कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
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भारत में जीआईएएचएस स्थलों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय नीति

प्रविष्टि तिथि: 19 AUG 2025 5:40PM by PIB Delhi

खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, भारत में वर्तमान में तीन विश्वव्यापी महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणालियाँ (जीआईएएचएस) मौजूद हैं: ओडिशा का कोरापुट क्षेत्र, केरल की कुट्टनाड कृषि प्रणाली और कश्मीर की केसर विरासत। कोरापुट क्षेत्र मुख्यतः ऊँची ढलानों पर अपनी धान की निर्वाह खेती के लिए प्रसिद्ध है, और यहाँ धान की विभिन्न प्रजातियों और किसानों द्वारा विकसित किस्मों की व्यापक विविधता पाई जाती है। इसमें औषधीय पौधों के समृद्ध आनुवंशिक संसाधन भी मौजूद हैं, जो स्थानीय आदिवासी समुदायों और उनकी पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। केरल की कुट्टनाड प्रणाली समुद्र तल से नीचे विशेष कृषि परिदृश्य के रूप में अलग पहचान रखती है, जिसमें धान की खेती और मछली पकड़ने के लिए आर्द्रभूमि, नारियल और खाद्य फसलों के लिए उद्यान भूमि, और मछली पकड़ने तथा सीप संग्रह के लिए अंतर्देशीय जल निकाय शामिल हैं। वहीं, कश्मीर का केसर पार्क एक समृद्ध कृषि-पशुपालन प्रणाली का प्रतिनिधित्व करता है, जिसकी विशेषता पारंपरिक केसर की खेती, अंतर-फसल और जैविक कृषि पद्धतियों का उपयोग है, जो सभी स्थानीय जैव विविधता और मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने में योगदान करते हैं।

जीआईएएचएस एक एफएओ कार्यक्रम है। भारत सरकार की स्कीमें और नीतियाँ इन स्थलों को सहयोग प्रदान करती हैं। जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में केसर की खेती के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) और समेकित बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) के तहत सहायता प्रदान की गई है।

ओडिशा सरकार ने बताया कि कोरापुट में जैव विविधता के संरक्षण, विभिन्न फसलों की स्थानीय प्रजातियों के संरक्षण और ब्रांडिंग के लिए सक्रिय कदम उठाए गए हैं। इस कार्यक्रम में सामुदायिक बीज बैंकों और जैविक कृषि पद्धतियों को भी शामिल किया गया है, जिसके तहत वर्तमान में अधिक उपेक्षित फसलों और अधिक प्रयोग न किए जाने वाले  खाद्य पदार्थों की खेती के पुनरुद्धार पर केंद्रित है।

केरल सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, कुट्टनाड क्षेत्र में धान के क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए दो कार्य चालू वर्ष की आरकेवीवाई-डीपीआर परियोजनाओं में शामिल हैं। इनमें शामिल हैं: (i) 'हरितम हरिपद' - अलप्पुझा जिले में विभिन्न पदशेखरम के इन्फ्रास्ट्रक्चर संबंधी विकास कार्य। (ii) 'कुट्टनाड में जलकुंभी (इचोर्निया क्रैसिप्स) के पारिस्थितिक उपयोग' पर अनुसंधान को सहायता।

यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/डीवी/एसएस


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