संस्कृति मंत्रालय
पटना में 'उन्मेष: अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव' का तीसरा संस्करण आयोजित किया जाएगा
इस महोत्सव में भारत और विदेश के 550 से अधिक लेखक भाग लेंगे
महोत्सव में 100 से अधिक भाषाओं का प्रतिनिधित्व होगा
Posted On:
10 SEP 2025 6:30PM by PIB Delhi
उन्मेष एशिया का सबसे बड़ा और सर्वाधिक समावेशी अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव है। उन्मेष के तीसरे संस्करण में 100 से अधिक भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 550 से अधिक प्रख्यात लेखक, कवि, विद्वान, अनुवादक, प्रकाशक और विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियाँ भाग लेंगी। 4 दिनों तक आयोजित होने वाले महोत्सव में 90 सत्र आयोजित किए जाएंगे और लगभग 15 देशों के लेखक इसमें भाग लेंगे। उन्मेष के पिछले दो संस्करण 2022 में शिमला और 2023 में भोपाल में आयोजित किए गए थे।
साहित्य अकादमी, सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर, पटना, बिहार में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और बिहार सरकार के सहयोग से 25 सितंबर 2025 से 28 सितंबर 2025 तक चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव, उन्मेष के तीसरे संस्करण का आयोजन करेगी।
संस्कृति मंत्रालय में सचिव श्री विवेक अग्रवाल ने 10 सितंबर 2025 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA), नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में मीडिया को 11 से 13 सितंबर 2025 तक नई दिल्ली के विज्ञान भवन में "ज्ञान भारतम" मिशन के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे आगामी सेमिनार और आगामी "उन्मेष: अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव" के बारे में जानकारी दी। ज्ञान भारतम भारत की व्यापक पांडुलिपि विरासत का सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण, डिजिटलीकरण, संरक्षण और सार्वजनिक पहुंच प्रदान करने के लिए संस्कृति मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव श्रीमती अमिता प्रसाद सरभाई, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी और साहित्य अकादमी के सचिव डॉ के श्रीनिवासराव भी उपस्थित थे।
श्री आरिफ मोहम्मद खान, बिहार के राज्यपाल, श्री जावेद अख्तर, श्री गिरीश कसारवल्ली, डॉ. सोनल मानसिंह, डॉ. इरीना बरमेतोवा, श्री नवतेज सरना, डॉ. प्रतिभा रे, श्री अमोल पालेकर, डॉ. बलदेव भाई शर्मा, प्रोफेसर एचएस शिवप्रकाश, डॉ. कपिल कपूर, महामहोपाध्याय स्वामी भद्रेशदास, के. जयकुमार, सुश्री अनुजा चंद्रमौली, जैसी प्रतिष्ठित हस्तियां, कई देशों के राजदूत और कई अन्य लोग महोत्सव में शामिल होंगे।
कविता और कहानी पाठ सत्र, धर्म साहित्य, उत्तर-आधुनिक भारतीय साहित्य और सिनेमा, विदेशी भाषाओं में भारतीय साहित्य का प्रचार, शास्त्रीय भारतीय साहित्य का मशीनी अनुवाद, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सुदृढ़ बनाने में साहित्य की भूमिका, सामाजिक प्रगति में दलित साहित्य की भूमिका, भारतीय साहित्यिक नारीवाद, आदिवासी समुदायों का प्रवास और पहचान का संकट, भक्ति साहित्य, लेखक, प्रकाशक और कॉपीराइट मुद्दे, ऐतिहासिक कथा साहित्य, महिला भारतीय रंगमंच आदि, आदिवासी लेखकों का सम्मेलन, LGBTQ लेखकों का सम्मेलन और भी बहुत कुछ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर पैनल चर्चाएँ होंगी। शाम को, ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज द्वारा संगीतमय प्रस्तुति सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। सभी के लिए प्रवेश निःशुल्क है।
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