इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
सेमीकॉन इंडिया 2025 में डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के अंतर्गत आत्मनिर्भर चिप के प्रारूप को गति देने वाले भारतीय स्टार्टअप्स को प्रदर्शित किया गया
भारत के पूर्णरूप से सेमीकंडक्टर राष्ट्र के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए ब्रॉडबैंड, निगरानी, स्मार्ट ऊर्जा मीटर, मोटर नियंत्रण और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी सिस्टम-ऑन-चिप (एसओसी) समाधानों का प्रारूप प्रस्तुत किया गया
कम निर्देश सेट वाले कंप्यूटर आरआईएससी-वी प्रौद्योगिकी आधारित सिस्टम-ऑन-चिप (एसओसी) जनरेटर प्लेटफ़ॉर्म ने चिप डिज़ाइन ऑटोमेशन में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की; यह देश की सेमीकंडक्टर यात्रा को दुनिया के नवीनतम उपकरणों के साथ जारी रखेगी
Posted On:
04 SEP 2025 12:44PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित सेमीकॉन इंडिया 2025 के दूसरे दिन प्रदर्शनी स्टालों का अवलोकन किया। उनके साथ इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद भी उपस्थित थे। अपने इस दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री ने भारत की सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में स्टार्टअप्स की महत्वपूर्ण भूमिका और भारतीय बौद्धिक संपदा (आईपी) निर्माण के महत्व पर बल दिया।
डीएलआई समर्थित स्टार्टअप्स ने सेमीकॉन इंडिया 2025 में चिप डिज़ाइन में आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन किया
सरकार की डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के सहयोग से राष्ट्र घरेलू चिप डिज़ाइन और आईपीआर निगरानी एवं ऊर्जा मीटरिंग से लेकर नेटवर्किंग और मोटर नियंत्रण तक, सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तेज़ी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। अब तक, डीएलआई योजना के तहत 23 चिप डिज़ाइन परियोजनाओं को स्वीकृति मिल चुकी है और 72 कंपनियों को उद्योग-स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक डिज़ाइन ऑटोमेशन (ईडीए) उपकरणों तक पहुंच प्राप्त हुई है। इनमें से कई स्टार्टअप्स ने सेमीकॉन इंडिया 2025 में अपने रोडमैप प्रदर्शित किए और यह सेमीकंडक्टर चिप डिज़ाइन में भारत की बढ़ती क्षमता तथा आत्मनिर्भरता को दर्शाते हैं।
नए सिस्टम-ऑन-चिप प्लेटफॉर्म चिप डिज़ाइन ऑटोमेशन में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करते हैं
महत्वपूर्ण आरआईएससी-वी आधारित एसओसी जनरेटर प्लेटफ़ॉर्म
भारत के पहले ओपन-सोर्स आरआईएससी-वी प्रोसेसर-शक्ति प्रोसेसर्स के निर्माताओं द्वारा स्थापित इनकोर सेमीकंडक्टर्स ने एक अभिनव सिस्टम-ऑन-चिप (एसओसी) जेनरेटर प्लेटफ़ॉर्म का शुभारंभ किया है जो फ्रंटएंड चिप डिज़ाइन के समय को महीनों से घटाकर कुछ ही मिनटों में कर देता है। यह स्वचालन विकास समयसीमा को तेज़ करता है, लागत कम करता है और डिज़ाइन जोखिमों को न्यूनतम करता है, जिससे यह ग्राहकों के लिए नवाचार में तेजी लाता है।
टीएसएमसी के 40एनएम प्रोसेस नोड पर टेप की गई एक परीक्षण चिप, इनकोर के आईपी पोर्टफोलियो से छह विषम आरआईएससी-वी कोर, स्वचालित प्रोटोकॉल ब्रिजिंग वाला एक कस्टम नेटवर्क-ऑन-चिप (एनओसी), कई स्वचालित रूप से एकीकृत पेरिफेरल्स और एक रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम (आरटीओएस) सहित पूरी तरह से तैनात सॉफ़्टवेयर स्टैक प्रदर्शित करती है, जो प्लेटफ़ॉर्म की मज़बूती को रेखांकित करता है। इनकोर विभिन्न एप्लिकेशन आवश्यकताओं के अनुरूप तीन विशिष्ट श्रृंखलाओं के साथ एक विविध आरआईएससी-वी प्रोसेसर पोर्टफोलियो प्रदान करता है, जिसमें व्यापक अनुकूलन विकल्प शामिल हैं:
