सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय
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एमएसएमई टीम, पीएमएस, ग्लोबल मार्ट और ई-खादीइंडिया ऑनलाइन विपणन और ई-कॉमर्स एकीकरण के लिए एससी/एसटी उद्यमियों सहित एमएसएमई को डिजिटल रूप से सशक्त बनाते हैं


59,000 एससी/एसटी एमएसएमई जीईएम से जुड़े; हजारों ग्लोबल मार्ट और एमएसएमई टीम में सम्मिलित हुए

Posted On: 21 AUG 2025 1:21PM by PIB Delhi

केंद्र सरकार ने ऑनलाइन विपणन और ई-कॉमर्स से जोड़ने के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों सहित एमएसएमई को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए कई पहल की हैं। इनमें सरकारी खरीद को डिजिटल बनाने के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), एमएसएमई व्यापार सक्षमता और विपणन (एमएसएमई टीम) पहल शामिल है, जो एमएसएमई को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) प्लेटफॉर्म पर शामिल करने और उनकी ई-कॉमर्स यात्रा में सहायता करने पर केंद्रित है। इ खरीद और विपणन सहायता (पीएमएस) योजना, जो ई-कॉमर्स के माध्यम से बिक्री के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है; एमएसएमई ग्लोबल मार्ट - राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम द्वारा एमएसएमई के लिए एक बी2बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है जो वैश्विक व्यापार जानकारी, निविदाओं और अन्य प्रासंगिक सूचनाओं तक पहुँच प्रदान करता है; और ekhadiindia.com, बी2सी बिक्री के लिए एक ई-कॉमर्स पोर्टल, जो खादी और ग्रामोद्योग के लिए वैश्विक पहुँच और इंटरैक्टिव सुविधाएँ प्रदान करता है, जिसे खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा विकसित और प्रबंधित किया गया है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति हब (एनएसएसएच) योजना के अंतर्गत, सरकार द्वारा प्रवर्तित ई-कॉमर्स पोर्टलों की वार्षिक सदस्यता/अंशदान शुल्क (25,000 रुपये तक) की 80 प्रतिशत एससी/एसटी एमएसई को प्रतिपूर्ति की जाती है।

15 अगस्त 2025 तक, 59,390 एससी/एसटी एमएसएमई जीईएम पोर्टल पर सम्मिलित हो चुके हैं। इसके साथ ही, एमएसएमई ग्लोबल मार्ट और एमएसएमई टीम पोर्टल पर शामिल एससी/एसटी एमएसएमई की संख्या क्रमशः 24970 और 304 है।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/एजे

 


(Release ID: 2159002)
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