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अप्रैल-जून 2025 के लिए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) त्रैमासिक बुलेटिन और जुलाई 2025 के लिए पीएलएफएस मासिक बुलेटिन

Posted On: 18 AUG 2025 4:26PM by PIB Delhi

परिचय

पीएलएफएस के विस्तृत कवरेज के साथ उच्च आवृत्ति वाले श्रम बाज़ार संकेतकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, जनवरी 2025 से आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के नमूनाकरण डिज़ाइन में सुधार किया गया है। इस संशोधित पीएलएफएस में निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने की परिकल्पना की गई है:

 

  • वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में अखिल भारतीय स्तर पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए मासिक आधार पर प्रमुख रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों (अर्थात श्रम बल भागीदारी दर, श्रमिक जनसंख्या अनुपात, बेरोजगारी दर) का अनुमान लगाना।
  • पीएलएफएस के तिमाही परिणामों का कवरेज ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित करना और इस प्रकार राष्ट स्तर पर तथा प्रमुख राज्यों के लिए वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में तिमाही अनुमान तैयार करना।
  • ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सामान्य स्थिति (पीएस+एसएस) और सीडब्ल्यूएस दोनों में महत्वपूर्ण रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का वार्षिक अनुमान लगाना।

 

दिसंबर 2024 तक जारी किए गए पीएलएफएस तिमाही बुलेटिनों में केवल शहरी क्षेत्रों के लिए श्रम बाजार संकेतक प्रस्तुत किए गए थे। अप्रैल-जून 2025 का वर्तमान बुलेटिन, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए अनुमान प्रदान करने वाला श्रृंखला का पहला बुलेटिन है। इस तिमाही बुलेटिन में, पहली बार, श्रमिकों की संख्या का निरपेक्ष रूप से अनुमान प्रदान करने का प्रयास किया गया है।

यह त्रैमासिक बुलेटिन अखिल भारतीय स्तर पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग, वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में प्रमुख श्रम बल संकेतकों—श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), बेरोजगारी दर (यूआर), और व्यापक रोजगार स्थिति एवं कार्य उद्योग के अनुसार श्रमिकों के वितरण—के अनुमान प्रस्तुत करता है। इसके अतिरिक्त, चयनित राज्यों के लिए सीडब्ल्यूएस में एलएफपीआर, डब्ल्यूपीआर और यूआर के राज्य-स्तरीय अनुमान भी प्रदान किए गए हैं।

पीएलएफएस के मासिक बुलेटिनों में अखिल भारतीय स्तर पर श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) और बेरोजगारी दर (यूआर) के अनुमान वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के तहत लैंगिक, क्षेत्र और व्यापक आयु-समूहों के आधार पर प्रस्तुत किए जाते हैं।

अप्रैल 2025, मई 2025 और जून 2025 महीनों के लिए मासिक बुलेटिन पहले ही जारी किए जा चुके हैं। जुलाई 2025 महीने के लिए वर्तमान मासिक बुलेटिन, मासिक बुलेटिनों की श्रृंखला का चौथा बुलेटिन है।