- अजुराइट तीव्र गति से व्यवधान प्रतिक्रिया और निश्चित समय के साथ अत्यंत कम बिजली खपत करता है, जिससे यह मोटर नियंत्रण, बैटरी चालित उपकरणों और सटीक वास्तविक समय नियंत्रण के लिए आदर्श बन जाता है।
- कैल्साइट मध्यम स्तर के एम्बेडेड अनुप्रयोगों जैसे पीओएस टर्मिनल, आईपी कैमरा और स्मार्ट आईओटी उपकरणों के लिए शक्ति और प्रदर्शन को संतुलित करता है, तथा मुख्यधारा के उपयोग के मामलों के लिए ऊर्जा दक्षता को अनुकूलित करता है।
- डोलोमाइट, जो वर्तमान में विकासाधीन है, को नेटवर्किंग और एज एआई में विशिष्ट जटिल, बहु-कार्यभार वातावरण का समर्थन करने के लिए उच्च-प्रदर्शन वेक्टर प्रसंस्करण और हार्डवेयर वर्चुअलाइजेशन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
नेटवर्किंग और ब्रॉडबैंड समाधान
अहीसा डिजिटल इनोवेशन्स 2026 की पहली तिमाही में अपने एसओसी को रेफरेंस प्लेटफॉर्म के साथ मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) और मूल डिज़ाइन निर्माताओं (ओडीएम) को उपलब्ध कराएगा, जिससे वे 100 प्रतिशत स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किए गए, भारत में निर्मित एसओसी का उपयोग करके कस्टम नेटवर्किंग और ब्रॉडबैंड समाधान विकसित कर सकेंगे। विहान एसओसी 64-बिट सी-डेक आरआईएससी-वी आधारित वेगा प्रोसेसर पर आधारित है और इसमें सिक्योर बूट और उन्नत सुरक्षा संवर्द्धन शामिल हैं। इसमें आवश्यक नेटवर्क इंटरफेस और मानक कनेक्टिविटी विकल्प जैसे पीसीआईई 3.0, यूएसबी 3.0, और ब्रॉडबैंड और नेटवर्क संचार के लिए आवश्यक अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं।
निगरानी और सीसीटीवी कैमरे
चार भारतीय कंपनियाँ, थर्डीटेक, नेत्रसेमी, बिगइंडियन सेमीकंडक्टर्स और माइंडग्रोव टेक्नोलॉजीज़, निगरानी और सीसीटीवी कैमरों जैसे महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी एसओसी समाधान डिज़ाइन कर रही हैं। वर्ष 2025 में सफलतापूर्वक परीक्षण चिप तैयार करने के बाद, ये कंपनियां सेमीकंडक्टर तकनीक में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता और आत्मनिर्भरता को रेखांकित करती हैं। सामूहिक रूप से, उन्होंने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के संयुक्त मूल्यांकन पर 300 करोड़ रुपये से अधिक की वीसी फंडिंग (डीएलआई योजना से वित्तीय सहायता सहित) जुटाई है, जिसका उद्देश्य परिचालन का विस्तार करना और अपने सीसीटीवी समाधानों के उत्पादन-स्तरीय संस्करण विकसित करना है, इनका 2026 में शुभारंभ किया जाना है।
स्मार्ट ऊर्जा मीटर
मॉसचिप टेक्नोलॉजीज़, विद्युत नामक एक पूर्णतः स्वदेशी स्मार्ट एनर्जी मीटर चिप विकसित कर रही है और इसने 180एनएम परीक्षण चिप पर पावर मैनेजमेंट यूनिट, तापमान सेंसर, क्लॉक मैनेजमेंट यूनिट और एलसीडी पैनल कंट्रोलर सहित प्रमुख आईपीएस का सफलतापूर्वक सत्यापन किया है, जिसकी पैकेजिंग एससीएल मोहाली द्वारा की गई है। मॉसचिप की योजना विद्युत को, इसके निर्माण सहित, पूरी तरह से स्वदेशी बनाने की है, जिससे वर्ष 2026 तक सेमीकंडक्टर चिप डिज़ाइन में आत्मनिर्भरता के भारत के प्रयास को बल मिलेगा।
मोटर नियंत्रण
