पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) जम्मू-कश्मीर में ज्यादा सटीक, जिलेवार विशिष्ट मौसम पूर्वानुमान एवं पूर्व चेतावनियां जारी करने के लिए मिशन मौसम के अंतर्गत 4 अतिरिक्त रडार स्थापित करेगा: डॉ. जितेंद्र सिंह


केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू के संभागीय आयुक्त तथा जम्मू और कश्मीर के डोडा, किश्तवाड़, रामबन, काठुआ और उज्जैनपुर जिलों के उपायुक्तों के साथ उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की जिससे क्षेत्र में अभूतपूर्व बारिश, बादल फटने एवं अचानक बाढ़ के बाद उठाए गए राहत और पुनर्वास उपायों का मूल्यांकन किया जा सके

डॉ. जितेंद्र सिंह ने सरकारी राहत उपायों के अलावा सांसद निधियों से राशन, पानी के फ़िल्टर, चिकित्सा किट एवं अतिरिक्त राहत प्रदान की

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन के निरंतर प्रयासों एवं नागरिक समाज के सहयोग की सराहना की, जो चुनौतीपूर्ण मौसम होने के बावजूद जीवन सुरक्षित करने एवं प्रभावित परिवारों को समय पर राशन, दवाएं और आश्रय प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं; अंतर-मंत्रालय समिति कटुआ का दौरा करेगी: डॉ जितेंद्र सिंह

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और आईएमडी को 24 घंटे पूर्वानुमान प्रदान करने का निर्देश दिया गया

Posted On: 04 SEP 2025 7:53PM by PIB Delhi

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) जम्मू-कश्मीर में ज्यादा सटीक, जिलेवार विशिष्ट मौसम पूर्वानुमान एवं पूर्व चेतावनियां जारी करने के लिए मिशन मौसम के अंतर्गत 4 अतिरिक्त रडार स्थापित करेगा, जिनमें से 3 रडार पहले से ही चालू हैं।

केंद्रीय मंत्री ने विशेष रूप से मंत्रालय और आईएमडी को निर्देश दिया कि वे उत्तर भारत के मौसम प्रभावित क्षेत्रों जैसे जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के लिए विशेष जिलावार पूर्वानुमान जारी करें।

उन्होंने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन और आईएमडी के महानिदेशक डॉ. एम. मोहपात्रा को बैठक में मौसम के पैटर्न पर 24 घंटे निगरानी रखने और समय पर पूर्वानुमान प्रदान करने का निर्देश दिया जिससे पूर्व चेतावनी और बेहतर तैयारी के माध्यम से नुकसान को कम किया जा सके।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह निर्देश आज जम्मू के संभागीय आयुक्त तथा जम्मू और कश्मीर के डोडा, किश्तवाड़, रामबन, काठुआ और उज्जैनपुर जिलों के उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान दिए, जिससे क्षेत्र में अभूतपूर्व बारिश, बादल फटने एवं अचानक बाढ़ के बाद उठाए गए राहत और पुनर्वास उपायों का मूल्यांकन किया जा सके।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन के निरंतर प्रयासों की प्रशंसा की, जिन्होंने कठिन मौसम की परिस्थितियों के बावजूद जान बचाने एं प्रभावित परिवारों को समय पर राशन, दवाइयों और आश्रय की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे काम काम किया।

केंद्रीय मंत्री और उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद ने इस बात पर बल दिया कि जल जनित बीमारियों के किसी भी प्रकोप को रोकने के लिए पानी के फ़िल्टर और आवश्यक चिकित्सा किटों की आपूर्ति से पीने के पानी को सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राशन किट की दो अतिरिक्त खेपें तथा अत्याधुनिक पानी के फिल्टर कल तक उपलब्ध हो जाएंगे तथा सरकारी राहत उपायों के अतिरिक्त, उनके अपने सांसद निधि से खाद्य पैकेट और आवश्यक दवाइयां भेजी जा रही हैं ताकि संकट की इस घड़ी में कोई भी परिवार खुद को अकेला महसूस न करे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने राहत उपायों को तेज करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने नुकसान का आकलन करने एवं समन्वित सहायता सुनिश्चित करने के लिए एक अंतर-मंत्रालय समिति का गठन किया है, जो कठुआ का भी दौरा करेगी।

