जनजातीय कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

नॉर्दर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड ने सीएसआर के तहत ईएमआरएस में क्षमता निर्माण के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ हाथ मिलाया


जनजातीय कार्य मंत्रालय और एनसीएल ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 42 ईएमआरएस को उन्नत करने के लिए हाथ मिलाया

ईएमआरएस में डिजिटल शिक्षा और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एनसीएल से 5 करोड़ रुपये की सीएसआर सहायता

42 ईएमआरएस में आदिवासी छात्रों को सशक्त बनाने के लिए 950 कंप्यूटर, 430 सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें

ईएमआरएस में आदिवासी छात्रों के समग्र विकास के लिए सीएसआर परियोजना को लागू करने के लिए एनएसटीएफडीसी

Posted On: 15 SEP 2025 8:32PM by PIB Delhi

एक ऐतिहासिक निर्णय में, जनजातीय कार्य मंत्रालय और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में 42 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में बुनियादी ढांचे के विकास और क्षमता निर्माण के लिए एक साथ आने का निर्णय लिया।

जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, अनुसूचित जनजाति के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए ईएमआरएस की स्थापना करता है ताकि वे उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों में अवसर प्राप्त कर सकें; और इस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में लाभकारी रोजगार प्राप्त कर सकें। ईएमआरएस उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के अलावा, उनके पोषण, समग्र स्वास्थ्य एवं विकास का भी ध्यान रखता है। आज देश भर में 479 ईएमआरएस कार्यरत हैं।

जनजातीय लोगों के समग्र विकास के लिए सरकारी वित्त पोषण के पूरक के रूप में सीएसआर की क्षमता को समझते हुए, जनजातीय मामलों के मंत्री श्री जुएल ओराम के नेतृत्व में जनजातीय मामलों का मंत्रालय, जनजातीय गौरव वर्ष के स्मरणोत्सव और प्रधान मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के साथ मिलकर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और डिजिटल समावेशन के माध्यम से जनजातीय युवाओं को सशक्त बनाने के संकल्प को और मजबूत करने के लिए, केंद्रित सीएसआर निवेश के लिए कंपनियों से संपर्क कर रहा है।

इस पृष्ठभूमि में, एनसीएल ने घोषणा की है कि डिजिटल शिक्षा और अन्य बुनियादी ढाँचागत पहलों को बढ़ावा देने के लिए ईएमआरएस को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत 5 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। 42 ईएमआरएस को लगभग 950 कंप्यूटर, 950 यूपीएस, 90 टैबलेट, 430 सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें और 430 सैनिटरी पैड इंसिनरेटर प्रदान किए जाएँगे। सीएसआर द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना का क्रियान्वयन मंत्रालय के अधीन एक सेक्शन 8 कंपनी, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) द्वारा समयबद्ध तरीके से किया जाएगा।

परियोजना के उद्देश्य:

  1. डिजिटल शिक्षा: डिजिटल साक्षरता कौशल 21 वीं सदी के युवाओं के लिए विकसित करने योग्य सबसे महत्वपूर्ण कौशलों में से एक है और कंप्यूटर लैब स्थापित करके और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देकर, जनजातीय कार्य मंत्रालय और एनसीएल जनजातीय छात्रों में ऐसे कौशल विकसित करना चाहते हैं। आज दुनिया भर में अधिकांश युवा इंटरनेट और कंप्यूटर का उपयोग करके शिक्षा प्राप्त करते हैं, इसलिए छात्रों और शिक्षकों के लिए नवीनतम तकनीक और नवाचार का लाभ उठाने के लिए इन डिजिटल उपकरणों तक पहुँच होना महत्वपूर्ण है। इससे ईएमआरएस में मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए अभिनव कार्यक्रमों, जैसे आईआईटी-जेईई और नीट के लिए डिजिटल ट्यूशन, डिजिटल परिवर्तन कार्यक्रम आदि को और बढ़ावा मिलेगा।
  1. छात्राओं का स्वास्थ्य और स्वच्छता: मासिक धर्म संबंधी स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने से छात्राओं की पढ़ाई में स्थिरता और शैक्षणिक प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

लाभार्थी: इस पहल से 13,500 छात्राओं सहित 26,000 से अधिक आदिवासी छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

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पीके/केसी/एनकेएस/डीए


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