे।
  • आदि कर्मयोगी फेलोशिप , राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी में, युवा पेशेवरों को जनजातीय क्षेत्रों में सेवा करने, समावेशी शासन मॉडल तैयार करने और अभिनव समाधान विकसित करने के लिए नियुक्त करेगी।

आदि कर्मयोगी अभियान की मुख्य विशेषताएं

  1. 20 लाख परिवर्तनकर्ता - बहु-विभागीय अधिकारी, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और अंतिम छोर तक सेवा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित युवा।
  2. 1 लाख गांव, 1 विजन - समुदाय डीएजेजीयूए-2.0 से जुड़ी कार्य योजनाओं के साथ जनजातीय गांव विजन 2030 का सह-निर्माण करते हैं।
  3. 1 लाख आदि सेवा केंद्र- साप्ताहिक आदि सेवा घंटे  के साथ एकल खिड़की केंद्र।
  4. जमीनी स्तर पर शिकायत निवारण - समय पर समस्या समाधान, सेवा कवरेज और योजना संतृप्ति के लिए गांव के नेतृत्व वाली व्यवस्था।

व्‍यापक स्‍तर पर प्रभाव

  • 11 करोड़ जनजातीय नागरिकों का सशक्तिकरण
  • 1 लाख गांव 30 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश 550 जिले 3000 ब्लॉक
  • जमीनी स्तर के नेताओं के रूप में 20 लाख आदि कर्मयोगी

नेतृत्व की अभिव्‍यक्ति

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने कहा:

"आदि कर्मयोगी अभियान केवल एक कार्यक्रम नहीं है—यह सशक्तिकरण का एक आंदोलन है। प्रत्येक जनजातीय गांव के लिए विज़न 2030 का सह-निर्माण करके, हम जनजातीय समुदायों को समान भागीदार बनाकर विकसित भारत@2047 की आधारशिला रख रहे हैं। "

जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने कहा

"शासन लैब्स और आदि सेवा केंद्रों का शानदार मॉडल यह सुनिश्चित करता है कि उत्तरदायी शासन हर घर तक पहुंचे। इससे जनजातीय क्षेत्रों में अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित होगी और योजनाओं का पूर्ण उपयोग होगा। "

विकसित भारत@2047 की ओर अग्रसर

आदि कर्मयोगी अभियान एक शासन सुधार से कहीं बढ़कर है—यह एक जन आंदोलन है। उत्तरदायी शासन, युवा नेतृत्व, सामुदायिक भागीदारी और अंतिम छोर तक सेवा पहुंचाने के संयोजन से, यह अभियान जनजातीय नागरिकों को भारत की विकास यात्रा के सह-निर्माता के रूप में सशक्त बनाता है ।

यह समावेशी,  उदार और समृद्ध भारत के निर्माण में एक ऐतिहासिक पहल है।

 

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पीके/केसी/एसएस/वाईबी


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