पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय
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संसद प्रश्न: भारतीय नक्षत्र-मंडल नेविगेशन (एनएवीआईसी) आधारित पूर्व चेतावनी प्रणाली का विस्तार

Posted On: 21 AUG 2025 6:28PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की परियोजना एकीकृत सार्वजनिक चेतावनी प्रणाली (सचेत) के अंतर्गत भूकंप, बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन आदि जैसी प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं के लिए भारतीय नक्षत्र-मंडल नेविगेशन (एनएवीआईसी) आधारित प्रारंभिक चेतावनी सेवाओं के साथ नेविगेशन को संचालित किया गया है।

एनएवीआईसी के लिए कवरेज क्षेत्र भारतीय क्षेत्र और भारत की सीमाओं के चारों ओर 1,500 किमी को कवर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। तमिलनाडु में सफल पायलट परियोजना के कार्यान्वयन के बाद, केंद्रीय चेतावनी प्रोटोकॉल (सीएपी) परियोजना के पहले चरण का पूरे देश में कार्यान्वयन को सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) सभी चेतावनियों को प्रसारित करने के लिए एनएवीआईसी प्रणाली का उपयोग करता है। एनएवीआईसी सिग्नल संरचना नेविगेशन संदेशों के अलावा पाठ संदेश प्रेषित करने की सुविधा प्रदान करती है। इन लघु संचार संदेशों का उपयोग बाढ़, भूकंप, सुनामी, चक्रवात, भूस्खलन आदि प्राकृतिक आपदाओं के घटित होने पर अलर्ट, पूर्वानुमान एवं निर्देशों से संबंधित संदेशों के लिए किया जाता है। इस चक्र के मुख्य घटक हैं चेतावनी उत्पन्न करने वाली एजेंसियां (आईएमडी, सीडब्ल्यूसी, एफएसआई, डीजीआरई, आईएनसीओआईएस आदि), चेतावनी/अलर्ट प्रसारित करने वाली एजेंसियां (सेलुलर नेटवर्क, रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट, सैटेलाइट आदि) और इस चेतावनी के प्राप्तकर्ता (आम जनता एवं प्रतिक्रियाकर्ता)। इस श्रृंखला के कुशल कार्यप्रवाह की निगरानी राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों द्वारा की जाती है।

यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)पृथ्वी विज्ञान और प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/एके/एसएस


(Release ID: 2159427)
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