मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
पशुधन और डेयरी क्षेत्र में उत्कृष्टता को मान्यता देने वाले राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 में नामांकनों के लिए आमंत्रण
प्रविष्टियां 15 अगस्त से 15 सितंबर तक खुली रहेंगी; पुरस्कार 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर प्रदान किए जाएंगे
Posted On:
14 AUG 2025 6:05PM by PIB Delhi
मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने पशुधन एवं डेयरी क्षेत्र के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मानों में से एक, प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 के लिए नामांकन शुरू करने की घोषणा की है। नामांकन प्रक्रिया 15 अगस्त 2025 से शुरू होकर 15 सितंबर 2025 तक जारी रहेगी। ये पुरस्कार 26 नवंबर, 2025 को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर प्रदान किए जाएंगे। (विस्तृत पात्रता मानदंड और दिशानिर्देश https://awards.gov.in और https://dahd.nic.in पर उपलब्ध हैं।)
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत 2021 में शुरू किए गए राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कारों का उद्देश्य दुग्ध उत्पादक किसानों, डेयरी सहकारी समितियों, दुग्ध उत्पादक कंपनियों (एमपीसी), डेयरी किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों (एआईटी) के बीच उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना है, जिसमें स्वदेशी गायों और भैंसों की नस्लों को प्रोत्साहन देने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। भारत की स्वदेशी गोजातीय नस्लें मजबूत हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवंशिक क्षमता रखती हैं।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों में प्रदान किए जाएंगे:
- स्वदेशी गाय/ भैंस नस्लों का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान (पंजीकृत नस्लों की सूची संलग्न है)।
- सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति (डीसीएस)/ दुग्ध उत्पादक कंपनी (एमपीसी)/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)।
- सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी)।
पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) और हिमालयी राज्यों के लिए विशेष पुरस्कार का भी प्रावधान है, जिससे इन राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में डेयरी विकास गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा सके।
एनजीआरए 2025 में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान तक के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा और ऊपर उल्लिखित प्रत्येक श्रेणी में पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर)/ हिमालयी राज्यों के लिए एक विशेष पुरस्कार दिया जाएगा। एनजीआरए 2025 में प्रथम दो श्रेणियों अर्थात सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान और सर्वश्रेष्ठ डीसीएस/ एफपीओ/ एमपीसी में एक योग्यता प्रमाण पत्र, एक स्मृति चिह्न और नकद पुरस्कार शामिल होंगे:
पुरस्कार
सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान और सर्वश्रेष्ठ डीसीएस/ एमपीसी/ एफपीओ श्रेणियों के लिए:
- प्रथम पुरस्कार - ₹5,00,000 (मात्र पांच लाख रुपये)