डोडा

डॉ. जितेंद्र सिंह ने डोडा के उपायुक्त, हरविंदर सिंह से राउट मरमट में आई बाढ़ और डोडा-किश्तवाड़ सड़क को हुए नुकसान पर बात की। उन्होंने भद्रवाह में जिला प्रशासन द्वारा समय पर किए गए मध्यवर्तन की सराहना की, जहां गाठा में अवरुद्ध नालों को तोड़ने और भारी मशीनरी का उपयोग कर जलमार्गों को मोड़ने का काम किया गया जिससे शहर को बड़े पैमाने पर बाढ़ के खतरे से बचाया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई, क्षेत्रीय अधिकारियों की सार्वजनिक जीवन एवं संपत्तियों की रक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

उधमपुर

उधमपुर की उपायुक्त सुश्री सलोनी राय के अनुसार, 38 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जिनमें 2,000 से ज़्यादा लोग आश्रय ले रहे हैं। लगभग 380 सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं, जिनमें से 190 को चालू किया जा चुका है। दूदू, बसंतगढ़ और मुंगरी के कुछ इलाकों को छोड़कर अधिकांश इलाकों में संपर्क बहाल हो  चुका है। खाद्य सामग्री, आवश्यक वस्तुएं और संचार नेटवर्क की दैनिक निगरानी की जा रही है और मौसम में सुधार होते ही पूरी तरह से स्थिति सामान्य करने के काम को तेज़ किया जाएगा।

कठुआ

कठुआ के उपायुक्त श्री राजेश शर्मा ने जानकारी दी कि 26 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जिनमें 1,900 लोग आश्रय ले रहे हैं। 285 क्षतिग्रस्त सड़कों में से 179 को चालू किया जा चुका है। हालांकि, बागरा, पट्यारी, नागली, ल्यूंडी, जन्नू, लोहाई मालहर जैसे दूरदराज के गांवों का संपर्क अभी तक प्रभावित है। 186 क्षतिग्रस्त जल आपूर्ति योजनाओं में से 79 को बहाल किया गया है, जबकि शेष को बहाल करने की कोशिश जारी हैं। सभी प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है।

रामबन

रामबन के उपायुक्त अलयास खान ने जानकारी दी कि 29 अगस्त को राजगढ़ तहसील के द्रुबला गांव में बादल फटने से भूस्खलन और अचानक बाढ़ आई, जिसमें 4 लोगों की दुखद मौत हो गई जबकि एक महिला अभी भी लापता है और एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। लगभग 283 घर क्षतिग्रस्त हो गए और लगभग 950 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। प्रभावित 182 सड़कों में से 55 को शुरू में ही चालू कर दिया गया लेकिन बाद में हुई बारिश से 84 और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिनमें से 30 को चालू कर दिया गया है। प्रशासन 24 घंटे मरम्मत कार्यों में लगी है।

किश्तवाड़

किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने जानकारी दी कि प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से जिले की रैटल विद्युत परियोजना में हुए भूस्खलन में फंसे पांच लोगों की जान बच गई। हालांकि वे घायल हुए लेकिन उन्हें जीवित बचा लिया गया और उन्हें आवश्यक चिकित्सा देखभाल एवं सहायता प्रदान की जा रही है। डॉ. सिंह ने एक जानलेवा घटना को रोकने में ज़िला अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आश्वासन दिया कि सभी पांच जिलों के प्रभावित लोगों को राहत एवं पुनर्वास प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश मिलकर काम कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन विपरीत परिस्थितियों में अपने साहस एवं प्रतिबद्धता के लिए प्रशंसा के पात्र हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने नागरिक समाज और स्थानीय बाइकर्स के प्रयासों का उल्लेख किया, जो प्रायः ज़रूरत के समय सबसे पहले मदद के लिए आगे आते हैं। श्री सिंह ने उन्हें नायक बताया। उन्होंने इसे समग्र समाज और समग्र सरकार के दृष्टिकोण का एक उदाहरण बताया।

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पीके/केसी/एके/


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