जनजातीय कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने जनजातियों के कलारूपों के डिजिटल शिक्षण के लिए एक मंच, "आदि संस्कृति" के बीटा संस्करण की शुरूआत की


प्रत्येक जनजातीय गीत, कहानी, कार्य प्रणालियों के ज्ञान को संरक्षित करने, उनके अध्ययन, प्रगति और आजीविका के लिए एक मंच तैयार

Posted On: 10 SEP 2025 6:48PM by PIB Delhi

परंपरा को तकनीक से जोड़ते हुए, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आदि कर्मयोगी अभियान पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान, आदिवासी कलारूपों, विरासत के संरक्षण, आजीविका को सक्षम बनाने और भारत के जनजातीय समुदायों को दुनिया से जोड़ने के लिए एक अग्रणी डिजिटल शिक्षण मंच, आदि संस्कृति के बीटा संस्करण की शुरूआत की। जनजातीय कार्य राज्य मंत्री, दुर्गादास उइके ने इस मंच का औपचारिक शुभारंभ किया, जिससे आदिवासी संस्कृति और विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक नए डिजिटल युग की शुरूआत हुई।

आदि संस्कृति की कल्पना जनजातीय समुदायों की संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने और उसे बढ़ावा देने, और जनजातीय कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों तक दुनिया भर की पहुँच प्रदान करने वाले एक ऑनलाइन बाज़ार के लिए दुनिया के पहले डिजिटल विश्वविद्यालय के रूप में की गई है। इस प्लेटफ़ॉर्म में तीन प्रमुख घटक शामिल हैं:

  • आदि विश्वविद्यालय (डिजिटल ट्राइबल आर्ट अकादमी): वर्तमान में आदिवासी नृत्य, चित्रकला, शिल्प, संगीत और लोककथाओं पर 45 इमर्सिव पाठ्यक्रम प्रदान कर रहा है।
  • आदि सम्पदा (सामाजिक-सांस्कृतिक भंडार): पांच विषयों पर 5,000 से अधिक संकलित दस्तावेजों का संग्रह, जिसमें चित्रकला, नृत्य, वस्त्र एवं वस्त्र, कलाकृतियाँ और आजीविका शामिल हैं
  • आदि हाट (ऑनलाइन बाज़ार): वर्तमान में ट्राइफेड के साथ जुड़ा हुआ, यह आदिवासी कारीगरों के लिए एक समर्पित ऑनलाइन बाज़ार के रूप में विकसित होगा, जिससे स्थायी आजीविका और प्रत्यक्ष उपभोक्ता पहुँच संभव होगी।

राज्य टीआरआई के साथ तालमेल से निर्माण

आदि संस्कृति का निर्माण राज्य जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई) के साथ घनिष्ठ साझेदारी में किया जा रहा है, जिससे इसके विकास में जमीनी स्तर की भागीदारी, प्रामाणिकता और तालमेल सुनिश्चित हो सके। इसके पहले चरण में, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के टीआरआई ने जनजातीय कलाकृतियों के दस्तावेजीकरण, विषयवस्तु संग्रह और डिजिटल मानचित्रण में योगदान दिया है। इस सामूहिक प्रयास ने एक ऐसे मंच की नींव रखी है जो भारत की जनजातीय विरासत की विविधता और समृद्धि को दर्शाता है।

शुरूआत के समय अभिव्यक्तियां

इस अवसर पर जनजातीय कार्य राज्य मंत्री, श्री दुर्गादास उइके ने अनुसूचित जनजातियों के उत्थान और उनकी विरासत के संरक्षण के लिए मंत्रालय के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जनजातीय भाषाओं के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)-आधारित अनुवादक, आदि वाणी की पूर्व में की गई शुरूआत का जिक्र किया और आशा व्यक्त की कि ऐसे उपकरण जल्द ही लोकतांत्रिक मंचों और संस्थानों में उपयोगी साबित होंगे।

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि, "शिक्षा से संपदा और हाट तक - आदि संस्कृति संरक्षण, ज्ञान-साझाकरण और सशक्तिकरण का एक समग्र मंच है। यह जनजातीय समुदायों, उनकी संस्कृति और विरासत के बारे में विविध ज्ञान प्रदान करता है और कला रूपों के भंडार के रूप में कार्य करता है। इसके शुभारंभ के साथ, अब कोई भी जनजातीय संस्कृति, विरासत और आजीविका के खजाने से जुड़ सकता है।"

जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अनंत प्रकाश पांडे ने कहा कि आदि संस्कृति, विकसित भारत @2047 के लिए सांस्कृतिक संरक्षण और जनजातीय सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने लोगों से इस पोर्टल का उपयोग करने का आग्रह किया, जो अब सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है। उन्होंने इसके निरंतर संवर्धन के लिए फीडबैक साझा करने का भी आग्रह किया।

मंत्रालय ने पुष्टि की है कि आदि संस्कृति का विस्तार चरणबद्ध तरीके से और अधिक पाठ्यक्रमों, संग्रहों और बाज़ार एकीकरण के साथ किया जाएगा। दीर्घकालिक दृष्टिकोण इस प्लेटफ़ॉर्म को एक जनजातीय डिजिटल विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करना है, जो प्रमाणन, उन्नत शोध के अवसर और परिवर्तनकारी शिक्षण मार्ग प्रदान करेगा।

संरक्षण, शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण को एक साथ लाकर, आदि संस्कृति भारत के जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और उसका उत्सव मनाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, साथ ही उन्हें डिजिटल ज्ञान अर्थव्यवस्था में सक्रिय भागीदार के रूप में सशक्त भी बनाया गया है।

आदि संस्कृति की शुरूआत का वीडियो

लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=BwsmMmrlmdE

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