- द्वितीय पुरस्कार - ₹3,00,000 (मात्र तीन लाख रुपये)
- तृतीय पुरस्कार - ₹2,00,000 (मात्र दो लाख रुपये)
- विशेष पुरस्कार (एनईआर/ हिमालयी राज्य) - ₹2,00,000 (मात्र दो लाख रुपये)
सर्वश्रेष्ठ एआईटी श्रेणी को योग्यता प्रमाणपत्र और स्मृति चिह्न (नकद पुरस्कार नहीं) प्रदान किया जाएगा।
अनुलग्नक
पंजीकृत मवेशी नस्लें (एनजीआरए 2025 के लिए)
क्रम संख्या
|
नस्ल
|
गृह क्षेत्र
|
1
|
अमृतमहल
|
कर्नाटक
|
2
|
बछौर
|
बिहार
|
3
|
बारगुर
|
तमिलनाडु
|
4
|
डांगी
|
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
|
5
|
देवनी
|
महाराष्ट्र और कर्नाटक
|
6
|
गाओलाओ
|
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
|
7
|
गिर
|
गुजरात
|
8
|
हल्लिकर
|
कर्नाटक
|
9
|
हरियाना
|
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान
|
10
|
कांगायम
|
तमिलनाडु
|
11
|
कंकरेज
|
गुजरात और राजस्थान
|
12
|
केनकठा
|
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश
|
13
|
खेरीगढ़
|
उत्तर प्रदेश
|
14
|
खिल्लार
|
महाराष्ट्र और कर्नाटक
|
15
|
कृष्ण घाटी
|
कर्नाटक
|
16
|
मालवी
|
मध्य प्रदेश
|
17
|
मेवाती
|
राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश
|
18
|
नागौरी
|
राजस्थान
|
19
|
निमारी
|
मध्य प्रदेश
|
20
|
ओंगोल
|
आंध्र प्रदेश
|
21
|
पोनवार
|
उत्तर प्रदेश
|
22
|
पुंगनूर
|
आंध्र प्रदेश
|
23
|
राठी
|
राजस्थान
|
24
|
लाल कंधारी
|
महाराष्ट्र
|
25
|
लाल सिंधी
|
केवल संगठित फार्म में
|
26
|
साहिवाल
|
पंजाब और राजस्थान
|
27
|
सिरी
|
सिक्किम और पश्चिम बंगाल
|
28
|
थारपारकर
|
राजस्थान
|
29
|
उमब्लाचेरी
|
तमिलनाडु
|
30
|
वेचुर
|
केरल
|
31
|
मोटू
|
ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश
|
32
|
घुमुसरी
|
ओडिशा
|
33
|
बिंझरपुरी
|
ओडिशा
|
34
|
खारियार
|
ओडिशा
|
35
|
पुलीकुलम
|
तमिलनाडु
|
36
|
कोसली
|
छत्तीसगढ़
|
37
|
मलनाड गिड्डा
|
कर्नाटक
|
38
|
बेलाही
|
हरियाणा और चंडीगढ़
|
39
|
गंगातीरी
|
उत्तर प्रदेश और बिहार
|
40
|
बद्री
|
उत्तराखंड
|
41
|
लक्ष्मी
|
असम
|
42
|
लद्दाखी
|
जम्मू और कश्मीर
|
43
|
कोंकण कपिला
|
महाराष्ट्र और गोवा
|
44
|
पोदाथुरपू
|
तेलंगाना
|
45
|
नारी
|
राजस्थान और गुजरात
|
46
|
डागरी
|
गुजरात
|
47
|
थुथो
|
नागालैंड
|
48
|
श्वेता कपिला
|
गोवा
|
49
|
हिमाचली पहाड़ी
|
हिमाचल प्रदेश
|
50
|
पूर्णिया
|
बिहार
|
51
|
कथनी
|
महाराष्ट्र
|
52
|
सांचोरी
|
राजस्थान
|
53
|
मासिलम
|
मेघालय
|
भैंस की पंजीकृत नस्लें (एनजीआरए 2025 के लिए)
क्रम संख्या
|
नस्ल
|
गृह क्षेत्र
|
1
|
भदावरी
|
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश
|
2
|
जाफराबादी
|
गुजरात
|
3
|
मराठवाड़ी
|
महाराष्ट्र
|
4
|
मेहसाणा
|
गुजरात
|
5
|
मुर्रा
|
हरियाणा
|
6
|
नागपुरी
|
महाराष्ट्र
|
7
|
नीली रावी
|
पंजाब
|
8
|
पंढरपुरी
|
महाराष्ट्र
|
9
|
सूर्ति
|
गुजरात
|
10
|
टोडा
|
तमिलनाडु
|
11
|
बन्नी
|
गुजरात
|
12
|
चिलिका
|
ओडिशा
|
13
|
कालाहांडी
|
ओडिशा
|
14
|
लुइट (दलदली)
|
असम और मणिपुर
|
15
|
बारगुर
|
तमिलनाडु
|
16
|
छत्तीसगढ़ी
|
छत्तीसगढ़
|
17
|
गोजरी
|
पंजाब और हिमाचल प्रदेश
|
18
|
धारवाड़ी
|
कर्नाटक
|
19
|
माण्डा
|
ओडिशा
|
20
|
पूर्णथडी
|
महाराष्ट्र
|
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पीके/केसी/एमएम
(Release ID: 2156537)