वर्वेसेमी 2026 के अंत से वर्ष 2027 की शुरुआत तक अपने स्वदेशी चिप्स और एसओसीएस के बड़े पैमाने पर उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिसमें ब्रशलेस डायरेक्ट करंट (बीएलडीसी) मोटर नियंत्रण, इलेक्ट्रिक वाहनों और ड्रोन के लिए सटीक मोटर नियंत्रण, स्मार्ट ऊर्जा मीटरिंग और अगली पीढ़ी के वज़न मापने वाले सिस्टम के लिए अनुप्रयोग-विशिष्ट आईसीएस की एक मज़बूत पाइपलाइन शामिल है। इसके अतिरिक्त, अंतरिक्ष-स्तरीय डेटा अधिग्रहण के लिए उन्नत अनुप्रयोग-विशिष्ट एकीकृत सर्किट (एएसआईसीएस) पर काम चल रहा है, और इसरो कई आयातित घटकों की जगह ले रहा है। वर्ष 2025 के अंत और वर्ष 2026 के बीच इंजीनियरिंग नमूने मिलने की आशा है, जिससे वे आयात पर निर्भरता कम करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भर इलेक्ट्रॉनिक्स को सक्षम बनाने में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित होंगे।
4जी-एलटीई मॉडेम चिपसेट
एमबीआईटी वायरलेस ने स्वदेशी रूप से एक संपूर्ण प्रोटोकॉल स्टैक सॉफ़्टवेयर वाला 4जी-एलटीई मॉडेम चिपसेट विकसित किया है, जिसे ग्लोबल सर्टिफिकेशन फ़ोरम (जीसीएसफ) और एलजी लैब्स द्वारा सफलतापूर्वक प्रमाणित किया गया है। इस चिपसेट का प्रमुख भारतीय दूरसंचार कंपनियों के साथ क्षेत्र परीक्षण किया जा रहा है ताकि इसे अपनाया जा सके।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत अब बैकएंड से आगे बढ़कर एक पूर्णरूप से सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। ये घरेलू फैबलेस चिप डिज़ाइन कंपनियां और डीएलआई योजना के अंतर्गत समर्थित अन्य कंपनियाँ मिलकर दुनिया के लिए भारत में चिप डिज़ाइन करने की भारत की महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ा रही हैं।
आरआईएससी वी के बारे में
आरआईएससी वी एक मुक्त, खुला मानक और मॉड्यूलर इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर (आईएसए) है जो रिड्यूस्ड इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर (आरआईएससी) के सिद्धांतों पर आधारित है। यूसी बर्कले में विकसित, यह खुला और रॉयल्टी-मुक्त होने के कारण अभूतपूर्व डिज़ाइन स्वतंत्रता प्रदान करता है, जिससे कोई भी एम्बेडेड सिस्टम से लेकर सुपर कंप्यूटर तक, विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए कस्टम प्रोसेसर डिज़ाइन और उपयोग कर सकता है, और एआई, आईओटी और डेटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देता है।
एसओसी जेनरेटर प्लेटफ़ॉर्म के बारे में
सिस्टम-ऑन-चिप (एसओसी) जेनरेटर प्लेटफ़ॉर्म एक विशिष्ट, स्वचालित उपकरण या वातावरण है जो सिस्टम-ऑन-चिप के डिज़ाइन, एकीकरण और सत्यापन को सुव्यवस्थित करता है। एसओसी एक एकीकृत सर्किट है जो सिस्टम के सभी आवश्यक घटकों को सिलिकॉन के एक टुकड़े पर संपीड़ित करता है। ये प्लेटफ़ॉर्म चिप डिज़ाइन के जटिल और समय लेने वाले पहलुओं को स्वचालित करते हैं, जैसे कि विभिन्न बौद्धिक संपदा (आईपी) कोर (जैसे सीपीयू, जीपीयू, मेमोरी और बाह्य उपकरण) को एकीकृत करना और कार्यात्मक शुद्धता सुनिश्चित करना। ऐसा करके, वे अवधारणा से लेकर सिलिकॉन-तैयारी तक के डिज़ाइन चक्र को महत्वपूर्ण रूप से कम कर देते हैं, जिससे एसओसी का विकास अधिक कुशल, सुलभ और संभवतः त्रुटि-मुक्त हो जाता है।
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पीके/केसी/एसएस/वाईबी
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