जनजातीय कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

ईएमआरएस के माध्यम से विशेष शैक्षणिक सहायता

Posted On: 21 AUG 2025 4:16PM by PIB Delhi

आज डॉ. हेमंत विष्णु सवरा के अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने लोकसभा को बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन, राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) की स्थापना राज्य ईएमआरएस सोसायटियों के समन्वय से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) योजना के प्रबंधन और कार्यान्वयन हेतु की गई है। ईएमआरएस छात्रों में डिजिटल साक्षरता और अन्य भविष्य-तैयार कौशल को बढ़ावा देने के लिए, ईएमआरएस में निम्नलिखित विशिष्ट पहलें लागू की गई हैं:

 

  1. उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना: एनईएसटीएस ने ईएमआरएस छात्रों के लिए आईआईटी-जेईई और नीट की तैयारी हेतु तीन उत्कृष्टता केंद्र - एक भोपाल में, एक महाराष्ट्र में और एक आंध्र प्रदेश में स्थापित किए हैं।
  2. डिजिटल ट्यूशन: ईएमआरएस में नीट और आईआईटी की तैयारी के लिए, विज्ञान विषय की शिक्षा पूर्व नवोदयन फाउंडेशन और पेस (पीएसीई) आईआईटी एंड मेडिकल द्वारा जहाँ डिजिटल ट्यूशन प्रदान की जाती है।
  3. आईहब दिव्य संपर्क पहल: आदिवासी छात्रों को लाभान्वित करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और आईआईटी रुड़की द्वारा ईएमआरएस में अनुभव केंद्र/प्रयोगशालाएँ स्थापित करने का एक संयुक्त प्रयास।
  4. 9वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले आदिवासी छात्रों को पाठ्यक्रम और प्रतिस्पर्धी सामग्री प्रदान करने के लिए ईएमआरएस में सीआईईटी के सहयोग से समर्पित डीटीएच टीवी चैनल शुरू किया गया है।
  5. स्मार्ट कक्षा अवसंरचना: ईआरएनईटी, एमईआईटीवाई के सहयोग से, सीखने के अनुभव को बढ़ाने के लिए ईएमआरएस में स्मार्ट कक्षाएं उपलब्ध करायी गई हैं।
  6. व्यावसायिक कौशल को बढ़ावा देने और छात्रों को भविष्य के रोज़गार के अवसरों के लिए तैयार करने हेतु स्कूलों में कौशल विकास प्रयोगशालाएँ।
  7. अमेज़न फ्यूचर इंजीनियर्स प्रोग्राम - 187 ईएमआरएस के 178 शिक्षकों को कंप्यूटर विज्ञान शिक्षा को मजबूत करने के लिए ईएमआरएस में एक महत्वपूर्ण क्षमता निर्माण अभियान चलाया गया।
  8. आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अर्जन और ज्ञान जागरूकता (संकल्प) परियोजना, जो विशेष रूप से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवी) 4.0 के तहत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) की स्थापना पर केंद्रित है।
  9. साइबर सुरक्षा - एनईएसटीएस ने एक कार्यक्रम शुरू किया है जिसका उद्देश्य एआर-वीआर और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में ईएमआरएस के शिक्षकों की क्षमता निर्माण करना है, और उन्हें ईएमआरएस छात्रों में इन नए युग के कौशल को और अधिक विकसित करने तथा उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने के लिए सशक्त बनाना है।

 

एनईएसटीएस ने दो गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत ईएमआरएस के छात्रों को आईआईटी-जेईई/नीट की तैयारी के लिए उत्कृष्टता केंद्रों – एक भोपाल में, एक महाराष्ट्र में और एक आंध्र प्रदेश में, के माध्यम से ऑफ़लाइन कोचिंग प्रदान की जाएगी। छात्रों का चयन हो चुका है और उन्होंने अपनी कोचिंग शुरू कर दी है। छात्रों को आईआईटी-जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन शिक्षण की भी व्यवस्था की गई है।

सीबीएसई कौशल प्रयोगशालाएं- 14 चयनित ईएमआरएस में सीबीएसई कौशल प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं, तथा 50 और ईएमआरएस में स्थापित करने का लक्ष्य है।

अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना - 26 प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं। प्रत्येक प्रयोगशाला व्यावहारिक शिक्षण के लिए एसटीईएम किट, एआई मॉड्यूल, इलेक्ट्रॉनिक्स और 3D प्रिंटर से सुसज्जित है।

सीबीएसई से जुड़े कौशल पाठ्यक्रम - राज्य समितियों और स्कूलों को सीबीएसई द्वारा अनुमोदित सूची में से माध्यमिक स्तर के लिए दो और उच्चतर माध्यमिक स्तर के लिए दो कौशल विषयों का चयन करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

ईएमआरएस छात्रों के लिए एनईएसटीएस द्वारा एनसीईआरटी की "तमन्ना" पहल से प्रेरित और यूनिसेफ के परामर्श से विकसित डिजिटल करियर परामर्श और योग्यता मूल्यांकन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई "ट्राइबल एप्टीट्यूड लाइफ स्किल एंड सेल्फ एस्टीम हब (तलाश)" नामक साइकोमेट्रिक टेस्ट-आधारित पहल के कार्यान्वयन के माध्यम से एक करियर मार्गदर्शन प्रणाली प्रस्तावित की गई है। यह छात्रों को एक समर्पित वेब पोर्टल के माध्यम से एक डिजिटल साइकोमेट्रिक टेस्ट देने में सक्षम बनाता है, जो फिर सात मुख्य क्षेत्रों में उनकी योग्यता के आधार पर करियर कार्ड और व्यक्तिगत करियर पथ तैयार करता है। इस पोर्टल में जीवन कौशल और आत्म-सम्मान मॉड्यूल के साथ-साथ शिक्षकों के लिए ई-लर्निंग संसाधन भी शामिल हैं जो छात्रों को प्रभावी ढंग से सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, इस पहल को लागू करने और बनाए रखने के लिए ईएमआरएस शिक्षकों की क्षमता निर्माण हेतु एक संरचित तीन-चरणीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिससे एक सहायक वातावरण सुनिश्चित होता है जो आदिवासी छात्रों की उच्च शिक्षा में निरंतरता को बढ़ावा देता है।

ईएमआरएस में कौशल विकास के लिए निम्नलिखित पहलें की गई हैं:

  1. ट्राइबल एप्टीट्यूड लाइफ स्किल एंड सेल्फ एस्टीम हब (तलाश) - तलाश साइकोमेट्रिक मूल्यांकन और कैरियर मैपिंग पर केंद्रित है, जिससे छात्रों को उनकी ताकत और कैरियर पथ में व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद मिलती है। कार्यक्रम को तीन चरणों में : राष्ट्रीय, राज्य और स्कूल स्तर पर आयोजित एक संरचित प्रशिक्षण दृष्टिकोण के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
  2. आजीविका संवर्धन हेतु कौशल अर्जन एवं ज्ञान जागरूकता (संकल्प) परियोजना - यह कार्यक्रम विशेष रूप से पीएमकेवीवाई 4.0 के अंतर्गत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाएँ स्थापित करने और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) पर केंद्रित है। 200 में से 199 ईएमआरएस में व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाएँ स्थापित की जा चुकी हैं।

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(Release ID: 2159506)
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