वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 18-19 सितंबर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का दौरा करेंगे


श्री गोयल निवेश पर 13वें भारत-यूएई उच्च स्तरीय कार्यबल की सह-अध्यक्षता करेंगे

भारत-यूएई सीईपीए की समीक्षा करेंगे और निवेश के नए अवसरों की तलाश करेंगे; श्री गोयल यूएई के शीर्ष नेताओं और सीईओ से मिलेंगे

Posted On: 17 SEP 2025 5:02PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) के प्रबंध निदेशक शेख हमीद बिन जायद अल नाहयान के साथ 13वें भारत-यूएई उच्च स्तरीय निवेश कार्यबल (एचएलजेटीएफआई) की सह-अध्यक्षता करने के लिए 18-19 सितंबर 2025 तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का दौरा करेंगे।

इस बैठक में भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए), दोहरे कराधान संधि और यूएई-भारत केंद्रीय बैंक से संबंधित मामलों में अब तक की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। दोनों पक्ष समुद्री और अंतरिक्ष सहित प्रमुख क्षेत्रों में निवेश के अवसरों का भी पता लगाएंगे, जिनमें विकास की प्रबल संभावनाएं हैं।

इस यात्रा के दौरान, श्री गोयल यूएई के विदेश व्यापार मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी के साथ यूएई-भारत व्यापार परिषद (यूआईबीसी) गोलमेज सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे और प्रमुख भारतीय तथा यूएई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ बातचीत करेंगे। वे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में व्यापार, निवेश और सहयोग को मज़बूत करने पर केंद्रित द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

केंद्रीय मंत्री श्री गोयल यूएई के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) के अध्यक्ष शेख तहनून बिन जायद अल नाहयान; अबू धाबी आर्थिक विकास विभाग (एडीडीईडी) के अध्यक्ष अहमद जसीम अल ज़ाबी; और आईएचसी के प्रबंध निदेशक श्री सैयद बसर शुएब सहित निजी क्षेत्र के अन्य प्रमुख हितधारकों से मिल सकते हैं।

मुंबई में अक्टूबर 2024 में आयोजित 12वें एचएलजेटीएफआई में भारत-यूएई द्विपक्षीय निवेश संधि की संपुष्टि की गई। इस पर फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की यूएई यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। 2013 में स्थापित एचएलजेटीएफआई ने व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने, नए अवसरों की पहचान करने और निवेशकों के मुद्दों को हल करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य किया है।

यूएई भारत के सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में से एक बना हुआ है। उनकी व्यापक रणनीतिक साझेदारी गहन राजनीतिक जुड़ाव, मजबूत आर्थिक एकीकरण और ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्योगिकी तथा खाद्य सुरक्षा में सहयोग पर आधारित है। मई 2022 में लागू हुए सीईपीए ने द्विपक्षीय उत्पाद व्यापार को वित्त वर्ष 2020-21 में 43.3 अरब अमेरिकी डॉलर से लगभग दोगुना करके वित्त वर्ष 2023-24 में 83.7 अरब अमेरिकी डॉलर कर दिया है। इसने गैर-तेल क्षेत्रों की ओर एक संरचनात्मक बदलाव को उत्प्रेरित किया है।

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पीके/केसी/एके


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