जनजातीय कार्य मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

अनुसूचित क्षेत्रों में नागरिक निकायों का गठन

Posted On: 21 AUG 2025 3:53PM by PIB Delhi

आज श्री राजकुमार रोत के अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने लोकसभा को बताया कि भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम, 1961 के अनुसार नगर निगमों, नगर पालिकाओं और अन्य स्थानीय स्वशासन प्रशासनों का विषय-वस्तु आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय को आवंटित किया जाता है। अतः, नगर पालिकाओं (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार), संक्षेप में 'MESA' का विषय-वस्तु आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमएचयूए) के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय से इनपुट/सूचनाएँ माँगी गई थीं। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने सूचित किया है कि:

अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों पर भाग IXA (नगरपालिकाएँ) के लागू होने के संबंध में संवैधानिक प्रावधान इस प्रकार हैं:

243ZC(1): इस भाग (IXA) की कोई भी बात अनुच्छेद 244 के खंड (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों और खंड (2) में निर्दिष्ट जनजातीय क्षेत्रों पर स्वयं लागू नहीं होगी।

243ZC(3): इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद, विधि द्वारा, इस भाग (IXA) के उपबंधों को खंड (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों पर ऐसे अपवादों और संशोधनों के अधीन रहते हुए, जो ऐसी विधि में विनिर्दिष्ट किए जा सकते हैं, विस्तारित कर सकेगी, और ऐसी कोई भी विधि अनुच्छेद 368 के प्रयोजन के लिए संशोधन नहीं मानी जाएगी।

तथापि, अनुच्छेद 244 के अंतर्गत पाँचवीं अनुसूची के पैरा 5(1) में यह प्रावधान है कि - "इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राज्यपाल लोक अधिसूचना द्वारा निर्देश दे सकेंगे कि संसद या किसी अन्य राज्य का कोई विशेष अधिनियम राज्य विधानमंडल द्वारा पारित कोई भी निर्देश राज्य के अनुसूचित क्षेत्र या उसके किसी भाग पर लागू नहीं होगा अथवा राज्य के अनुसूचित क्षेत्र या उसके किसी भाग पर ऐसे अपवादों और संशोधनों के अधीन लागू होगा जैसा कि वह अधिसूचना में निर्दिष्ट कर सकता है और इस उप-अनुच्छेद के तहत दिया गया कोई भी निर्देश पूर्वव्यापी प्रभाव से दिया जा सकता है। इन प्रावधानों के आधार पर, संबंधित राज्य के राज्यपाल के अनुमोदन से सार्वजनिक अधिसूचना के माध्यम से अनुसूचित क्षेत्रों में नगरपालिकाओं का गठन किया जा सकता है।

नगरपालिकाओं के प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) विधेयक, 2001 (MESA विधेयक, 2001) 30.07.2001 को राज्यसभा में पेश किया गया था। विधेयक को शहरी और ग्रामीण विकास संबंधी संसदीय स्थायी समिति (तेरहवीं लोकसभा) को भेजा गया, जिसने अक्टूबर, 2003 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर, MESA विधेयक, 2001 के प्रावधानों में संशोधन के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी लेने का निर्णय लिया गया। हालाँकि, मसौदा कैबिनेट नोट प्रसारित नहीं किया जा सका।

इसके बाद, 04.02.2020 को माननीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री के अनुमोदन से, स्थायी समिति द्वारा अनुशंसित विधेयक को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल की मंजूरी लेने से पहले हितधारकों के साथ परामर्श शुरू करने का भी निर्णय लिया गया। तदनुसार, MESA विधेयक पर स्थायी समिति द्वारा की गई सिफारिशों पर 10 राज्यों अर्थात आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना से विचार/टिप्पणियां मांगी गईं। अब तक आठ राज्यों से अपेक्षित टिप्पणियाँ/विचार प्राप्त हो चुके हैं और दो राज्यों, झारखंड और महाराष्ट्र, से नियमित अनुवर्ती कार्रवाई के बावजूद टिप्पणियाँ/विचार अभी भी प्रतीक्षित हैं।

*****

पीके/केसी/डीवी


(Release ID: 2159145)
Read this release in: English , Urdu