रक्षा मंत्रालय
यार्ड 3027 (इक्षक) नौसेना को सौंपा गया
Posted On:
14 AUG 2025 5:43PM by PIB Delhi
यार्ड 3027 (इक्षक) - चार सर्वेक्षण पोत (बड़े) श्रेणी के जहाजों में तीसरा, जिसे नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने 102वें जहाज के रूप में संचालित किया है, का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा किया गया है। युद्धपोत निरीक्षण टीम की देखरेख में इसे 14 अगस्त 2025 को नौसेना को सौंप गया। इस श्रेणी के पहले जहाज, आईएनएस संध्याक, को 3 फरवरी 2024 को और दूसरे जहाज, आईएनएस निर्देशक, को 18 दिसंबर 2024 को कमीशन किया गया था। चार बड़े सर्वेक्षण पोतों के लिए अनुबंध पर 30 अक्टूबर 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे।
एसवीएल जहाजों को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा भारतीय शिपिंग रजिस्टर के वर्गीकरण नियमों के अनुसार डिजाइन और निर्मित किया गया है। इस जहाज का उद्देश्य बंदरगाहों और उनके पहुंच मार्गों का पूर्ण पैमाने पर तटीय और गहरे पानी में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना है साथ ही, नौवहन चैनलों और मार्गों का निर्धारण करना है। ये जहाज रक्षा और नागरिक उपयोग के लिए समुद्र विज्ञान और भू-भौतिकीय डेटा भी एकत्र करेगा। लगभग 3400 टन के विस्थापन और 110 मीटर की कुल लंबाई के वाला इक्षक, अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों जैसे डेटा अधिग्रहण एवं संसाधित करने वाली प्रणाली, स्वायत्त अंडरवॉटर वाहन, दूर से संचालित वाहन, डीजीपीएस लंबी दूरी की स्थिति निर्धारण प्रणाली और डिजिटल साइड स्कैन सोनार आदि से लैस है। दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित ये जहाज 18 नॉट से अधिक की गति प्राप्त कर सकता है।
इस जहाज की नींव 6 अगस्त 2021 को रखी गई थी और इसका 26 नवंबर 2022 को जलावतरण किया गया था। सुपुदर्गी से पहले जहाज ने बंदरगाह और समुद्र में परीक्षणों का एक व्यापक कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया है।
इक्षक में लागत के हिसाब से 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। इक्षक की सुपुर्दगी भारत सरकार और नौसेना द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत' को दिए गए प्रोत्साहन का एक प्रमाण है। इसकी सुपुर्दगी हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति को बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में हितधारकों, एमएसएमई और भारतीय उद्योग के सहयोगात्मक प्रयासों का सम्मान है। इसके अलावा, इक्षक महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए आवास के साथ सुपुर्द किया जाने वाला पहला एसवीएल जहाज है।
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(Release ID: 2156516)