जनजातीय कार्य मंत्रालय
मेगा परियोजनाओं के रूप में जनजातीय या पारंपरिक हब
Posted On:
21 AUG 2025 4:05PM by PIB Delhi
आज डॉ. अमोल रामसिंग कोल्हे के अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने लोकसभा को बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र के शिरूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के विशेषकर जुन्नार और अम्बेगांव तालुकाओं में जनजातीय केन्द्र या पारंपरिक केन्द्र जैसी कोई समर्पित मेगा परियोजनाएं शुरू नहीं की हैं।
जनजातीय कारीगरों के लिए वैश्विक बाजार तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए, प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) के तहत भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राइफेड) अंतरराष्ट्रीय थोक खरीदारों के साथ जुड़ता है और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में भाग लेने के माध्यम से कार्यनीतिक साझेदारियों की खोज करता है। ट्राइफेड अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति को सुदृढ़ करने और उनकी बिक्री संवर्धन के अवसरों की तलाश करने के लिए विदेशों में भारतीय मिशनों के साथ सहयोग भी कर रहा है।
इसके अलावा, ट्राइफेड भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों के विपणन के माध्यम से जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। ट्राइफेड के पास वर्तमान में लगभग 46 जीआई उत्पादों के लिए अधिकृत उपयोगकर्ता प्रमाणपत्र हैं, जो सभी जनजातीय कारीगरों/आपूर्तिकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए हैं। इस पहल को और सुदृढ़ बनाने के लिए, ट्राइफेड जनजातीय कारीगरों द्वारा बनाई गई अतिरिक्त जीआई वस्तुओं की खोज और पहचान करता है और इन नए पहचाने गए जीआई उत्पादों के लिए अधिकृत उपयोगकर्ता प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू करता है। इसके अलावा, ट्राइफेड देश भर में ट्राइब्स इंडिया आउटलेट्स में समर्पित जीआई उत्पाद काउंटर स्थापित कर रहा है, जहाँ जीआई-प्रमाणित जनजातीय उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे ग्राहकों को प्रत्येक वस्तु के सांस्कृतिक महत्व को आसानी से पहचानने और उसकी सराहना करने में मदद मिलेगी।
ट्राइफेड ने हाल ही में अपने जनजातीय उत्पादों की ऑनलाइन खरीदारी के लिए ग्राहकों हेतु एक नया ई-कॉमर्स पोर्टल 'tribesindia.com' विकसित किया है। इस वेबसाइट पर 3,600 से ज़्यादा जनजातीय उत्पाद उपलब्ध हैं और इनमें जनजातीय वस्त्र एवं परिधान, वन धन प्राकृतिक उत्पाद, धातु शिल्प, जनजातीय चित्रकारी, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी के शिल्प और जनजातीय आभूषण सहित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रशर्दन करती है। इसके अलावा, बाजार पहुंच बढ़ाने के लिए ओएनडीसी, अमेज़न, फ्लिपकार्ट आदि जैसे अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर जनजातीय उत्पादों को भी उपलब्ध कराया जाता है।
ट्राइफेड, अन्य संगठनों द्वारा आयोजित विभिन्न प्रदर्शनियों में भाग लेने के अलावा, आदि बाज़ार, आदि महोत्सव और आदिचित्र जैसी प्रदर्शनियों के आयोजन के माध्यम से जनजातीय कला और शिल्प को बढ़ावा दे रहा है। हालाँकि, जुन्नार और अम्बेगांव में स्थायी प्रदर्शनी केंद्र स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
पीएमजेवीएम योजना के तहत, राज्य सरकारों को प्रत्येक वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके) की स्थापना के लिए 15.00 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो एमएफपी/गैर-एमएफपी के मूल्यवर्धन गतिविधियों के केंद्र हैं। महाराष्ट्र के पुणे जिले में शिरूर निर्वाचन क्षेत्र में, ट्राइफेड ने एमएफपी, कृषि और गैर-कृषि उत्पादों और उपज के मूल्यवर्धन द्वारा वीडीवीके सदस्यों की आजीविका बढ़ाने के लिए राज्य नोडल विभाग (जनजातीय विकास विभाग, महाराष्ट्र सरकार) और राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (शबरी आदिवासी वित्त व विकास महामंडल मर्यादित नासिक) के माध्यम से पीएमजेवीएम योजना के तहत 14 वीडीवीके स्थापित किए हैं, जिसके लिए 210 लाख रुपये की निधियां स्वीकृत की गई है।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई), राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी), अपनी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्र अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को आय सृजन गतिविधियाँ/स्व-रोज़गार शुरू करने के लिए रियायती ऋण प्रदान करके ऋण लिंकेज प्रदान करता है। पिछले पाँच वर्षों के दौरान, एनएसटीएफडीसी ने अपनी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत महाराष्ट्र में 11,967 जनजातीय लाभार्थियों को 39.96 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है।
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