मुख्य निष्कर्ष: त्रैमासिक बुलेटिन अप्रैल-जून 2025

  • अप्रैल-जून 2025 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 55.0 प्रतिशत थी, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 57.1 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 50.6 प्रतिशत थी।
  • अप्रैल-जून, 2025 के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों के लिए सीडब्ल्यूएस में एलएफपीआर क्रमशः 78.4 प्रतिशत और 75.1 प्रतिशत थी। अप्रैल-जून, 2025 की तिमाही के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के बीच एलएफपीआर 37.0 प्रतिशत थी।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में सीडब्ल्यूएस में श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 54.4 प्रतिशत था। शहरी क्षेत्रों में समान आयु वर्ग के व्यक्तियों में डब्ल्यूपीआर 47.1 प्रतिशत था, जबकि अप्रैल-जून, 2025 तिमाही के दौरान देश स्तर पर समग्र डब्ल्यूपीआर 52.0 प्रतिशत रहा।
  • अप्रैल-जून 2025 के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं के लिए डब्ल्यूपीआर क्रमशः 35.4 प्रतिशत और 23.3 प्रतिशत थी और देश स्तर पर समान आयु वर्ग की समग्र महिला डब्ल्यूपीआर 31.6 प्रतिशत देखी गई।
  • रोजगार की स्थिति के संदर्भ में, ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-रोजगार का प्रभुत्व था (पुरुषों में 55.3 प्रतिशत और महिलाओं में 71.6 प्रतिशत), जबकि शहरी क्षेत्रों में नियमित वेतन/वेतनभोगी रोजगार प्रमुख था (पुरुषों में 47.5 प्रतिशत और महिलाओं में 55.1 प्रतिशत)।
  • कार्य के क्षेत्र के अनुसार, कृषि क्षेत्र में अधिकांश ग्रामीण श्रमिक कार्यरत थे (44.6 प्रतिशत पुरुष और 70.9 प्रतिशत महिलाएँ), जबकि शहरी क्षेत्रों में तृतीयक क्षेत्र रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत था (60.6 प्रतिशत पुरुष और 64.9 प्रतिशत महिलाएँ)। इस तिमाही के दौरान देश में औसतन 56.4 करोड़ व्यक्ति (15 वर्ष और उससे अधिक आयु के) कार्यरत थे, जिनमें से 39.7 करोड़ पुरुष और 16.7 करोड़ महिलाएँ थीं।
  • अप्रैल-जून 2025 तिमाही में शहरी क्षेत्रों के लिए देखी गई 6.8 प्रतिशत की तुलना में समग्र ग्रामीण यूआर 4.8 प्रतिशत कम थी।

 

मुख्य निष्कर्ष: मासिक बुलेटिन जुलाई 2025

 

  • जुलाई 2025 के महीने के दौरान, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच सीडब्ल्यूएस में एलएफपीआर 54.9 प्रतिशत थी, जबकि जून 2025 के दौरान यह 54.2 प्रतिशत थी।
  • जुलाई 2025 के दौरान, ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में समान आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए एलएफपीआर क्रमशः 56.9 प्रतिशत और 50.7 प्रतिशत थी।
  • जुलाई, 2025 के दौरान 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के ग्रामीण पुरुषों के लिए सीडब्ल्यूएस में एलएफपीआर 78.1 प्रतिशत थी, जबकि इसी आयु वर्ग के शहरी पुरुषों के लिए एलएफपीआर 75.1 प्रतिशत थी।
  • जुलाई 2025 के दौरान समान आयु वर्ग की ग्रामीण महिलाओं में एलएफपीआर बढ़कर 36.9 प्रतिशत हो गई, जबकि जून 2025 के दौरान यह 35.2 प्रतिशत थी।
  • जुलाई 2025 के महीने के दौरान, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में सीडब्ल्यूएस में डब्ल्यूपीआर जून 2025 में 53.3 प्रतिशत के डब्ल्यूपीआर से बढ़कर 54.4 प्रतिशत हो गई। शहरी क्षेत्रों में डब्ल्यूपीआर में मामूली वृद्धि हुई है और यह समान आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए जून 2025 में 46.8 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2025 में 47.0 प्रतिशत हो गई है।
  • जुलाई 2025 में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की ग्रामीण महिलाओं के लिए डब्ल्यूपीआर 35.5 प्रतिशत थी, जबकि शहरी महिलाओं के लिए यह 23.5 प्रतिशत थी। जुलाई 2025 में देश स्तर पर इसी आयु वर्ग की महिलाओं की समग्र डब्ल्यूपीआर 31.6 प्रतिशत थी।
  • 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में सीडब्ल्यूएस में यूआर जून 2025 में 5.6 प्रतिशत से घटकर जुलाई 2025 में 5.2 प्रतिशत हो गया।

 

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